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मासिक आय योजना (एमआईपी)
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लाभ
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विशेषताएं
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सबसे महत्वपूर्ण नियम और शर्तें (एमआईटीसी)
मासिक आय योजना (एमआईपी) : लाभ
मासिक आय योजना (एमआईपी) : विशेषताएं
उत्पाद प्रकार | मासिक आय योजना उन व्यक्तियों के लिए अनुकूलित है जिन्हें नियमित रूप से अपनी आय को पूरक बनाने के लिए अर्थात प्रति माह निधि की आवश्यकता होती है. इस योजना के अंतर्गत जमा पर ब्याज का भुगतान मासिक आधार पर किया जाता है जिससे प्रति माह में जमा पर अर्जित ब्याज आय का एक अन्य स्रोत बन जाता है. |
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पात्रता |
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जमा की न्यूनतम राशि | न्यूनतम राशि रु.1000 और रु.100 के गुणकों में |
जमा की अधिकतम राशि | कोई अधिकतम सीमा नहीं. |
जमा अवधि |
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ब्याज दर |
जमाराशि की परिपक्वता अवधि के अनुसार. ब्याज का भुगतान मासिक आधार पर रियायती मूल्य पर किया जाएगा.
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नामांकन सुविधा | नामांकन की सुविधा उपलब्ध है. |
स्रोत पर कर कटौती | ब्याज भुगतान प्रचलित आयकर अधिनियम के अनुसार स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) के अधीन है |
ऋण / ओवरड्राफ्ट की उपलब्धता |
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अन्य नियम और शर्तें |
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समय – पूर्व समाप्ति |
जमाराशि पर बैंक में रखी जाने वाली अवधि के लिए लागू दर या संविदागत दर, जो भी इस प्रकार के मामलों में कम हो, पर 1% का दंड ब्याज काटने के बाद ब्याज का भुगतान किया जाना चाहिए.
रू.1 करोड़ से अधिक की जमाराशि के परिपक्वतापूर्व बंदी के लिए निम्नलिखित शर्तें लागू होंगी
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स्वतः नवीकरण | जमाराशि की देय तिथि पर लागू ब्याज दर से 1 वर्ष की अवधि के लिए नवीकृत किया जाएगा, यदि अन्यथा अनुदेश नहीं दिए गए हो. |
मासिक आय योजना (एमआईपी) : सबसे महत्वपूर्ण नियम और शर्तें (एमआईटीसी)
- वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज दर: केवल 1 करोड़ से कम जमा पर रु.0.50% की दर से अतिरिक्त ब्याज देय है.
- स्रोत पर कर कटौती: आयकर नियमों के अनुसार टीडीएस की कटौती की जाएगी. यदि कोई व्यक्ति फॉर्म 15G/15H लागू जमा करता है तो कोई टीडीएस नहीं काटा जाएगा.
- टीडीएस प्रमाणपत्र: सभी ग्राहकों को टीडीएस प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा.
- जमाराशियों के एवज में अग्रिम : यह सुविधा नाबालिग खाते में एकल नाम और एचयूएफ में उपलब्ध नहीं है. यदि ब्याज 2 तिमाहियों से अधिक के लिए जमा नहीं किया जाता है, तो सावधि जमा को तुरंत विभाजित किया जाएगा.
- ग्राहक के अनुरोध पर उपलब्ध ब्याज प्रमाणपत्र.
- जमा प्रमाणपत्र - सावधि जमा रसीद प्रदान की जाती है
- ग्राहक के अनुरोध पर सावधि जमा को एक शाखा से दूसरी शाखा में अंतरित किया जा सकता है.
- भुगतान का माध्यम :परिपक्वता राशि ग्राहक के बचत बैंक / चालू खाते में जमा की जाती है. ऐसे मामलों में जहां ग्राहक के कोई ऑपरेटिव खाते नहीं हैं, रू. 20,000 से कम की परिपक्वता राशि नकद में दी जा सकती है उससे अधिक राशि हेतु डीडी / पे आर्डर जारी किया जाएगा.
- 10 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए अधिकतम रु.1,00,000 तक की राशि के साथ नाबालिग खाते खोले जा सकते हैं.
ब्याज भुगतान :
- भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के अनुसार सावधि जमाराशियों पर ब्याज की गणना तिमाही चक्रवृद्धि अंतराल पर की जाएगी और जमाराशियों की अवधि के आधार पर बैंक द्वारा निर्धारित दर पर भुगतान किया जाएगा. मासिक जमा योजना के मामले में ब्याज की गणना चक्रवृद्धि आधार पर तिमाही के लिए की जाएगी और डिस्काउंटिड वैल्यू पर मासिक भुगतान किया जाएगा. सावधि जमाओं बैंक द्वारा पर ब्याज की गणना भारतीय बैंक संघ द्वारा बताए गए सूत्रों और विधि के अनुसार की जाती है.
- तिमाही और उससे अधिक की जमाराशियों के लिए ब्याज की गणना पूर्ण तिमाहियों के लिए तिमाही चक्रवृद्धि आधार पर की जाती है और जहां अंतिम तिमाही अधूरी होती है वहां ब्याज की गणना वर्ष में 365/366 दिनों को ध्यान में रखते हुए दिनों की वास्तविक संख्या के लिए आनुपातिक रूप से की जाती है.
- जमा रसीद में उल्लिखित परिपक्वता राशि की गणना टीडीएस पर ध्यान दिए बिना की जाती है. छमाही (तिमाही चक्रवृद्धि) के लिए ब्याज की गणना करते समय, पिछली छमाही के लिए गणना किए गए ब्याज (तिमाही चक्रवृद्धि) की राशि में से टीडीएस को घटा कर प्राप्त राशि को चालू छमाही के लिए ब्याज की गणना हेतु मूल राशि में जोड़ा जाएगा.
- 2 तिमाहियों से कम लेकिन 1 तिमाही से अधिक की अल्पावधि जमाराशियों के मामले में पूर्ण तिमाही के लिए साधारण ब्याज का भुगतान किया जाएगा और वर्ष में 365-366 दिनों को ध्यान में रखते हुए शेष दिनों के लिए ब्याज (चक्रवृद्धि किए बिना) दिया जाएगा.
- एक तिमाही से कम की अल्पावधि जमाराशियों के लिए वर्ष में 365-366 दिनों को ध्यान में रखते हुए दिनों की वास्तविक संख्या के लिए अनुपातिक आधार पर ब्याज की गणना की जाती है.
- एफसीएनआर जमाराशियों पर ब्याज का भुगतान विभिन्न परिपक्वता अवधियों के लिए समय-समय पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा निर्धारित पद्धति के अनुसार गणना की गई दरों पर किया जाएगा. एफसीएनआर जमाराशियों पर ब्याज का भुगतान एक वर्ष में 360 दिनों के आधार पर किया जाएगा और प्रत्येक 180 दिनों के अंतराल पर इसकी गणना की जाएगी.
- दिनांक 1 जुलाई, 1995 से सावधि जमाराशियों पर ब्याज भुगतान से स्रोत पर आयकर की कटौती (आयकर अधिनियम 1961 की धारा 194ए) की जाएगी.
- वरिष्ठ नागरिकों के अलावा गैर-कॉर्पोरेट ग्राहक – पैन के साथ फॉर्म नं.15जी (दिनांक 1 अप्रैल, 2010 से प्रभावी).
- वरिष्ठ नागरिक अर्थात् 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के व्यक्ति – पैन के साथ फॉर्म नं.15एच (दिनांक 1 अप्रैल, 2010 से प्रभावी). दिनांक 1 अप्रैल, 2010 से आयकर विभाग ने ऐसे सभी मामलों में, जहां टीडीएस लागू है, कटौती करने वालों द्वारा स्थायी खाता संख्या (पैन) उद्धृत करना अनिवार्य कर दिया है, ऐसा न किए जाने पर 20% की उच्च दर (10% की सामान्य दर के आपेक्ष) या सामान्य दर, जो भी अधिक हो, पर टीडीएस की कटौती होगी. इसके अलावा, दिनांक 1 अप्रैल 2010 से फॉर्म संख्या 15जी / 15एच पर पैन का उल्लेख करना अनिवार्य कर दिया गया है.
- बैंक तिमाही आधार पर कटौती की गई कर की राशि के लिए सिस्टम जनरेटेड कर कटौती प्रमाणपत्र (टीडीएस सर्टिफिकेट) जारी करेगा.
- भारत में आयकर अधिनियम के संबंधित प्रावधानों के तहत एनआरई एवं एफसीएनआर सावधि जमाराशियों पर अर्जित / उपचित ब्याज भारत में कर मुक्त है और इसलिए इन जमाराशियों के संबंध में स्रोत पर कोई कर कटौती नहीं की जाएगी. “एनआरओ जमाराशियों के मामले में” जमाकर्ता प्रत्येक वित्तीय वर्ष की शुरुआत में बैंक द्वारा निर्धारित दस्तावेज प्रस्तुत कर डबल टैक्स अवॉइडेंस एग्रीमेंट (डीटीएए), जो भारत ने विभिन्न देशों की सरकारों के साथ किया है, के तहत कर की कम दरों के लाभ हेतु दावा कर सकता है.
- यदि घोषणापत्र के बिना पैन प्रस्तुत किया जाता है - @30% की दर से टीडीएस की कटौती की जाएगी.
- यदि पैन के बिना घोषणापत्र प्रस्तुत किया जाता है - सामान्य दर या 20% की दर, जो भी अधिक हो, से टीडीएस कीकटौती की जाएगी.
- यदि पैन और घोषणापत्र प्रस्तुत नहीं किया है - @30% की दर से टीडीएस की कटौती की जाएगी.
- सभी ब्याज भुगतानों को रुपये में पूर्णांकित किया जाएगा.
- सावधि जमा खाताधारकों को उनकी जमाराशि रखते समय परिपक्वता की तारीख को जमा खाते को बंद करने या आगे की अवधि के लिए जमा के नवीकरण के संबंध में अनुदेश दिए जा सकते हैं. ऐसे अधिदेश के अभाव में बैंक जमा राशि को निम्नानुसार नवीकृत करेगा.
- यदि जमा राशि एक वर्ष से अधिक अवधि के लिए रखी गई है तो यह नियत तारीख पर प्रचलित दर पर एक वर्ष के लिए स्वतः नवीकृत हो जाएगी.
- यदि जमा राशि एक वर्ष से कम अवधि के लिए रखी गई है तो यह नियत तारीख पर प्रचलित दर पर उसी अवधि के लिए स्वतः नवीकृत हो जाएगी.
तदनुसार बैंक ने निम्नलिखित पद्धति अपनाई है.
“घरेलू सावधि जमाराशि (एक वर्ष से अधिक के लिए रखी गई जमा राशि) के ऐसे सभी मामलों में जहां तिमाही अपूर्ण है वहां ब्याज की गणना पूर्ण तिमाही और वर्ष के 365 / 366 दिनों को ध्यान में रखते हुए वास्तविक दिनों की संख्या के आधार पर की जानी चाहिए अर्थात् ऐसी जमाराशियों पर ब्याज की गणना संपूर्ण तिमाहियों और दिनों के अनुसार की जाएगी
ऐसे मामलों में आयकर की कटौती की जाएगी जहां किसी जमाकर्ता के नाम पर बैंक में उसके एकल नाम पर या संयुक्त रूप से (पहले नाम वाले व्यक्ति के रूप में) रखी गई सभी सावधि जमाराशियों पर प्रदत्त या जमा कुल ब्याज आयकर अधिनियम, 1961 के तहत प्रति वित्तीय वर्ष के लिए निर्दिष्ट सीमा से अधिक है. कर की कटौती खाते को क्रेडिट करते समय या जमाकर्ता को ब्याज का भुगतान करते समय, इनमें से जो भी पहले हो, की जाएगी, जो समय-समय पर कर सीमा हेतु पात्र ब्याज सीमाओं में परिवर्तन के अधीन होगी.
यदि जमाकर्ता प्रति वर्ष अप्रैल माह की समाप्ति से पहले निम्नलिखित फॉर्म जमा करता है, तो कोई कर कटौती नहीं की जाएगी.
तथापि, एनआरओ सावधि जमा पर प्रदत्त / देय किसी भी ब्याज पर विनिर्दिष्ट दरों पर स्रोत पर कर कटौती करना बैंक का सांविधिक दायित्व है. यदि दोहरा कराधान बचाव संधि (डबल टैक्स अवॉइडेंस ट्रीटी) के तहत लागू घोषणापत्र के साथ पैन प्रस्तुत किया जाता है - ग्राहक के निवास के देश में लागू दर पर टीडीएस की कटौती की जाती है.
यदि ग्राहक अवधि में परिवर्तन करना चाहता है या सावधि जमा को समयपूर्व आहरित करना चाहता है, तो ग्राहक के लिखित अनुरोध पर इसकी अनुमति है. प्रतिदेय (कॉलेबल) योजना के अंतर्गत रखी गई जमाराशियों के मामले में थोक जमाराशि का समयपूर्व आहरण बैंक के विवेकाधिकार पर किया जाता है.
बल्क डिपॉजिट (थोक जमा) (2 करोड़ रुपये से अधिक)
- रु 2 करोड़ और उससे अधिक की राशि के सावधि जमा को थोक जमा कहा जाता है. (आरबीआई/2018-19/128, डीबीआर.डीआईआर.बीसी.सं.27/13.03.00/2018-19 दिनांक 22.02.2019).
- यदि एक ही दिन में रु. 2.00 करोड़ और उससे अधिक की एकाधिक जमाराशियां जारी की जाती हैं, लेकिन उनकी परिपक्वता की तारीख भिन्न हैं, तो यह थोक जमा को विभाजित करने योग्य नहीं होगा. साथ ही एक ही दिन में सृजित कई जमाराशियां, जो समान परिपक्वता अवधि के साथ रु. 2.00 करोड़ और उससे अधिक की है, लेकिन विभिन्न विशिष्ट प्रयोजनों के लिए, थोक जमाराशियां के विभाजित करने योग्य नहीं होंगी, बशर्ते कि ग्राहक इस हेतु सहायक दस्तावेज़ प्रस्तुत करें
मृतक के जमा खाते में बकाया राशि का निपटान
- यदि जमाकर्ता ने बैंक के साथ नामांकन पंजीकृत किया है, तो मृतक जमाकर्ता के खाते में बकाया राशि को बैंक द्वारा नामिति की पहचान आदि के बारे में पुष्टि किए जाने के बाद नामिति के खाते में अंतरित किया जाएगा. विधिक उत्तराधिकारियों के प्रतिनिधि के रूप में नामिति को भुगतान किया जाएगा.
- उपर्युक्त प्रक्रिया का अनुपालन संयुक्त खाते के संबंध में भी किया जाएगा जहां बैंक में नामांकन पंजीकृत है.
- संयुक्त जमा खाते में, जब संयुक्त खाताधारकों में से किसी एक की मृत्यु हो जाती है, तो बैंक को मृत व्यक्ति के विधिक उत्तराधिकारियों और जीवित जमाकर्ता को संयुक्त रूप से भुगतान करना होता है. तथापि, यदि संयुक्त खाताधारकों ने खाते में बकाया शेष के निपटान के लिए "कोई भी या उत्तरजीवी", "पूर्ववर्ती / उत्तरवर्ती या उत्तरजीवी", उत्तरजीवी में से कोई एक या उत्तरजीवी आदि के रूप में अधिदेश प्रदान किया था; मृतक के उत्तराधिकारियों द्वारा विधिक दस्तावेजों की प्रस्तुति में विलंब से बचने के लिए अधिदेश के अनुसार भुगतान किया जाएगा.
- संयुक्त नाम से धारित मीयादी जमा खाते में यदि परिचालन अनुदेश "कोई भी या उत्तरजीवी", "पूर्ववर्ती या उत्तरजीवी", जब जमाकर्ताओं में से एक की मृत्यु हो जाती है, तो परिपक्वता पर उत्तरजीवी को भुगतान किया जाएगा. यदि समय-पूर्व भुगतान की मांग की जाती है, तो मृतक के विधिक उत्तराधिकारियों की सहमति प्राप्त करने के बाद ही इसकी अनुमति दी जाएगी.
- नामांकन न होने पर तथा जब दावेदारों के बीच कोई विवाद नहीं होता है, बैंक संयुक्त आवेदन के एवज में सभी विधिक वारिसों को तथा सभी कानूनी वारिसों द्वारा भुगतान प्राप्त करने के लिए चयनित व्यक्ति द्वारा बैंक के निदेशक मंडल द्वारा अनुमोदित सीमा तक विधिक दस्तावेजों पर जोर दिए बिना उनकी ओर से क्षतिपूर्ति के एवज में मृतक व्यक्ति के खाते की बकाया राशि का भुगतान करेगा. यह सुनिश्चित करने के लिए है कि कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करने में विलंब के कारण सामान्य जमाकर्ताओं को कठिनाई न हो.
मृतक खाते में सावधि जमा राशि पर देय ब्याज
- जमा की परिपक्वता तारीख से पहले जमाकर्ता की मृत्यु के मामले में तथा परिपक्वता की तारीख के बाद जमा राशि का दावा किया जाता है, तो बैंक परिपक्वता की तारीख तक अनुबंधित दर पर ब्याज का भुगतान करेगा. बैंक की नीति के अनुसार परिपक्वता की तारीख से भुगतान की तारीख तक, परिपक्वता की तारीख के बाद की अवधि के लिए जिस अवधि के लिए जमाराशि बैंक में रखी गई थी उस अवधि के लिए लागू दर पर बैंक साधारण ब्याज का भुगतान करेगा.
- तथापि, अतिदेय जमा की परिपक्वता तारीख के बाद जमाकर्ता की मृत्यु के मामले में, बैंक परिपक्वता की तारीख से भुगतान की तारीख तक परिपक्वता की तारीख को लागू बचत बैंक जमा दर पर ब्याज का भुगतान करेगा.
सावधि जमा का समयपूर्व आहरण
जमाकर्ता के अनुरोध पर बैंक अपने विवेकाधिकार पर जमाराशि रखने के समय, जमा की अवधि पूरी होने से पहले सावधि जमा के आहरण की अनुमति दे सकता है. जमा की स्वीकृति के समय पेनाल्टी की सूचना जमाकर्ता को स्पष्ट रूप से दी जानी चाहिए और यदि नहीं, तो कोई पेनाल्टी नहीं लगाया जाएगा. सावधि जमा के समय - पूर्व आहरण के लिए दंडात्मक ब्याज दर नीति निम्नानुसार है.
- न्यूनतम 12 माह की अवधि के लिए बैंक में रखे गए रु. 5 लाख तक की जमा राशि के समय - पूर्व भुगतान के लिए कोई दंड नहीं लगाया जाएगा. ऐसे मामलों में बिना दंड के समय - पूर्व भुगतान के लिए लागू ब्याज दर जमाराशि स्वीकार करने की तारीख (अर्थात करार की तारीख) पर लागू ब्याज दर के अनुसार होगी, जिसके लिए जमा राशि वास्तव में बैंक में रखी गई हो या अनुबंधित दर जो भी कम हो.
- 12 माह से कम अवधि के लिए रखी गई सभी जमाराशियों के समय - पूर्व आहरण के लिए जो रु. 5 लाख से अधिक के अंकित मूल्य की सभी जमा राशिओं के लिए जमा राशि रखते समय लागू दर या जमा राशि वास्तव में रखी गई है या अनुबंधित दर, जो भी कम हो, से एक प्रतिशत कम ब्याज का भुगतान किया जाएगा.
- मृतक जमाकर्ता के खातों में दावों के निपटारे पर दंड से छूट दी जाएगी तथा दो या दो से अधिक संयुक्त जमाकर्ता जहां जमाकर्ताओं में से किसी एक की मृत्यु हो जाती है, तो लागू दर पर ब्याज का भुगतान किया जाएगा.
- रु. 1 करोड़ और उससे अधिक (किसी भी अवधि के लिए) के लिए सावधि जमा के समय - पूर्व भुगतान के लिए बैंक के विवेकाधिकार के अनुसार दंड की अनुमति होगी. रु. 1 करोड़ और उससे अधिक की जमाराशियों के समय - पूर्व भुगतान के मामले में निम्नलिखित शर्तों का अनुपालन करना होगा.
- रु. 1 करोड़ और उससे अधिक की जमाराशि के समय - पूर्व आहरण पर बैंक में रखी गई अवधि के लिए लागू ब्याज दर से @1.5% की दर से दंड लगाया जाएगा.
- फ्लेक्सी सावधि जमा तथा 31 दिनों तक की अवधि की जमा राशि को छोड़कर शेष सभी जमाराशियों के समय – पूर्व आहरण के लिए ग्राहक को न्यूनतम 31 दिन पहले आहरण की सूचना देनी होगी.
- तथापि, ग्राहक के पास जमाराशि खोलने या जमाराशि के नवीकरण की तारीख तक रिलुक के लिए 14 दिनों की अवधि होगी. रिलुक अवधि के दौरान 31 दिनों के नोटिस की शर्त लागू नहीं होगी. इसे जारी करने की तारीख से 14 दिनों के भीतर जमा राशि के समय - पूर्व समाप्ति की अनुमति दी जाएगी, लेकिन अगर जमा राशि को 7 दिनों की समयावधि के पहले बंद किया जाता है तो ब्याज देय नहीं होगा. यदि सावधि जमा को 7 दिनों के बाद बंद किया जाता है, तो बैंक में रखी गई उस अवधि के लिए ब्याज का भुगतान किया जाएगा. जमा या नवीकरण की तारीख पर लागू ब्याज दर या प्रचलित कार्ड दर से 1.5% दंड प्रभारित किया जाएगा. क्षेत्रीय प्राधिकारी को 14 दिनों के बाद खाते की समय - पूर्व समाप्ति की अनुमति प्रदान करने का अधिकार है, बशर्ते कि लागू दर पर @ 1.5% का दंड प्रभारित किया जाए.
- सामान्य परिस्थितियों में संयुक्त जमा को समय से पहले बंद करने की अनुमति केवल तभी दी जाएगी जब सभी जमाधारक इस आशय के अनुरोध पर हस्ताक्षर करें. कोई भी या उत्तरजीवी, पूर्ववर्ती या उत्तरजीवी, उत्तरवर्ती या उत्तरजीवी और कोई भी या उत्तरजीवी जैसे परिचालन अनुदेशों के साथ सावधि जमा के मामले में तथा संयुक्त धारकों में से एक की मृत्यु की स्थिति में, संबंधित अनुदेशों के अभाव में केवल तभी जब मृतक के विधिक उत्तराधिकारी इस प्रकार के समयपूर्व समाप्ति के लिए सहमत हों तो ऐसी जमा राशि को समय पूर्व बंद कर दिया जाएगा. ऐसे मामलों में जहां बैंक के पास संबंधित अधिदेश उपलब्ध है, ऐसी जमाराशियों को समयपूर्व समाप्ति उत्तरजीवियों के पक्ष में अनुमति दी जाएगी.
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What is a MIP scheme in FD?
- The Monthly Income Plan (MIP) scheme is intended for individuals who regularly need a source of supplemental income each month.
- Under the MIP scheme, interest on deposit is paid at a discounted rate on a monthly basis.Interest earned on each deposit serves as an additional source of income.
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What is the interest rate of the BOB Monthly Income Scheme Fixed Deposit?
Please refer Bank of Baroda website for the bank’s latest rate of interest. However, as of today i.e. 25/04/2023, the interest rate on FDs for the tenure of 12 months to 120 months ranges in the bracket of 6.5 to 6.75 %.
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What is the minimum investment amount required in MIP FD?
The minimum amount required to invest in Baroda fixed deposit monthly income plan is Rs. 1000/- and in multiples of Rs. 100/-.
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What is the benefit of MIP?
The benefits of the MIP scheme are:
- Interest on the deposit is paid at a discounted rate on a monthly basis.
- Overdraft / Loan against deposit provided on demand up to 95% of the outstanding balance in the account as on the date of the loan.
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How does MIP work?
Under the MIP scheme, interest on deposit is paid on a monthly basis at a discounted rate. Interest earned on deposit becomes another source of income.