गृह ऋण ईएमआई कैलकुलेटर
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ऋण राशि:
₹5000000 -
अवधि (माह):
240 -
ब्याज दर:
8.40 -
की एक समान मासिक किश्त (ईएमआई)
बड़ौदा आवास ऋण एडवांटेज
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BOB Festivanza Offers
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लाभ
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विशेषताएँ
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पात्रता
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ब्याज दर एवं प्रभार
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आवश्यक दस्तावेज़
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सबसे महत्वपूर्ण नियम और शर्तें (एमआईटीसी)
बड़ौदा आवास ऋण एडवांटेज : BOB Festivanza Offers
Benefits:
- ROI starts at 8.40%.
- Special rate offers for: takeover cases/Fully completed/Govt. Projects.
- Special rate concession for Women borrowers, Salary account, Business account and Family account holder.
Features:
- Loans upto 90%.
- Easy Takeover Norms.
- Additionally, waiver in locker fee for first year*.
- Hassle-free processing of loans.
Eligibility Criteria:
- Home Loan for fresh account during the period 11th September 2023 to 31st December 2023 (Account opened and disbursed upto 07th January 2024)
Fees & Charges:
- Nil Processing fee.
- Concessional Upfront Fee.
बड़ौदा आवास ऋण एडवांटेज : लाभ
बड़ौदा आवास ऋण एडवांटेज : विशेषताएँ
- स्वीकृत होम लोन को बचत बैंक खाते के साथ लिंक किया जाएगा.
- इस बचत खाते पर लागू ब्याज की दर शून्य होगी
- इस योजना के अंतर्गत ऋणकर्ता के पास अपने गृह ऋण खाते में ब्याज का अधिकतम लाभ उठाने के लिए लिंक बचत खाते में अपने बचत की समस्त राशि को जमा करने का विकल्प होगा.
- दिवस के अंत में लिंक किए गए सभी एसबी खाते में उपलब्ध जमा राशि की गणणा इससे जुड़े गृह ऋण खाते में जमा किए जाने के लिए की जाएगी. इसके परिणाम स्वरूप ऋणकर्ता को बचत खाते में दैनिक बकाया क्रेडिट बैलेंस की सीमा तक गृह ऋण खाते में ब्याज राशि में कमी का लाभ मिलेगा.
बड़ौदा आवास ऋण एडवांटेज : पात्रता
- निवासी भारतीय
- भारतीय पासपोर्ट धारक अनिवासी भारतीय (एनआरआई) या विदेशी पासपोर्ट धारक भारतीय मूल के व्यक्ति (पीआईओ) या भारत के विदेशी नागरिक (ओसीआई).
उद्देश्य
- गृह/फ्लैट की खरीद /विनिर्माण
- आवासीय प्लॉट की खरीद
- आवासीय प्लॉट की खरीद और गृह निर्माण
- किसी अन्य बैंक/ आवासीय वित्त कंपनी/ गैर बैंकिंग वित्त कंपनी/ वित्तीय संस्थान आदि से टेक ओवर
- मौजूदा मकान का विस्तार/ अतिरिक्त विनिर्माण
- स्वयं के स्त्रोत से गृह/ फ्लैट के विनिर्माण हेतु किए गये व्यय
बड़ौदा आवास ऋण एडवांटेज : ब्याज दर एवं प्रभार
उत्पाद | शर्तें | रेपो रेट + स्प्रेड | प्रभावी ब्याज दर |
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बड़ौदा गृह ऋण एडवांटेज – रु. 75 लाख तक |
शर्तेंवेतनभोगियों के लिए |
Repo Rate + Spreadबीआरएलएलआर - 0.75% से बीआरएलएलआर + 1.45% तक |
Effective Rate of Interest0.00% |
शर्तेंगैर वेतनभोगी के लिए |
Repo Rate + Spreadबीआरएलएलआर - 0.75% से बीआरएलएलआर + 1.45% तक |
Effective Rate of Interest0.00% |
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बड़ौदा गृह ऋण एडवांटेज – रु. 75 लाख से अधिक |
शर्तेंवेतनभोगियों के लिए |
Repo Rate + Spreadबीआरएलएलआर - 0.50% से बीआरएलएलआर + 1.70% तक |
Effective Rate of Interest0.00% |
शर्तेंगैर वेतनभोगियों के लिए |
Repo Rate + Spreadबीआरएलएलआर - 0.50% से बीआरएलएलआर + 1.70% तक |
Effective Rate of Interest0.00% |
* Note:
- Rate of Interest is dependent upon Loan limit and CIBIL Score of the applicant/s.
- Risk Premium of 0.05% will be levied for customers not obtaining credit insurance cover
प्रोसेसिंग शुल्क :
- गैर डीएसए (डिजिटल या गैर-डिजिटल) के माध्यम से प्राप्त टेक ओवर लीड के लिए :
शून्य , यह रु.1,500/- के लॉगिन शुल्क के अधीन है जिसे प्रथम संवितरण के समय वापस किया जाना है
- गैर-डीएसए के माध्यम से प्राप्त केंद्रीय/राज्य/पीएसयू कर्मचारियों को होम लोन के लिए:
शून्य ,यह रु.1,500/- के लॉगिन शुल्क के अधीन है जिसे प्रथम संवितरण के समय वापस किया जाना है.
- अनुमोदित परियोजनाओं से संबंधित होम लोन के लिए (डिजिटल अथवा गैर-डिजिटल):-
शून्य, यह रु. 3,500.00 + जीएसटी के आउट ऑफ पॉकेट व्यय की वसूली के अधीन है (प्रति संपत्ति).
- डिजिटल चैनल के माध्यम से प्राप्त अन्य होम लोन की लीड के लिए:
शून्य, रू. 5,000.00+ जीएसटी से रू. 8,500.00 + जीएसटी तक के आउट ऑफ पॉकेट व्यय की वसूली के अधीन(शर्तें लागू)
- गैर-डिजिटल चैनल के माध्यम से प्राप्त अन्य होम लोन की लीड के लिए:
शून्य, यह रू. 10,000.00 + जीएसटी (प्रति वर्ष) आउट ऑफ पॉकेट व्यय की वसूली के अधीन है (प्रति संपत्ति)
बड़ौदा आवास ऋण एडवांटेज : आवश्यक दस्तावेज़
गृह ऋण के लिए आवश्यक दस्तावेज़ यहां क्लिक करें
बड़ौदा आवास ऋण एडवांटेज : सबसे महत्वपूर्ण नियम और शर्तें (एमआईटीसी)
लक्ष्य समूह
- निवासी भारतीय
- भारतीय पासपोर्ट धारक अनिवासी भारतीय (एनआरआई) या भारतीय मूल के व्यक्ति (पीआईओ) विदेशी पासपोर्ट धारक या भारत के विदेशी नागरिक (ओसीआई).
- स्टाफ सदस्य (सार्वजनिक योजना के अंतर्गत लाभ उठाने वाले)
ऋणकर्ता/ओं की पात्रता
- व्यक्ति एकल या संयुक्त रूप से.
- हिन्दू अविभक्त परिवार (एचयूएफ) पात्र नहीं है.
निवासी भारतीय
आवेदक/ सह-आवेदक न्यूनतम 1 वर्ष (वेतन भोगियों के लिए) और / या 2 वर्ष (गैर-वेतन भोगियों के लिए) की अवधि के लिए नियोजित/ कारोबार /व्यवसायरत में होने चाहिए (पात्रता के लिए जिनकी आय पर विचार किया जाएगा).
(सेवा में अंतराल (ब्रेक), यदि कोई हो, तो अधिकतम 3 माह की अवधि तक इसकी अनुमति दी जा सकती है)
एनआरआई/ पीओआई/ ओसीआई
क) आवेदक/ सह-आवेदक/कों (जिनकी आय पात्रता के लिए मानी जाएगी) न्यूनतम विगत 2 वर्षों के लिए सुप्रसिद्ध भारतीय / विदेशी कंपनी, संस्थान या सरकारी विभाग में नियमित सेवा पर हों, जिनके पास वैध नौकरी करार/ वर्क परमिट धारक हो, नियमित नौकरी होनी चाहिए.
या
नियोजित/ स्व नियोजित या अपनी कारोबार इकाई हो और 2 वर्षों से विदेश में रहते हो.
ख) आवेदक/ सह-आवेदक/कों (पात्रता के लिए जिनके आय को विचार में लिया जाएगा) की न्यूनतम कुल वार्षिक आय रु. 5.00 लाख प्रति वर्ष होनी चाहिए. यदि आवेदक / सह-आवेदक/कों, जिनकी आय पर पात्रता के लिए विचार किया जाएगा, में एनआरआई शामिल है, इस मानदंड के लिए न्यूनतम कुल वार्षिक आय रु. 5 लाख (आवेदक/सह-आवेदक दोनों की आय) होने पर विचार किया जा सकता है.
भारतीय मूल के व्यक्तियों को निम्नानुसार विनिर्दिष्ट किया गया है :-
बांग्लादेश / पाकिस्तान / श्रीलंका / अफगनिस्तान / चीन / इरान / नेपाल और भूटान को छोड़कर अन्य सभी देश के नागरिक यदि–
- उनके पास कभी भी भारतीय पासपोर्ट रहा हो या
- भारतीय संविधान के नागरिकता अधिनियम 1955 के अनुसार वह या उसके माता-पिता या उसके दादा-दादी या नाना-नानी में से कोई भी भारत के नागरिक रहे हों.
- वह व्यक्ति भारतीय नागरिक का पति या पत्नी या उपर्युक्त उप मद (क) या (ख) में उल्लेखित व्यक्ति के संदर्भ में हो.
प्रवासी भारतीय नागरिक (ओसीआई) को निम्नानुसार विनिर्दिष्ट किया गया है :-
- नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 7 ए के अंतर्गत प्रवासी भारतीय नागरिक (ओसीआई) के तौर पर पंजीकृत व्यक्ति.
- दिशानिर्देशों के अनुसार भारत के विदेशी नागरिक को प्रवासी भारतीय मूल का व्यक्ति (पीआईओ) होना अनिवार्य है.
- विदेशी नागरिक, जो दिनांक 26/01/1950 को भारत का नागरिक होने का पात्र था या दिनांक 26/01/1950 को या उसके पहले किसी भी समय भारत का नागरिक थे या दिनांक 15/08/1947 के बाद भारत का अंग बने किसी प्रदेश से थे तथा उसके/ उनके बच्चे या पोता-पोती है, बशर्तें कि उनकी नागरिकता का देश दोहरी नागरिकता को किसी न किसी रूप में या अन्यथा स्थानीय कानून के अंतर्गत स्वीकार करते हो, प्रवासी भारतीय नागरिक (ओसीआई) के रूप में पंजीकरण के लिए पात्र है. ऐसे व्यक्ति के नाबालिग बच्चे भी ओसीआई के लिए पात्र है. तथापि, यदि आवेदक कभी भी पाकिस्तान या बांग्लादेश का नागरिक रहा हो, तो वह ओसीआई के लिए पात्र नहीं होगा.
सह - आवेदक
उच्चतर पात्रता के लिए सह आवेदक के रूप में आवेदक के करीबी रिश्तेदार को शामिल किया जा सकता है.
यदि आवेदक को सह-आवेदक के रूप में किसी ऐसे व्यक्ति को शामिल करना है, जो उसका करीबी रिश्तेदार नहीं है, तो संपत्ति के संयुक्त स्वामी होने पर ही इस पर विचार किया जाएगा.
करीबी रिश्तेदारों की सूची :-
पति/पत्नी, पिता, माता (सौतेली मां सहित), पुत्र (सौतेले पुत्र सहित), पुत्र वधु/बहु, पुत्री (सौतेली पुत्री सहित), पुत्री का पति, भाई /बहन (सौतेली भाई/बहन सहित), भाई की पत्नी, पति या पत्नी की बहन (सौतेली बहन सहित), बहन का पति, पति या पत्नी का भाई (सौतेला भाई सहित).
अधिकतम सीमा
- मुंबई : रु . 20 करोड़
- अन्य मेट्रो : रु. 5.00 करोड़
- हैदराबाद, नई दिल्ली और बेंगलुरु : रु. 7.50 करोड़
- शहरी क्षेत्र : रु. 3.00 करोड़
- अर्द्ध शहरी और ग्रामीण : रु. 1.00 करोड़
- चंडीगढ़ क्षेत्र में ट्राई-सिटी (चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली) : रु 5.00 करोड़
आवेदक/ सह-आवेदक (कों) के आय मानदंड और चुकौती क्षमता तथा एलटीवी/ मार्जिन मानदंडों के अधीन.
चुकौती अवधि
- 36 माह तक की अधिकतम अधिस्थगन अवधि सहित प्रारंभिक रूप से 30 वर्षों की अधिकतम ऋण अवधि.
- 36 माह की अधिकतम अधिस्थगन अवधि निम्नानुसार होगी.
- गृह निर्माण और 7 मंजिलों तक बिल्डिंग के निर्माण के लिए 18 माह की अधिस्थगन अवधि. तत्पश्चात प्रति मंजिल 6 माह अतिरिक्त अधिस्थगन अवधि, कुल 36 माह की अधिकतम अधिस्थगन की शर्तों के अधीन अवधि.
चुकौती क्षमता
प्रस्तावित ईएमआई के साथ कुल कटौतियां निम्न से अधिक नहीं होनी चाहिए :-
वेतनभोगी व्यक्ति
- रु. 25,000 से कम निवल मासिक आय: 40%
- रु. 25,000 से अधिक लेकिन रु. 50,000 से कम निवल मासिक आय: 60%
- रु. 50,000 से अधिक लेकिन रु. 1.00 लाख से कम निवल मासिक आय: 65%
- रु. 1.00 लाख से अधिक लेकिन रु. 2.00 लाख से कम निवल मासिक आय: 70%
- रु. 2.00 लाख से अधिक निवल मासिक आय: 75%
अन्य :-
- रु. 6 लाख तक की औसत निवल वार्षिक आय (पिछले 2 वर्षों के लिए): 70%
- रु. 6 लाख से अधिक औसत निवल वार्षिक आय (पिछले 2 वर्षों के लिए): 80%
मार्जिन मानदंड और मूल्य की तुलना में ऋण (एलटीवी) अनुपात
Same as Regular Baroda Home Loans
आयु
न्यूनतम : ऋणकर्ता – 21 वर्ष, सह- आवेदक - 18 वर्ष
अधिकतम : अधिकतम आयु के लिए 70 वर्ष* की आयु तक विचार किया जा सकता है.
प्रतिभूति
- निर्मित/ खरीदी गई संपत्ति का गिरवी/ मोर्गेज
- यदि गिरवी संभव न हो, तो बैंक अपने विवेकाधिकार पर बीमा पॉलिसी, सरकारी प्रोमिसरी नोट, शेयर और डिबेंचर, सोने के आभूषण आदि के रूप में प्रतिभूति स्वीकार कर सकता है.
चुकौती
- 36 माह की अधिकतम अधिस्थगन अवधि सहित आरंभ में ऋण की अधिकतम अवधि 30 वर्षों की होगी.
- अधिकतम ऋण स्थगन अवधि निम्न अनुसार 36 माह की होगी.
- निर्माणाधीन गृह और 7 मंजिल तक भवन के लिए 18 माह की ऋणस्थगन अवधि और तत्पश्चात प्रति मंजिल 6 माह का अतिरिक्त ऋणस्थगन अवधि, कुल 36 माह की अधिकतम ऋणस्थगन अवधि की शर्तों के अधीन.
- ऋण की चुकौती समान मासिक किश्तों में की जानी है.
- किसानों/ कृषि विशेषज्ञों को, प्रमुख उत्पादित फसलों की कटाई/विपणन के समय छमाही किश्तों में चुकौती की अनुमति दी जा सकती है.
- ऋणस्थगन अवधि के लिए ब्याज की वसूली/ ऋणस्थगन अवधि के दौरान प्रभारित ब्याज को नामे करते समय वसूल की जानी है.
समय-पूर्व बंदी प्रभार
शून्य
ब्याज दर
नियत दर विकल्प : दिनांक 01.07.2010 से वापस ले लिया गया है.
अस्थिर दर: इस ऋण पर ब्याज की वसूली प्रचलित दर से दैनिक घटते हुई शेष राशि पर मासिक आधार पर की जाएगी. ब्याज दर बैंक के एक वर्षीय (एमसीएलआर) से संबद्ध होता है और इसे वार्षिक आधार पर रिसेट किया जाता है. ब्याज दर आवेदक/ सह आवेदक के सिबिल स्कोर के आधार पर निर्धारित किया जाएगा, जो कि बैंक द्वारा समय-समय पर संशोधन के अधीन हैं. (न्यूनतम 1 वर्ष एमसीएलआर से अधिकतम एक वर्ष एमसीएलआर + 1% तक हो सकता है)
अद्यतन ब्याज दर की जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.
एकीकृत प्रोसेसिंग प्रभार
एकीकृत प्रोसेसिंग प्रभारों में निम्नलिखित शामिल है :-
- प्रोसेसिंग प्रभार
- दस्तावेजीकरण प्रभार
- दस्तावेज सत्यापन / पुनरीक्षण प्रभार
- पूर्व-स्वीकृति निरीक्षण (कॉन्टेक्ट पॉइंट सत्यापन-सीपीवी) प्रभार
- एकबारगी निरीक्षण पश्चात प्रभार
- विधिक राय के लिए अधिवक्ता प्रभार
- मूल्यांकन के लिए मूल्यांकनकर्ता प्रभार
- ब्यूरो रिपोर्ट प्रभार
- सरसाई प्रभार
- आईटीआर सत्यापन प्रभार
प्रोसेसिंग प्रभार जानने के लिए यहां क्लिक करें. Click here
ग्रुप क्रेडिट लाइफ इंश्योरेंस कवर
बैंक ऑफ़ बड़ौदा का अपने गृह ऋणकर्ताओं को जीवन बीमा कवर प्रदान करने के लिए मेसर्स इंडिया फ़र्स्ट लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के साथ टाई-अप व्यवस्था है.
यह जीवन बीमा की वैकल्पिक योजना है और ऋणकर्ता को इसका वहन करना होगा जिसकी स्वीकृति के समय बैंक द्वारा इसका निधियन किया जा सकता है जो कि ऋण की समान मासिक किश्त के साथ चुकौती योग्य है.
मेसर्स इंडिया फ़र्स्ट लाइफ इंश्योरेंस कंपनी द्वारा ऑफर किए गए ग्रुप क्रेडिट लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी की प्रमुख विशेषताएं निम्नानुसार है :-
- गृह ऋण ऋणकर्ता ओं के लाभ के लिए वैकल्पिक योजना है और शाखाओं द्वारा ऋणकर्ता/ ओं को उनकी पसंद के अनुसार इंडिया फ़र्स्ट लाइफ इंश्योरेंस से बीमा प्रदाताओं का चयन करने का विकल्प दिया जाएगा.
- यह समूह बीमा योजना है जो ऋणकर्ता की मृत्यु जैसी आकस्मिक घटनाओं के विरुद्ध सुरक्षा प्रदान करती है.
- ऋणकर्ता की मृत्यु हो जाने से उसके परिवार को दावा निपटान राशि तक की ऋण राशि की चुकौती करना आवश्यक नहीं है.
- देय बकाया कवर राशि का कवर शेड्यूल के अनुसार बीमा कंपनी द्वारा भुगतान किया जाएगा.
- ऋणकर्ता की मृत्यु के कारण एनपीए श्रेणी में खाते के स्लिपेज को रोका जा सकता है.
- एकबारगी प्रीमियम भुगतान के एवज में लाइफ कवर उपलब्ध है और प्रीमियम की राशि ऋणकर्ता की आयु, ऋण राशि, ब्याज दर और ऋण की अवधि पर आधरित है.
- ऋणकर्ता के अनुरोध पर कवर प्राप्त करने के लिए प्रीमियम राशि को ऋण के भाग के रूप में दिया जा सकता है और तदनुसार ईएमआई की गणना की जाएगी. लेकिन इन मामलों में एलटीवी अनुपात के संबंध में गृह ऋण दिशानिर्देशों का अनुपालन आवश्यक है.
- प्रीमियम राशि ऋणकर्ता की कुल पात्रता के अनुसार ऋण का भाग हो सकती है, जिसे बैंक द्वारा स्वीकृति के समय प्रदान किया जाएगा एवं ऋण की ईएमआई के साथ वसूली योग्य होगा.
- ऋण को पुरोबंधित (समय पूर्वा बंद) करने के मामले में, बीमा प्रदाता द्वारा भुगतान किए गए प्रीमियम का कुछ हिस्सा लौटाया जाएगा.
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गृह ऋणमें एमओडी क्या है?
गृह ऋण आमतौर पर खरीद/निर्माण की जाने वाली आवासीय इकाई को गिरवी रख कर सुरक्षित किया जाता है. एमओडी (मेमोरेंडम ऑफ डिपॉजिट ऑफ टाइटल डीड) इसकी पुष्टि करता है कि आपने अपनी संपत्ति के टाइटल डीड बैंक को दे दिए हैं और संपत्ति पर बैंक का प्रभार सृजित किया गया है.
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गृह ऋण में एलटीवी क्या है?
LTV लोन टू वैल्यू का संक्षिप्त रूप है यानी आवासीय इकाई के मूल्य के एवज में अधिकतम दिया जाने वाला ऋण.
गृह ऋण के लिए एलटीवी इस प्रकार है-
रु. 30/- लाख तक का ऋण : 90 %
रु . 30/- लाख से अधिक एवं रू. 75/- लाख तक का ऋण : 80%
रु. 75/- लाख से अधिक का ऋण: 75 % -
व्यक्ति की मृत्यु पर गृह ऋण का क्या होता है?
हम आपको ग्रुप क्रेडिट लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी या किसी अन्य टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत गृह ऋण को सुरक्षित करने का सुझाव देते हैं ताकि किसी की मृत्यु के बाद किसी अप्रत्याशित घटना के होने पर गृह ऋण की देनदारी न छूटे. अन्यथा गृह ऋण की देयता बाकी सह-आवेदकों और/या मृतक व्यक्ति के कानूनी उत्तराधिकारियों पर होगी.
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गृह ऋण के लिए सह आवेदक कौन हो सकता है?
उच्च पात्रता के लिए आवेदक के नजदीकी रिश्तेदारों (नीचे दर्शाए अनुसार) को सह-आवेदक के रूप में शामिल किया जा सकता है. यदि आवेदक सह-आवेदक के रूप में किसी ऐसे व्यक्ति को शामिल करना चाहता है जो उसका करीबी रिश्तेदार नहीं है, तो उस पर तभी विचार किया जा सकता है जब वह संपत्ति का संयुक्त मालिक हो. तथापि ऐसे मामलों में, किसी अन्य करीबी रिश्तेदार का नाम, जो संपत्ति का संयुक्त मालिक नहीं है, उच्च पात्रता पर विचार करने के लिए सह-आवेदक के रूप में नहीं जोड़ा जाना चाहिए.
करीबी रिश्तेदारों की सूची: पति या पत्नी, पिता, माता (सौतेली माँ सहित), बेटा (सौतेला बेटा सहित), बेटे की पत्नी, बेटी (सौतेली बेटी सहित), बेटी का पति, भाई / बहन (सौतेला भाई / बहन सहित), भाई की पत्नी, पति या पत्नी की बहन (सौतेली बहन सहित), बहन का पति, पति का भाई (सौतेला भाई सहित). -
गृह ऋण के लिए कौन सा बैंक सबसे अच्छा है ?
बैंक ऑफ बड़ौदा में, हम अपने ग्राहकों को सर्वोत्तम सेवाएं प्रदान करने का प्रयास करते हैं. बैंक ऑफ बड़ौदा ग्राहकों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उपलब्ध विभिन्न प्रकार के गृह ऋण के लिए सर्वोत्तम ऑफर पेश करता है. हम आसान गृह ऋण के लिए बैलेंस ट्रांसफर / टेकओवर का विकल्प भी प्रदान करते हैं।
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गृह ऋृण पर कितना टैक्स बचाया जा सकता है?
आवास ऋण की ईएमआई के दो घटक हैं-
- ब्याज भुगतान
- मूलधन का भुगतान
वर्ष के लिए भुगतान किए गए ब्याज भाग को धारा 24 के तहत अधिकतम 2 लाख रुपये तक की कटौती के रूप में दावा किया जा सकता है, और वर्ष के लिए भुगतान किए गए ईएमआई के मूल भाग को धारा 80 सी के तहत कटौती के रूप में अनुमति दी जाती है। दावा की जा सकने वाली अधिकतम राशि रु.1.50 लाख है।