आजादी का अमृत महोत्सव
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आजादी के पश्चात विगत 75 वर्षों में भारत का तेजी से विकास हुआ है. कृषि, विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्रों ने इस परिवर्तन को लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. वित्तीय क्षेत्र ने भारत और विदेशों में ग्राहकों को सभी बैंकिंग सेवाएं प्रदान करते हुये इस अभूतपूर्व वृद्धि में उत्प्रेरक की भूमिका निभाई है.
वर्ष 1969 में वाणिज्यिक बैंकों के राष्ट्रीयकरण के साथ भारत ने 1970 के दशक में बैंकिंग आउटरीच की यात्रा शुरू की, उसके बाद वर्ष 1975 में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की शुरुआत और वर्ष 1980 एवं 1990 में स्वयं सहायता समूह कार्यक्रमों की शुरुआत की गई तथा वर्ष 2000 में बैंकिंग व्यवसाय प्रतिनिधियों (बीसी) की सेवाओं की शुरूआत हुई. वर्ष 2000 के पूर्वार्द्ध में बैंकिंग आउटरीच को और अधिक गति तब मिली जब भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों से आग्रह किया कि व्यापक वित्तीय समावेशन सुनिश्चित करने के लिए 'शून्य' या बहुत कम न्यूनतम शेष के साथ एक बेसिक बैंकिंग 'नो फ्रिल्स' खाता उपलब्ध कराएं. बैंकिंग आउटरीच में एक और मील का पत्थर भारत सरकार द्वारा 2014 में प्रधान मंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) की घोषणा थी, जिसका उद्देश्य जनता को सस्ती दरों पर बुनियादी वित्तीय सेवाएं प्रदान करना था. इन प्रयासों से बैंक खातों की संख्या और अर्जित जमाराशि दोनों ही मामलों में बैंकिंग आउटरीच को मिली एक बड़ी सफलता ने उसके फलक को बदल दिया.
बैंक ऑफ बड़ौदा, जिसने वर्ष 1947 तक क्षेत्र विशेष तक सीमित रहते हुए बैंकिंग परिचालन की शुरुआत की थी, आजादी के पश्चात वर्ष 1953 में राष्ट्रीय दायरे से बाहर निकलते हुये केन्या स्थित मोम्बासा में पहली अंतर्राष्ट्रीय शाखा खोलकर विदेशों में अपना विस्तार आरंभ किया. आज हम देश के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में से एक हैं और बैंकिंग आउटरीच की दिशा में सभी कार्यक्रमों और योजनाओं में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं.
वैश्विक महामारी के दौरान सुरक्षित बैंकिंग वातावरण के सिद्धांतों का पालन करते हुए बाधारहित बैंकिंग अनुभव सुनिश्चित करने के हमारे मंत्र “'ग्राहक और कर्मचारी सबसे पहले” ने हमें प्रेरित किया. महामारी वर्ष के दौरान भी बैंक सभी सरकारी नीतियों को लागू करते हुए आत्मनिर्भर भारत के अभियान में सबसे अग्रणी रहा, जिसके माध्यम से हमारी अर्थव्यवस्था के लिए एक जटिल समय में लिक्विडिटी का संचार करते हुए रिटेल और एमएसएमई ग्राहकों को बड़ी राहत प्रदान की गई.
बैंकिंग सुविधा से वंचित क्षेत्रों में बैंकिंग सुविधाएं पहुंचाने में नवोन्मेषिता की काफी महत्वपूर्ण भूमिका रही. डिजिटल बैंकिंग अनुभव प्रदान करने की दृष्टि से दूरस्थ क्षेत्रों के ग्राहकों को उनके फीचर फोन पर फोन बैंकिंग के माध्यम से विभिन्न सेवाओं यथा ऑटो ऋण, क्रेडिट कार्ड आदि के लिए आवेदन करने हेतु सक्षम बनाया गया.
देश की आजादी के 75 वर्ष पूरा होने पर हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 75 वर्षों के इस उत्सव के आयोजन के लिए 5 बिन्दुओं का निर्धारण किया है - स्वाधीनता संग्राम, 75 पर विचार, 75 पर उपलब्धियां तथा 75 पर कार्य , 75 पर संकल्प. श्रेष्ठतम सेवाएँ प्रदान करने के अपने संकल्प एवं सरकार के कार्यक्रम को प्रत्येक नागरिक तक पहुंचाने की प्रतिबद्धता के तहत हम अपने सभी ग्राहकों से आगामी 75 सप्ताह में आयोजित किए जाने वाले ‘जन उत्सव’ के कार्यक्रमों/ गतिविधियों में भाग लेने हेतु अनुरोध करते हैं.