अपने सपने को पूरा करने के लिए समुचित प्रयास करें.


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डिमैट खाता : आधारभूत सेवाएं

आधारभूत सेवाएं

बैंक ऑफ बड़ौदा, भारत का अंतर्राष्ट्रीय बैंक सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विस लि. के साथ-साथ नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड का डिपॉजिटरी प्रतिभागी है.

डिपॉजिटरी अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत बैंक ऑफ बड़ौदा निवेशकों एवं पूंजी बाजार के अन्य प्रतिभागियों जैसे व्यक्ति, अनिवासी भारतीय, विदेशी संस्थागत निवेशक, ट्रस्ट, क्लीयरिंग हाउस, वित्तीय संस्थाएं, क्लीयरिंग सदस्य एवं म्युचुअल फंड को विविध सेवाएं प्रदान करता है. इनमें खातों का रखरखाव, डिमैटेरियलाइजेशन, मार्केट ट्रांसफर के माध्यम से व्यापार का निपटान, मार्केट ट्रांसफर एवं अंतर डिपॉजिटरी ट्रांसफर और नगद कॉर्पोरेट भुगतानों का वितरण एवं नामांकन/हस्तांतरण जैसी आधारभूत सुविधाएं शामिल हैं

एनएसडीएल द्वारा दी जाने वाली विभिन्न सेवाओं का लाभ उठाने के लिए किसी निवेशक/ब्रोकर/एक अनुमोदित मध्यस्थ (ऋण एवं ऋण प्रदान करने हेतु) द्वारा अपने किसी भी डीपी के साथ एक एनएसडीएल डिपॉजिटरी खाता खोलना आवश्यक है.

सीडीएसएल द्वारा प्रदान की जाने वाली विभिन्न सेवाओं का लाभ उठाने हेतु किसी निवेशक/ब्रोकर/किसी अनुमोदित मध्यस्थ को अपने डीपी के साथ सीडीएसएल डिपॉजिटरी खाता खोलना आवश्यक है.


डिमैट खाते की विशेषताएं
  • नि: शुल्क खाता खोलना
  • प्रथम वर्ष के दौरान कोई खाता रखरखाव शुल्क नहीं
  • नि: शुल्क एसएमएस अलर्ट सुविधा
  • नि: शुल्क अस्बा (ब्लॉक हुई राशि द्वारा समर्थित ऐप)
  • नि: शुल्क नामांकन
  • पारदर्शी सेवा शुल्क
  • कोई छुपी हुई लागत नहीं
  • नि: शुल्क मासिक लेनदेन विवरणी
  • अपने सीडीएसएल डिमैट खाते में प्रतिभूतियों को ऑनलाइन देखने की सुगम/सरलतम सुविधा उपलब्ध.
  • आइडिया/स्पीड - एनएसडीएल डिमैट में अपनी प्रतिभूतियों को ऑनलाइन देखने की ई-सुविधा उपलब्ध है.

डीमैट खाता कैसे खोलें ?
  • आप इसकी साइट से खाता खोलने का फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं, तत्पश्चात इसे विधिवत भरकर हमारी डीमैट अधिकृत शाखा में जमा कर दें.
  • खाता खोलने के लिए आप साइट पर डीमैट सेवा प्रदान करने वाली अधिकृत शाखाओं को देख सकते हैं.
  • आप सीडीएसएल डिपॉजिटरी के साथ एकल धारक के लिए ऑनलाइन डिमैट व ट्रेडिंग खाता के लिए आवेदन कर सकते हैं.

डीमैट खाता खोलने हेतु आवश्यक दस्तावेज
  • खाता खोलने का फॉर्म
  • पैन कार्ड की प्रति
  • आधार कार्ड की प्रति
  • अद्यतन पते का प्रमाण
  • एक निरस्त किए गए चेक का पन्ना अथवा बैंक विवरण की प्रति (3 माह से अधिक पुराना नहीं)
  • दो पासपोर्ट आकार के फोटोग्राफ

निवेशक के ध्यानार्थ
  • आईपीओ की सदस्यता ग्रहण करते समय निवेशकों द्वारा चेक जारी करना आवश्यक नहीं है. आबांटन के मामले में भुगतान हेतु अपने बैंक को अधिकृत करने के लिए अपना बैंक खाता क्रमांक लिखें और आवेदन पत्र पर हस्ताक्षर करें. धन वापसी की कोई चिंता नहीं होती क्योंकि राशि निवेशक के ही खाते में जमा रहता है.
  • अपने डीमैट/ट्रैडिंग खाते में अनधिकृत लेनदेन को रोकें. अपने डिपॉजिटरी प्रतिभागी स्टॉक ब्रोकर को अपना मोबाइल नंबर/ ईमेल आईडी अपडेट करें. एनएसडीएल/ सीडीएसएल स्टॉक एक्सचेंज से आपके डीमैट/ट्रेडिंग खाते में हुए डेबिट और अन्य महत्वपूर्ण लेनदेन से संबंधित अलर्ट उसी दिन अपने मोबाइल/ ईमेल आईडी पर प्राप्त करें......... निवेशकों के हित में जारी.
  • प्रतिभूति बाजार में संव्यवहार के लिए केवाईसी एक बार किया जाने वाला कार्य है. एक बार पंजीकृत इंटरमीडिएरी (ब्रोकर, डीपी, म्यूच्यूअल फंड आदि) में केवाईसी की औपचारिकता पूरा करने पर कभी दूसरे इंटरमीडियरी के पास जाने से इस प्रक्रिया को दुहराना आवश्यक नहीं है.
  • डीमैट संबंधी मामलों के लिए आप हमें demat@bankofbaroda.com पर लिखे सकते हैं.
  • ट्रेडिंग संबंधी मामलों के लिए आप हमें contactus@bobcaps.in पर लिखे सकते हैं.

यदि आप डिपॉजिटरी प्रतिभागी के रुख से संतुष्ट नहीं है तो निम्न स्टॉक एक्सचेंज/ डिपॉजिटरी से संपर्क किया जा सकता है:

एक्सचेंज वेब पता संपर्क नं इ-मेल आईडी
बीएसई www.bseindia.com 022 22728517 is@bseindia.com
एनएसई www.nseindia.com 1800220058 ignse@nse.co.in
एमसीएक्स-सीएक्स www.mcx-sx.com 022 61129000 info@mcx-sx.com

डिपॉजटरी वेब पता संपर्क नं ई-मेल आईडी
सीडीएसअल www.cdslindia.com 18002005533 complaints@cdslindia.com
एनएसडीएल www.nsdl.co.in 02224994200 relations@nsdl.co.in

आप अपनी शिकायतों को http://scores.gov.in . पर सेबी को भी दर्ज कर सकते हैं. किसी भी पूछताछ फीडबैक अथवा सहायता के लिए सेबी कार्यालय के टोल फ्री नंबर 1800 122 7575/1800 266 7575 पर संपर्क करें.

स्कोर्स (SCORES) पर शिकायत दर्ज करना – आसान एवं त्वरित
  • SCORES पोर्टल पर रजिस्टर करें
  • SCORES पर शिकायत दर्ज करने हेतु अनिवार्य विवरण
  • नाम, पैन,पता, मोबाइल क्र, ई-मेल
  • लाभ:
    1. प्रभावी संचरण
    2. शिकायतों का तीव्र निस्तारण

SMART ODR

Customer can also register their complaint at Securities Market Approach for Resolution Through ODR Portal
(SMART ODR Portal): https://smartodr.in/login

डिमैट खाता : प्रदत्त सेवाएं

डिमैट खाता प्रदत्त सेवाएं

इन खातों में डीपी द्वारा प्रदान की जाने वाली विभिन्न सेवाएं इस प्रकार हैं.:


स्थायी निर्देश सुविधा

ग्राहक से निर्देश प्राप्त होने पर डीपी किसी लाभार्थी के खाते से अथवा में प्रतिभूतियों के अंतरण हेतु एडवाइस की प्रविष्टि करता है. ग्राहकों द्वारा अपने खाते से प्रतिभूतियों को अंतरित कराने हेतु डिलीवरी निर्देश दिया जाना आवश्यक है एवं उनके खाते में जमा कराने के लिए जमा निर्देश होना जरूरी है. तथापि परिचालन की सुविधा के लिए ग्राहकों को उनके बिना किसी अन्य निर्देश के खातों में प्रतिभूतियां की जमा प्राप्त करने हेतु स्थाई अनुदेश की सुविधा प्रदान की जाती है.


पते में परिवर्तन

ग्राहक अपने पते में हुए परिवर्तन को लिखित रूप में प्रस्तुत करके इसे बदलने का अनुरोध कर सकते हैं. डीपी को सूचित किए गए परिवर्तनों को स्वचालित रूप से उन सभी कंपनियों को सूचित किया जाएगा जिनमें डिमैटेरियलाइज्ड रूप में शेयर रखा गया है.

व्यक्तियों के मामले में निम्न आवश्यकताओं का अनुपालन किया जाना चाहिए :

  • ग्राहक को डीमेट अधिकृत शाखा में स्वयं जाना चाहिए.
  • संयुक्त धारकों के मामले में सभी धारको का संशोधन फार्म पर हस्ताक्षर करना अनिवार्य है.
  • अनुरोध फार्म में किसी प्रकार का निरस्तीकरण किए जाने पर, इसे ग्राहकों (कों) द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित कराना आवश्यक है.
  • केआरए दिशानिर्देशों के अनुरूप शाखा में जाने वाले ग्राहक (एकमात्र धारक अथवा धारकों में से कोई एक) के पहचान प्रमान पत्र (पैन कार्ड अनिवार्य) की स्वयं सत्यापित प्रति.
  • नए पते के मूल दस्तावेजों के साथ नए पते के प्रमाण (चेक लिस्ट में दर्शाए गए दस्तावेजों की सूची में से किसी एक की छाया प्रति) का स्वयं सत्यापित प्रति.

गैर व्यक्तियों के मामले में निम्न आवश्यकताओं का अनुपालन जरूरी है :

  • कार्पोरेट इकाई के परिवर्तन के लिए सभी प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ताओं द्वारा हस्ताक्षरित आवेदन प्रस्तुत करना आवश्यक है.
  • पते में परिवर्तन के लिए आवेदन के साथ निम्न दस्तावेजों को जमा करना अनिवार्य है.
  • प्राधिकृत हस्ताक्षकर्ताओं द्वारा विधिवत सत्यापित कॉर्पोरेट के पैन कार्ड की प्रति.
  • इसे जमा करने हेतु शाखा में जाने वाले अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता के पैन की स्वयं सत्यापित प्रति
  • पते में परिवर्तन के लिए अधिकृत हस्ताक्षरकर्ताओं में से किसी एक को आवश्यक दस्तावेजों सहित शाखा में जाना चाहिए और शाखा के अधिकारियों की उपस्थिति में एक बार पुनः आवेदन पर हस्ताक्षर करना चाहिए.

पहचान का प्रमाण
  • शाखा में जाने वाले खाताधारक के पैन कार्ड की छाया प्रति/पैन की प्रति जमा न होने पर अनुबंध रद्द हो जाएगा.

पते का प्रमाण (प्राथमिक खाताधारक से प्राप्त किया जाए)
  • आधार कार्ड
  • पासपोर्ट
  • मतदाता पहचान पत्र
  • ड्राइविंग लाइसेंस
  • बिजली बिलों की सत्यापित प्रतियां (3 माह से ज्यादा पुरानी नहीं)
  • निवास पर लगे स्थायी टेलीफोन का बिल (3 माह से ज्यादा पुरानी नहीं)
  • लीव एवं लाइसेंस करार/बिक्री करार
  • अपने नए खाते में परिवर्तित पता देने के संबंध में उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों द्वारा स्व घोषणा पत्र
  • पहचान पत्र/केंद्र/राज्य सरकार एवं इसके विभागों सांविधिक/विनियामक प्राधिकारियों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों/लोक वित्तीय संस्थानों, पेशेवर निकाय जैसे आईसीएआई, आईसीएडब्ल्यूएआई एवं बार काउंसिल द्वारा जारी फ्लैट आबंटन पत्र.
  • 3 महीने का बैंक विवरण/पासबुक (3 माह से ज्यादा पुराना नहीं) - दस्तावेज जमा करने की तारीख को

बैंक खाता विवरण

खाता खोलने के समय ग्राहक के बैंक खाते का विवरण जिसमें बैंक द्वारा जारी एमआईसीआर चेक पर प्रदर्शित बैंक के 9 अंकों का कोड डीपी को जमा करना आवश्यक है. कंपनियां इसके दुरुपयोग को प्रतिबंधित करने के लिए लाभांश/ब्याज वारंट पर इसे प्रिंट कराने हेतु इस सूचना का उपयोग करती है. यदि ग्राहक इस बैंक खाते के विवरण को बदलना चाहे तो वह लिखित रूप में परिवर्तन दर्शाते हुए इसके संशोधन फॉर्म एवं निरस्त चेक की प्रति के माध्यम से आवेदन कर सकता है.


नामांकन
  • कोई भी ग्राहक अपने डीपी को नामांकन फॉर्म जमा करके किसी व्यक्ति के पक्ष में अपने खाते का नामांकन कर सकता है. ऐसे नामांकन को खाते में सभी प्रतिभूतियों संबंधी खाताधारक के खाते के निपटान का निर्णायक (अंतिम) प्रमाण पत्र माना जाता है.
  • नामिति की नियुक्ति केवल व्यक्तियों द्वारा की जा सकती है. सोसायटी, ट्रस्ट, कॉर्पोरेट निकाय, साझेदारी फॉर्म, हिंदू अविभक्त परिवार के कर्ता सहित गैर व्यक्ति व मुख्तारनामा धारक किसी को नामित नहीं कर सकते हैं. किसी नाबालिग को नामिति के रूप में नियुक्त किए जाने पर अभिभावक का नाम व पता प्राप्त करना आवश्यक है.
  • खाताधारक (कों) द्वारा अपनी शाखा में विधिवत भरे हुए फॉर्म को जमा करके नामांकन में कभी भी परिवर्तन किया जा सकता है अथवा इसे डिलीट कराया जा सकता है.
  • एनएसडीएल द्वारा परिपत्र क्र. NSDL/POLICY/2016/0096 दिनांक 01 दिसंबर, 2016 एवं सीडीएसएल ने अपने परिपत्र क्र. CDSL/OPS/DP/SYSTM/6250 दिनांक 17 नवंबर, 2016 द्वारा डीमैट खाते में एकाधिक नामांकन की सुविधा प्रदान की है. डीमैट खाते में 3 नामितियों तक नामांकन किया जा सकता है. ग्राहक को अपने द्वारा नामांकित प्रत्येक व्यक्ति के लिए निर्धारित शेयर का प्रतिशत दर्शाना आवश्यक है जो कि 100 प्रतिशत तक होगा. लाभार्थी स्वामी को प्रत्येक नामित व्यक्ति के लिए आबंटित शेयर का प्रतिशत नहीं दर्शाने पर डिफॉल्ट विकल्प के तौर पर सभी नामितियों के बीच समान रूप से दावों का निपटान किया जाएगा. बंटवारे के पश्चात किसी भी ऑड लॉट को फॉर्म में दर्शाए प्रथम नामित व्यक्ति को हस्तांतरित किया जाएगा.

डिमैटेरियलिजेशन

डिमैटेरियलिजेशन एक ऐसी प्रक्रिया है जिससे कोई ग्राहक अपने भौतिक प्रमाणपत्रों को इलेक्ट्रॉनिक रुप में परिवर्तित कर सकता है


रिमेटेरियलाइजेशन

रिमेटेरियलाइजेशन किसी डीमैट खाते में इलेक्ट्रॉनिक रूप से रखी प्रतिभूतियों को डीमैट खाते से डेबिट करने के उपरांत समान संस्था में भौतिक रूप (प्रमाण पत्र) में परिवर्तन किए जाने की प्रक्रिया है.


ट्रांसपोजिशन सह डीमैट

यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके अंतर्गत संयुक्त रूप से संचित प्रतिभूतियों को समान संयुक्त धारकों, जिनके नामों का अनुक्रम अलग-अलग हो, के खाते में विभाजित किया जा सकता है. जैसे X एवं Y के संयुक्त नामों से रखी गई प्रतिभूतियों को डीपी में डिमैटेरियलाइजेशन अनुरोध फॉर्म के साथ ट्रांसपोजिशन फॉर्म नामक एक अतिरिक्त फॉर्म जमा करके X एवं Y के नाम से खोले गए खाते में डिमेटेरियलाइज किया जा सकता है.


खाते का समेकन

कुछ ग्राहकों ने बहुत से शेयरों एवं नामों के अनुक्रम में रखे शेयरों को डिमैटेरियलाइज्ड करने के लिए कई खाते खोले होंगे. हालांकि उन्हें अपनी प्रतिभूतियों को डिमैटेरियलाइजेशन के पश्चात इतने खाते की आवश्यकता नहीं होती और वे अपने शेयरों को एक अथवा कुछेक खातों में ही रखना चाहते हैं. ऑफ मार्केट अकाउंट ट्रांसफर निर्देश का उपयोग करके इनका समेकन किया जा सकता है.


खाता बंद करना

अपना डीमैट खाता बंद करने के लिए आपको इसके लिए निर्धारित प्रपत्र में आवेदन करना आवश्यक है. खाता बंद करने का फॉर्म वेबसाइट पर तथा डीमैट सेवा प्रदान करने वाली शाखाओं में उपलब्ध है. कृपया जिस शाखा में आपका डीमैट खाता है वहां अपना विधिवत भरा हुआ फॉर्म जमा करें फॉर्म जमा करने से पूर्व सुनिश्चित करें कि :

  • खाते में कोई होल्डिंग नहीं है अथवा अपना आपने खाता बंद करने के फॉर्म में अपने खाते में स्थित सभी होल्डिंग को अंतरित करने का अनुरोध किया है. (एक ही खातेदार द्वारा उसी उसी डीपी अथवा किसी अन्य डीपी के साथ खोले गए किसी अन्य डिमैट खाते में होल्डिंग शेष को अंतरित करना)
  • आपने समस्त बकाया राशि का भुगतान कर दिया है.

खाता फ्रीज करना

खाता फ्रीज होने का तात्पर्य है कि इसके डीफ्रिज होने तक डिपाजिटरी खाते से लेन-देन का निलंबन. यदि ग्राहक निकट भविष्य में कोई लेनदेन करना न चाहे तो उसके पास अपने खाते को फ्रीज करने का विकल्प होता है. यह डीमैट खाते के अनधिकृत प्रयोग को रोकने एवं धोखाधड़ी से बचने में सहायक होता है. एक बार फ्रीज हो जाने के बाद खाते को खाताधारकों के निर्देश पर ही डिफ्रीज किया जा सकता है.

खाते को लेनदेन के लिए बाद में सक्षम करने के लिए इसे डिफ्रीज करना आवश्यक होता है.

डीपी में खोला गया खाता फ्रीज हो सकता है. ऐसा डीपी ग्राहक से खाता फ्रीज करने संबंधी आवेदन प्राप्त होने पर ही किया जा सकता है. ग्राहक से अनफ्रीज संबंधी अनुरोध प्राप्त होने पर फ्रीज खाते को डी- फ्रीज अथवा दोबारा सक्रिय किया जा सकता है.


सेवाएं /उपयोगिताएं
  • IDeAS(NSDL)- ऑनलाइन रूप से शेष राशि की जांच एवं लेनदेन
  • SPEED-e (NSD)- स्पीड ई के वेबसाइट https://eservices.nsdl.com.के माध्यम से डिलीवरी अनुदेश जमा करने की सूचना.
  • Easi (CDSL) CDSL के वेबसाइट www.cdslindia.com के माध्यम से कहीं भी और कभी भी डीमैट खाते को एक्सेस करने, इसकी धारित/ मूल्यांकन एवं लेनदेन का विवरण कॉर्पोरेट घोषणाओं की जांच की जा सकती है.
  • Easiest(CDSL) – निमुचित लेनदेनों के इलेक्ट्रॉनिक एक्सेस एवं प्रतिभूति लेनदेन का निष्पादन.

डिमैट खाता : डीमैट के बारे में

प्रतिभूतियों का डिमैटेरियलाइजेशन क्या है ? यह कैसे कार्य करता है ?
  • प्रतिभूतियों का डिमैटेरियलाइजेशन
  • डिमैटेरियलाइजेशन की प्रक्रिया
  • फॉर्म की उपलब्धता
  • फॉर्म भरना
  • फॉर्म की प्रस्तुति (जमा करना)
  • डीमैट अनुरोध का खारिज होना
  • ट्रांसफर सह डीमैट

प्रतिभूतियों का डिमैटेरियलाइजेशन (डीमैट)

डिमैटेरियलिजेशन भौतिक रूप में रखी प्रतिभूतियों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में परिवर्तित करने एवं निवेशक के खाते में जमा करने की प्रक्रिया है.

सेबी द्वारा घोषित की गई चयनित प्रतिभूतियों को सिर्फ एनएसडीएएल/सीडीएसएल से संबंद्ध स्टॉक एक्सचेंज में डीमैट के रूप में डिलीवर किया जा सकता है.

डीमैट खाता खोलने के फार्म पर सभी नाम बिल्कुल वैसे ही होने चाहिए जैसा इसके भौतिक प्रमाण पत्र में है. इसमें प्रतिभूतियों का निर्बाध रूप से डिमैटेरियलिजेशन सुनिश्चित किया जा सकता है.


डिमैटेरियलाइजेशन की प्रक्रिया
  • अपनी प्रतिभूतियों को डिमैटेरियलाइज्ड करने के इच्छुक निवेशक के पास किसी डीपी में एक डीमैट खाता होना आवश्यक है.
  • भौतिक शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक डीमैट में परिवर्तित करने हेतु 1 डिमैटेरियलिजेशन आवेदन पत्र (डीआरएफ) को शेयर प्रमाण पत्रों के साथ भरकर जमा करना आवश्यक है. निवेशक को कंपनी के (अपने नाम में) पंजीकृत शेयर प्रमाण पत्र को डिफेस (नष्ट) करके इसे डीपी के पास सरेंडर करना आवश्यक है और प्रत्येक प्रमाण पत्र “डिमैटरियलाइजेशन हेतु प्रस्तुत” लिखा जाना चाहिए.
  • डीपी द्वारा शेयर प्रमाण पत्र कंपनी तथा साथ ही साथ डिपॉजिटरी के माध्यम से रजिस्ट्रार एवं अंतरण प्रतिनिधि को भेजते हुए अनुरोध पर कार्रवाई करनी पड़ती है.
  • इलेक्ट्रॉनिक रूप से डिपॉजिटरी को सूचित करने के पश्चात डीपी इसे संबंधित जारीकर्ता आर एंड टी एजेंट के पास इन प्रतिभूतियों को प्रेषित करता है.
  • जारीकर्ता/आरएंडडी एजेंट द्वारा प्रमाण पत्र को सही पाए जाने पर वे डिपॉजिटरी को डिमैटेरियलाइजेशन अनुरोध की पुष्टि इलेक्ट्रॉनिक रूप से डिपॉजिटरी को करते हैं. भौतिक शेयर प्रमाण पत्र नष्ट कर दिए जाते हैं.
  • इसके पश्चात डिपॉजिटरी द्वारा डीपी को शेयरों के डिमैटेरियलाइजेशन की पुष्टि की जाएगी. निवेशक के डीमैट खाते में एक बार ऐसा होने के बाद शेयरों की होल्डिंग में इलेक्ट्रॉनिक क्रेडिट लक्षित होता है.
  • रजिस्ट्रार द्वारा पुष्टि किए जाने के पश्चात शेयरों के क्रेडिट में सामान्यतः 30 दिनों का समय लगता है. हालांकि यह समय एक रजिस्ट्रार से दूसरे में अलग हो सकता है, जिस पर बैंक का कोई नियंत्रण नहीं होता है.

फॉर्म की उपलब्धता

प्रत्येक आईएसआईएन हेतु निर्धारित भौतिक प्रमाण पत्रों के साथ तीन प्रतियों में पूर्णतया भरा हुआ डिमैट अनुरोध फार्म जमा करें. यह फॉर्म डीमैट सेवा उपलब्ध कराने वाली बैंक ऑफ बड़ौदा की सभी शाखाओं में उपलब्ध है.


फॉर्म भरना

यह सुनिश्चित करें कि प्रमाण पत्र पर दर्शाए गए प्रतिभूति डीमैट के लिए पात्र हैं. डीमैट के लिए पात्र होने के लिए कंपनी का एनएसडीएल/सीडीएसएल के साथ समझौता होना आवश्यक है.

एक अनोखे अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा पहचान संख्या (आईएसआईएन) वाली प्रत्येक प्रतिभूति के लिए अलग-अलग डीआरएफ का उपयोग करें. इन प्रमाणपत्रों को सावधानीपूर्वक सत्यापित करें और इन पर सही आईएसआईएन का उल्लेख करें. एक ही प्रतिभूति के प्रमाणपत्रों के दो अथवा अधिक सेटों के अलग-अलग आईएआईएन होने पर (आंशिक रूप से भुगतान किए शेयरों एवं गैर पारी-पासु शेयरों के मामले में ऐसा संभव है) प्रत्येक आईएआईएन के लिए अलग डीआरएफ का प्रयोग करें. एकल डीआरएफ के तहत एक आईएआईएन वाले एक तरह के धारकों के लिए कई फोलियो नंबर को डिमैटेरियलाइज किया जा सकता है.

इसे मुक्त प्रतिभूतियों से अलग रखें. लॉकइन प्रतिभूतियों के मामले में डीआरएफ पर लॉक इन का कारण एवं लॉक इन रिलीज की तारीख दर्शायी जाए. एक ही आईएसआईएन संबंधी लॉक इन प्रतिभूति के बीच अलग-अलग लॉक इन रिलीज तिथियों तक अथवा लॉक इन के कारण के लिए अलग अनुरोध किया जाए.

ग्राहकों से प्राप्त डिमैट आवेदन का उल्लिखित नामों के प्रमाणपत्रों पर ही दर्शाए केवल आरंभिक नाम के पूर्णतया स्पेल आउट नहीं किए जाने अथवा उपनाम या उसके बाद नामों से मेल नहीं खाने पर कार्रवाई की जा सकती है.

ऐसा तभी संभव है जब डीआरएफ पर ग्राहकों के हस्ताक्षर जारीकर्ता अथवा उनके रजिस्ट्रार के पास उपलब्ध हस्ताक्षर नमूना हस्ताक्षर से मिलते हों. उदाहरण के लिए हो सकता है कि किसी शेयरधारक ने तन्मय कुमार साह के नाम से डिपॉजिटरी खाता खोला हो मगर शेयर प्रमाण पत्र पर उसका नाम टी. के शाह या तन्मय शाह प्रदर्शित हो.

डीआरएफ में एवं प्रमाणपत्रों पर मुद्रित धारकों के नामों का संयोजन और क्रम डीपी खाते एक समान होना चाहिए.

उदाहरण के लिए यदि शेयर एक्स और वाई. (एक्स प्रथम धारक और वाई द्वितीय धारक के रूप में) के नाम पर है तो इसे अकेले एक्स अथवा वाई के खाते में डिमैटेरियलाइस नहीं किया जा सकता है. इसके अतिरिक्त यदि शेयर एक्स के नाम पर है तो उन्हें एक्स, वाई (एक्स प्रथम धारक और वाई द्वितीय धारक के रूप में) के खाते में डिमैटेरियलाइस नहीं किया जा सकता है.

तथापि, धारकों का संयोजन, प्रमाण पत्र एवं डीमैट खाते में एक जैसा होने पर एवं अंतर सिर्फ शेयर प्रमाण पत्र एवं डीमैट खाते में आने वाले नामों के क्रम में तो डिमैटेरियलाइज हो सकता है. ऐसी स्थिति में डीआरएफ के साथ एक ट्रांसपोजीशन अनुरोध पत्र प्रस्तुत करना आवश्यक है. यह फॉर्म नजदीकी शाखा में  उपलब्ध है.

डीआरएफ पर सभी खाताधारकों का हस्ताक्षर एक ही क्रम में होना चाहिए. डीआरएफ पर किया गया हस्ताक्षर बैंक के नमूना हस्ताक्षर के समान ही होना चाहिए. हस्ताक्षर के अलग होने पर शाखा में अधिकारी की उपस्थिति में इस पर हस्ताक्षर करना चाहिए.

डीआरएस में प्रमाण पत्र का विवरण यथा फ़ोलियो क्रमांक विभेदक क्र. आदि सही रूप में भरा जाना चाहिए.


फार्म जमा करना

आपको अपने प्रमाणपत्र पर “डिमैटेरियलाइजेशन हेतु प्रस्तुत” किया, ऐसा स्टांप लगाकर अथवा लिखकर इसे नष्ट करना होगा. तथापि प्रतिभूति की पात्रता की जांच करने के पश्चात ही इसे नष्ट करना चाहिए क्योंकि डिफेस की गई प्रतिभूति की बिक्री भौतिक रूप में नहीं की जा सकती है. कभी भूलवश डिफेसिंग हो जाने पर इसे प्रतिस्थापन हेतु रजिस्ट्रार को भेजना जाना चाहिए.

*एनएसडीएल कारोबार नियम 11.1.7

प्रतिभागी यह सुनिश्चित करेगा कि ग्राहक द्वारा डिमैटेरियलाइजेशन हेतु प्रस्तुत प्रमाण पत्र “डिमैटेरियलाइजेशन के लिए सरेंडर किया” ऐसा लिखा होना चाहिए. प्रमाण पत्रों को ऐसे डिफेस या काटना नहीं चाहिए जिससे इसकी सूचनाएं पढ़ने योग्य न रह जाए.

यह सुनिश्चित करें कि सभी प्रमाण पत्र उसी क्रम में संलग्न किए गए हैं जैसा कि डीआरएफ में दर्शाया गया है. आपको डीआरएफ की 3 प्रतियां शाखा में जमा करनी है. इस फार्म के नीचे दर्शाए पावती पर्ची पर बैंक अधिकारी द्वारा सत्यापन के पश्चात मुहर लगा कर इसे आपको सौंपा जाएगा.


डिमैट अनुरोध की अस्वीकृति

डिमैटेरियलाइजेशन संबंधी आवेदन बैंक ऑफ बड़ौदा के डिमैट बैक ऑफिस में रजिस्ट्रार द्वारा विविध कारणों से अस्वीकृत हो सकता है. रजिस्ट्रार द्वारा डिमैटेरियलाइजेशन तभी किया जाता है एवं वह प्रतिभूतियों व इसके स्वामित्व के विवरण से संतुष्ट हो.

इसके अस्वीकृत होने की स्थिति में डीपी को और अस्वीकृति का कारण दर्शाते हुए वापस किया जाता है. डीपी द्वारा शाखा को अस्वीकृत डीआरएफ आवेदन वापस किया जाता है जिसे ग्राहक शाखा से ले सकता है.

अस्वीकृति के कारणों का समाधान करने के पश्चात ग्राहक अपने प्रमाण पत्र को डिमेटेरियलाइज कराने के लिए दुबारा जमा करा सकता है. कृपया एक नए डीआरएफ पर इसे दुबारा प्रस्तुत करें, जिस डीआरएफ पर आपत्ति व्यक्त की गई थी, उसका उपयोग न करें.

डीआरएफ आवेदन के अस्वीकृत होने के कुछ सामान्य कारण

डिमैटेरियलाइजेशन के लिए किया गया अनुरोध निम्न आपत्तियों के पाए जाने पर अस्वीकृत किया जा सकता है:

  • डिमैट आवेदन पत्र पर ग्राहक का हस्ताक्षर एवं आरएंडटी एजेंट के रिकॉर्ड में दर्ज नमूना हस्ताक्षर न खाने पर.
  • डीपी से आरएंडटी एजेंट द्वारा प्राप्त डिमैट अनुरोध फॉर्म में सभी/कुछ प्रमाण पत्र अलग होने पर
  • आरएंडटी एजेंट द्वारा प्राप्त सभी/कुछ प्रमाणपत्रों पर धारक (कों) का नाम डीपी से प्राप्त डीमैट आवेदन पत्र से अलग होने पर
  • डीपी आरएंडटी एजेंट द्वारा प्राप्त प्रमाण पत्रों की मात्रा की डिमैट अनुरोध क्र. अथवा आवेदन पत्र में दर्शायी संस्था से कम या अधिक होने पर.
  • डीपी से आरएंडटी एजेंट द्वारा प्राप्त सभी/ कुछ प्रमाण पत्र फर्जी होने पर
  • डीपी से आरएंडटी एजेंट द्वारा प्राप्त सभी/ केंद्र प्रमाण पत्रों के गुम होने/ चोरी होने की सूचना दिए जाने पर और आरएंडटी एजेंट के कंप्यूटर मास्टर फाइल(लों) में स्टॉप दर्ज होने पर.
  • डीपी द्वारा गलत आरएंडटी एजेंट को भेजे गए कुछ /सभी प्रमाण पत्र.
  • बैंक ग्रहणाधिकार/ सांविधिक प्राधिकरण/ न्यायालय आदेश आदि के अनुसार दर्ज की गई रोक. डीपी से डिमैटेरियलाइजेशन हेतु प्राप्त सभी/ कुछ प्रमाण पत्र के एवज में आर टि एजेंट के कंप्यूटर मास्टर फाइल(लों) में स्टॉप दर्ज रहने पर.

ट्रांसमिशन सह डीमैट

संयुक्त रुप से धारित प्रमाण पत्रों के मामले में इस पर दर्शाए किसी एक अथवा अधिक संयुक्त धारक की मृत्यु हो जाने पर जीवित संयुक्त धारकों को भौतिक प्रमाण पत्र से डिलीट किए गए मृतक का नाम प्राप्त हो सकता है. डीआरएफ को निम्न दस्तावेज जमा करके जीवित धारकों के डीपी खाते में स्थित प्रतिभूतियों को डिमेटेरियलाइज किया जाए.

  • विधिवत नोटरीकृत मृत्यु प्रमाण पत्र की प्रति.
  • विधिवत नोटरीकृत उत्तराधिकार प्रमाण पत्र की प्रति अथवा सक्षम न्यायालय का आदेश जहां मृतक ने अपनी वसीयत या मर्जी न की हो.
  • विधिवत नोटरीकृत प्रोबेट अथवा लेटर ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन की एक प्रति.

प्रतिभूतियों का हस्तांतरण पूर्व खाते की एक भाग/ धारकों में से किसी की मृत्यु हो जाने पर प्रतिभूतियों को एक खाते से दूसरे खाते में स्थानांतरित किया जा सकता है. तत्पश्चात परर्वती धारक को जारीकर्ता कंपनी अथवा इसके आर एंड टि एजेंट से संपर्क नहीं करना चाहिए. इस संबंध में सिर्फ पूर्व खाते के डीपी हेतु संपर्क किया जाना चाहिए और यहां इसका अंतरण हो सकता है:


जीवित धारकगण

यदि पहले का खाता एक संयुक्तधारक खाता है और इसमें कम से कम एक उत्तरजीवी हैं तो उत्तरजीवी प्रतिभूतियों के डीपी को अपने डीमैट खाते में अंतरित करने के लिए आवेदन कर सकता है. शेष धारक (कों) डीपी को एक फार्म के लिए आवेदन करना आवश्यक है, जिसे नोटरीकृत मृत्यु प्रमाण पत्र की प्रति के साथ ट्रांसमिशन फार्म कहा जाता है और मूल ग्राहक मास्टर के पास मृतक खाताधारक के खाते में शेष प्रतिभूतियों को ट्रांसमिट करने हेतु जीवित विधायक का डीमैट खाता विवरण आवश्यक होता है. इसके लिए जीवित ग्राहकों का कोई डिपॉजिटरी खाता होना चाहिए जो एक ही डीपी अथवा अलग-अलग डीपी में भी हो सकता है.


नामिति, जहां नामांकन किया गया हो

एकमात्र खाता धारक की मृत्यु होने पर अथवा खाताधारकों में से एक किसी भी जीवित न होने पर और धारक द्वारा पूर्व में नामांकन किए जाने पर नामित व्यक्ति डीपी से अपने डीमैट खाते में अंतरण हेतु अनुरोध कर सकता है.

नामित व्यक्ति को मृत्यु प्रमाण पत्र और ट्रांसमिशन फार्म की सर्टिफाइड प्रतिलिपि के साथ डीपी को लिखित आवेदन देना जरूरी है ताकि नामित व्यक्ति के खाते में नामांकन द्वारा कवर की गई प्रतिभूतियों को आमंत्रित किया जा सके. डीपी द्वारा ग्राहक के हस्ताक्षर के स्वरूप एवं इसकी वैधता सुनिश्चित किया जाएगा और इसके बाद ही ट्रांसमिशन संबंधी आवेदन को निष्पादित किया जाएगा. इस तरह नामांकन किए जाने से प्रतिभूतियों का ट्रांसमिशन जटिल कानूनी दस्तावेजों जैसे, वसीयत, उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र आदि की आवश्यकता नहीं होती है.

उपर्युक्त दस्तावेजों के अलावा NSDL/CDSL द्वारा निर्दिष्ट प्रारूप में नामित व्यक्ति द्वारा विधिवत पूरा होने और दावेदार द्वारा इसे एक नोटरी/ मजिस्ट्रेट द्वारा सत्यापित कराना चाहिए


कानूनी उत्तराधिकारी, जहां नामांकन कहीं हुआ हो

एकमात्र धारक की मृत्यु होने पर मृतक के कानूनी वारिस अथवा उत्तराधिकारी को डीपी से यह अनुरोध करना चाहिए कि वह मृतक के खाते की शेष राशि को कानूनी उत्तराधिकारी / कानूनी वारिस के खाते में जमा करा दें. इस हेतु ऐसी प्रतिभूतियों के कानूनी वारिस अथवा कानूनी प्रतिनिधि को निम्न दस्तावेजों के साथ डीपी को ट्रांसमिशन फार्म के माध्यम से निम्न निर्देश प्रस्तुत करना होगा.

  • विधिवत नोटरीकृत मृत्यु प्रमाण पत्र की प्रति
  • विधिवत नोटरीकृत अथवा सक्षम न्यायालय के आदेश से जिसमें उसने वसीयत न की हो, उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र की प्रति.

विधिवत नोटरीकृत प्रोबेट अथवा लेटर ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन की एक प्रति तथापि कानूनी उत्तराधिकारी अथवा कानूनी प्रतिनिधि (यों) द्वारा उल्लेखित दस्तावेजों को प्रस्तुत करने में असमर्थ रहने पर एवं मृतक के सभी खाते में स्थित प्रतिभूतियों के बाजार मूल्य के तौर पर ट्रांसमिशन के लिए आवेदन करने पर निम्नलिखित दस्तावेजों के आधार पर प्रति रुपये एक लाख के लिए ट्रांसमिशन अनुरोध को प्रोसेस किया जाएगा.

  • ट्रांसमिशन फार्म
  • विधिवत नोटरीकृत मृत्यु प्रमाण पत्र की प्रति
  • उपयुक्त नन जुडिशियल स्टांप पेपर पर डीपी को स्वीकार्य मुक्त जमानत की गारंटी से युक्त क्षतिपूर्ति पत्र (लेटर ऑफ इनडेमनिटी)
  • उपर्युक्त जुडिशियल पेपर पर तैयार किया गया एक शपथ पत्र और
  • सभी कानूनी उत्तराधिकारी से अनापत्ति प्रमाण पत्र जिन्हें ऐसे ट्रांसमिशन से कोई आपत्ति न हो
  • डिमैट खाता विवरण सहित मूल क्लाइंट मास्टर

डीपी द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कानूनी उत्तराधिकारी अथवा कानूनी प्रतिनिधियों द्वारा जमा किए गए दस्तावेज सही हैं और इससे कानूनी उत्तराधिकारी के खाते में शेष राशि अंतरित की जाएगी. ट्रांसमिशन को चालू करने के पश्चात डीपी द्वारा मृतक के खाते को बंद कर दिया जाएगा.

डिमैट खाता : संसाधन

ट्रेडिंग शुल्क
(ट्रेडिंग शुल्क) ट्रेडिंग खाता खोलने और वार्षिक रखरखाव शुल्क अटार्नी की मुफ्त फ्रैंचिंग रु । 500 / - लागू हैं। संशोधित शुल्क WEF । 1 अगस्त 2018 नकद भविष्य के लिए Derivatives Options
% ब्रोकरेज डिलीवरी इंट्रा-डे दोनों पक्ष % ब्रोकरेज डिलीवरी इंट्रा-डे दोनों पक्ष Flat Brokerageper Lot in Rs. इंट्रा-डे दोनों पक्ष
खंड 0.40% 0.10% 0.10% 0.05% Rs.50 Rs.100
न्यूनतम ब्रोकरेज Rs.0.05 paisa Rs.0.05 paisa Rs.0.01 paisa Rs.0.01 paisa
प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) 0.017%
प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) 0.10% 0.025% 0.010% 0.125%
सेबी टर्नओवर शुल्क 0.00015% 0.00015% 0.00015% 0.00015%
लेन-देन का शुल्क 0.0019% 0.05%
एनएसई 0.00325% 0.00325%
बीएसई 0.00275% 0.00275%
स्टाम्प शुल्क (महाराष्ट्र राज्य के लिए लागू) 0.010% 0.002% 0.002% 0.002% 0.002% 0.002%

डिपॉजिटरी में प्रयुक्त कुछ समान्य संक्षिप्ताक्षर
क्र. सं संक्षिप्ताक्षर / प्रयुक्त लघु शब्द अर्थ
1 AOD खाता खोलने का दस्तावेज़
2 BO लाभार्थी स्वामी
3 CDSL सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेस (इंडिया) लिमिटेड
4 CM समाशोधन सदस्य
5 CH समाशोधन गृह
6 DEBOS डिपॉजिटरी बैक ऑफिस प्रणाली
7 Demat डिमेटेरियलाइजेशन
8 DRF डीमैट अनुरोध फॉर्म
9 NSDL नेशनल सिक्यूरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड
10 POA पते का प्रमाण
11 POI पहचान का प्रमाण
12 RFD डीमैट हेतु अनुरोध
13 ISIN अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभूति पहचान संख्या
14 RTA कंपनी के रजिस्ट्रार एवं ट्रांसफर एजेंट
15 NSE नेशनल स्टॉक एक्सचेंज
16 BSE बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज
17 NCFM वित्तीय बाजारों में एनएससी प्रमाणण
18 CH समाशोधन गृह
19 ACRF खाता बंद करने का आवेदन पत्र
20 TRF ट्रांसपोजिशन अनुरोध फॉर्म
21 TRFD डिमेटेरियलाइजेशन सहित प्रेषण हेतु अनुरोध
22 RRF डिमेटेरियलाइजेशन अनुरोध फॉर्म
23 DIS डिलीवरी निर्देश स्लिप
24 PRF बंधक अनुरोध फॉर्म
25 URF गिरवी संबंधी अनुरोध फॉर्म
26 IRF इनवोकेशन अनुरोध फॉर्म
27 DOT डिपॉजिटरी परिचालन टीम
28 CBODPO केन्द्रीय बैक ऑफिस डिपॉजिटरी प्रतिभागी परिचालन
29 DP डिपॉजिटरी प्रतिभागी
30 Easi प्रतिभूति संबंधी सूचना के लिए इलेक्ट्रॉनिक एक्सेस
31 Easiest प्रतिभूति संबंधी सूचना का इलेक्ट्रॉनिक एक्सेस एवं सुरक्षित लेनदेनों का निष्पादन
32 Speed-e प्रतिभूतियों की स्थिति एवं सहज इलेक्ट्रॉनिक प्रसार
33 Simple मोबाइल फोन लॉगिन के माध्यम से आसानी से निर्देशों की प्रस्तुति
34 IDeAS इन्टरनेट आधारित डीमैट खाता विवरण
35 NISM नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिक्यूरिटीस मार्केट्स

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डिमैट खाता : अन्य सूचना

Demat

Dematerialization (Demat) is the process by which securities held in physical form evidencing the holding of securities by any person are cancelled and destroyed and the ownership thereof is entered into and retained in a fungible form on a depository by way of electronic balances.

Demat facilitates paperless trading whereby securities transactions are executed electronically reducing/mitigating possibility of loss of related documents and/or fraudulent transactions.

Trading in demat form is regulated by the Depositories Act, 1996 and is monitored by the Securities and Exchange Board of India (SEBI). There are only two depositories presently functioning in India and they are the National Securities Depository Limited (NSDL) & the Central Depository Services (India) Limited (CDSL).


Basic Services Offered by Depositories

Under the provisions of the Depositories Act, the National Securities Depository Limited (NSDL) and the Central Depository Services (India) Limited (CDSL) provide various services to investors and other participants in the capital market. This system, which facilitates paperless trading, offers various direct and indirect services to the market participants.

A depository cannot directly open account and provide services to clients. Any person willing to avail of the services of the depository can do so by entering into an agreement with the depository through any of its Depository Participants (DPs).


Depository Participant (DP)

It works as an agent of the depository i.e. NSDL & CDSL. The various activities must be carried out as per prescribed procedures, failing which respective depositories impose financial penalties on DPs during audit and inspection. Hence, between the depository and the investors, the relationship care must be taken while carrying out various activities. Depository Participant (DP) is in fact an intermediary between the investor and the depository and is governed by an agreement made between the two (i.e. investor and DP) under the Depositories Act.

CM: This account can be opened by a broker or by a clearing member for the purpose of settlement of trades executed on a recognized stock exchange.


Benefits of Depository System
  • No stamp duty on transfer of shares.
  • Quick transfers/settlements (the very next day of pay-out).
  • Elimination of bad deliveries, forgery, loss of certificate in transit, etc.
  • Reduced paper work (no filling of transfer deed, affixation of stamps and lodgement of shares for transfer with the company).
  • Security of the stocks held as they are held in electronic form and hence no worries of holding the securities physically at home and avoidance of possible loss or theft of the certificate(s), mutilation, forgery, etc.
  • Facility to pledge/hypothecate the securities.
  • Facility of trading in odd lots.
  • Quick transfer of shares.
  • Nomination facility available (for individuals).
  • In case of death of sole/joint holder(s) easy transmission of shares to the nominee or surviving joint holder(s).
  • Facilitates the company to determine entitlements like dividends and bonus easily and faster.

Account Opening

To avail of the various services offered by Depositories (NSDL/CDSL), an investor/a broker/an approved intermediary (for lending and borrowing) has to open an account with a DP.


Types of Accounts
  • Beneficiary Account
    1. An investor who wants to hold securities in Dematerialized (Demat) form and receive or deliver securities by inter-account transfers must have an account called beneficiary account with a DP of his choice.
  • Clearing Member Account
    1. Member brokers of those stock exchanges which have established electronic connectivity with NSDL/CDSL need to open a clearing member account, with a DP of his choice, to clear and settle trades in the demat form. This account is popularly known as settlement account or "Pool account". This account is meant only to transfer securities to and receive securities from the clearing corporation/house and hence, the member broker does not have any ownership (beneficiary) rights over the shares held in such an account.
    2. The process of opening a Demat account is very similar to that of a bank account. There are some common details which are required for any type of account opening with the DP, these are:
      1. Name of the account holder
      2. Date of birth (for individual accounts)
      3. Occupation and financial details
      4. Address and phone/fax number
      5. Bank details like name of bank, type of account (current/savings), account number, branch address, MICR, etc.
      6. PAN number
      7. Details of nomination (for individual accounts only)
      8. Specimen signature.
      9. E-mail address
      10. Mobile number
      11. Address for communication

Online Trading

We are happy to inform you that soft launch of online trading is done on 01/07/2012. For further details please visit www.bobcaps.in and www.barodaetrade.com


CDSL e-voting

https://evoting.cdslindia.com/Evoting/EvotingLogin


Contact Us

The Asst. General Manager/Chief Manager

Bank of Baroda, Baroda Sun Tower,

D.O.T. (Demat operation team)

Central Back Office DP Operations (CBODPO)

Ground Floor, C-34, G-Block

Bandra Kurla Complex, Bandra East, MUMBAI- 400 051

Tel : 022 6698 4921/4935/4937/4944

E-mail :demat@bankofbaroda.com

In case of any grievance/complaint against the stock broker/Depository Participant:

Compliance Officer of the Bank of Baroda

Mr. Gurudas Sen

E-mail :demat@bankofbaroda.com

Phone No. :022 6698 4936


SMS Alerts
  • BOB offers you free SMS alerts facility in all your demat Accounts (with BOB). Just fill the SMS alerts form and put your mobile number in it.
  • The SMS alert helps you to a great deal in tracking and monitoring your transactions.
  • You will be instantly updated as your transaction is done.

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

  • डीपी कौन है ?
    • कोई डिपॉजिटरी जैसे एनएसडीएल (नेशनल सिक्योरिटी डिपॉजिट लिमिटेड) अथवा सीडीएसएल (सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड) निवेशकों को एजेंट के माध्यम से सेवाएं उपलब्ध कराता है और इस एजेंट को डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट कहा जाता है. इन एजेंटों की नियुक्ति सेबी के अनुमोदन पर एनएसडीएल एवं सीडीएसएल द्वारा की जाती है. सेबी के विनियमों के अनुसार तीन प्रकार की इकाइयों जैसे बैंक, वित्तीय संस्थान एवं सेबी से पंजीकृत स्टॉक एक्सचेंजों के सदस्य डीपी हो सकते हैं. कोई निवेशक एनएसडीएल अथवा सीडीएसएल के ऑफिस से डीपी की सूची प्राप्त कर सकता है.
    • हमारे बैंक द्वारा अब मौजूदा डीपी के अलावा डीपी ऑपरेशन (सीडीएसएल और एनएसडीएल दोनों के लिए) को केंद्रितकृत कर दिया गया है और इसे चरणबद्ध रूप से केंद्रीय सेट पर माइग्रेट करने की योजना है. यह सेंट्रल बैक ऑफिस डीपी ऑपरेशन यूटीआई टावर, बांद्रा कुर्ला कॉम्‍प्‍लेक्‍स, मुंबई में स्थित है.
  • क्या मैं केवल एक डीपी के साथ खाता रखने के लिए मज़बूर हूं ?

    जी नहीं, खाता खोलने के लिए डीपी की संख्या अथवा डीपी के साथ खातों की संख्या के संबंध में कोई सीमा निर्धारित नहीं की गई है. डिपॉजिटरी खाते बैंक खातों के ही समान हैं. जैसे आप एक से अधिक बैंकों में बचत या चालू खाते रखते हैं उसी प्रकार एक से अधिक डीपी वाले खाते भी खोल सकते हैं.

  • क्या मैं अपने बैंक खाते का विवरण बदल सकता हूं ?

    जी हां. चूंकि डिपॉजिटरी सिस्टम में आपकी बकाया प्रतिभूति पर मौद्रिक लाभ का भुगतान खाता खोलने के समय आपके द्वारा दिए गए बैंक खाते के विवरण के अनुसार किया जाता है, अतः आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि बैंक खाते के विवरण में किये गए परिवर्तन से आपके डिपॉजिटरी प्रतिभागी को अवगत कराया जाए.

  • क्या मैं अलग-अलग स्वामित्व पैटर्न, जैसे कि व्यक्तिगत रूप से स्वामित्व वाली प्रतिभूतियां और मेरी पत्नी के साथ स्वामित्व वाली प्रतिभूतियां में स्वामित्व वाली प्रतिभूतियों के लिए एक एकल खाता खोल सकता हूं ?

    जी नहीं. डीमैट खाता उसी स्वामित्व पैटर्न में खोला जाना चाहिए जिसमें प्रतिभूतियों को भौतिक रूप में रखा गया है. उदाहरण के लिए यदि एक शेयर प्रमाणपत्र आपके नाम पर है और दूसरा प्रमाण पत्र आपके और आपकी पत्नी के नाम पर संयुक्त रूप से है, तब दो अलग-अलग खाते खोलने होंगे.

  • क्या मैं एक डीपी के साथ एक से अधिक खाते खोल सकता हूं ?

    जी हां, आप एक ही डीपी के साथ एक से अधिक खाते खोल सकते हैं. आपके द्वारा डीपी के साथ खोले जाने वाले खातों की संख्या पर कोई प्रतिबंध नहीं है.

  • मैं किसी डीपी का चयन कैसे करूं? क्या सभी डीपी समान हैं ?

    आप अपने डीपी का चयन ठीक वैसे ही डीमैट खाता खोलने के लिए कर सकते हैं जैसे आप बचत खाता खोलने के लिए बैंक का चयन करते हैं. डीपी के चयन के लिए कुछ महत्वपूर्ण कारक निम्नानुसार हो सकते हैं:

    • सुविधाजनक - कार्यालय/निवास से निकटता, कारोबार समय.
    • सहूलियत - डीपी की प्रतिष्ठा, संगठन के साथ अतीत का जुड़ाव, डीपी की उस विशिष्ट सेवा को देने क्षमता है, जिसकी आपको आवश्यकता हो सकती है.
    • लागत डीपी द्वारा लगाया जाने वाला प्रभार एवं सेवा गुणवत्ता
  • यदि मेरे पास नामों के समान संयोजन के साथ भौतिक प्रमाण पत्र हैं, लेकिन नामों का क्रम अलग है अर्थात कुछ प्रमाणपत्र में पहले धारक के रूप में पति और दूसरी धारक के रूप में पत्नी है और दूसरे प्रमाणपत्र समूह में पत्नी पहले धारक के रूप में और पति दूसरे धारक के रूप में है तो मुझे क्या करना चाहिए ? और दूसरे धारक के रूप में पति के साथ कुछ प्रमाण पत्र? (उदाहरण ए और बी से पति और पत्नी में परिवर्तित?

    ऐसी स्थिति में आप खाताधारक के रूप में पति-पत्नी के साथ केवल एक ही खाता खोल सकते हैं और एक ही खाते में डिमैटेरियलाइजेशन के लिए अलग-अलग नामों से प्रतिभूति प्रमाणपत्रों को दर्ज कर सकते हैं. आपको "ट्रांसपोज़िशन कम डीमैट" नामक एक अतिरिक्त फॉर्म भरना होगा जो कि नाम के क्रम में बदलाव के साथ-साथ प्रतिभूतियों को भी डिमेटेरियलाइज करने में सहायक होगा.

  • डीपी के साथ खाता खोलने के लिए मुझे क्या करना चाहिए ?

    आप अपने पसंदीदा किसी भी डीपी से संपर्क करके खाता खोलने का फॉर्म भर सकते हैं. खाता खोलने के समय, आपको एक एनएसडीएल द्वारा निर्धारित मानक करार के अनुरूप डीपी के साथ एक करार पर हस्ताक्षर करना होगा, जिसमें आपके और आपके डीपी के अधिकारों और कर्तव्यों का विवरण होगा. सभी निवेशकों को निर्धारित खाता खोलने के फॉर्म के साथ पहचान का प्रमाण और पते का प्रमाण प्रस्तुत करना होगा.

    • पहचान का प्रमाण: आपके हस्ताक्षर और फोटोग्राफ को उसी डीपी के एक मौजूदा डीमैट खाता धारक द्वारा अथवा आपके बैंक द्वारा प्रमाणित किया जाना चाहिए. वैकल्पिक रूप से, आप फोटोग्राफ के साथ पासपोर्ट, मतदाता पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस या पैन कार्ड की प्रति जमा कर सकते हैं.
    • पते का प्रमाण: आप पते के प्रमाण के रूप में अपना पासपोर्ट, मतदाता पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस अथवा पैन कार्ड, राशन कार्ड अथवा बैंक पासबुक की छाया प्रति जमा कर सकते हैं.
    • पासपोर्ट आकार की तस्वीर: सत्यापन के लिए मूल दस्तावेजों को डीपी के पास लेकर जाएं.

    भविष्य में उपयोग के लिए करार एवं प्रभारों के शेड्‌यूल की प्रति लेना न भूलें.

  • खाता खोलते समय अपने बैंक खाते का विवरण देना आवश्यक क्यों है ?

    यह आपके हितों की रक्षा के लिए है. आपके बैंक खाता नंबर का उल्लेख उस ब्याज या लाभांश वारंट पर किया जाएगा, जिसके आप हकदार हैं, ताकि ऐसे वारंट को किसी दूसरे व्यक्ति द्वारा नकदीकृत न किया जा सके. साथ ही बैंक खाता संख्या न देने पर कोई डीपी खाता नहीं खोल सकता है.

  • खाता खोलने के फॉर्म पर दर्शाए गए 'स्थायी निर्देश' क्या है ?

    बैंक खाते में क्रेडिट तभी दिया जाता है जब 'जमा' की पर्ची को नकद / चेक के साथ जमा किया जाता है. इसी प्रकार एक डिपॉजिटरी खाते में प्रतिभूतियां प्राप्त करने के लिए 'प्राप्ति फार्म' जमा करना आवश्यक होता है. हालांकि निवेशकों की सुविधा के लिए, 'स्थायी निर्देश' की सुविधा प्रदान की गई है. यदि आप स्थायी निर्देश के लिए 'यस' [या टिक] करते हैं, तो हर बार प्रतिभूतियां खरीदने के लिए ‘प्राप्ति’ पर्ची को जमा करना आवश्यक नहीं होगा.

  • क्या मैं एक डीपी के साथ अपना डीमैट खाता बंद कर सकता हूं और दूसरे डीपी के साथ अपने खाते में सभी प्रतिभूतियों को अंतरित कर सकता हूं ?

    जी हां. आप अपने डी पी को खाता बंद करने के लिए निर्धारित फॉर्म में आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। आपका डीपी आपके निर्देशानुसार आपकी सभी प्रतिभूतियों को स्थानांतरित करके आपके डीमैट खाते को बंद कर देगा.

  • क्या मैं बैंक खाते के सामान “कोई एक या उत्तरजीवी" आधार पर संयुक्त खाते को परिचालित कर सकता हूं ?

    जी नहीं. डीमैट खाते को बैंक खाते की तरह “कोई एक या उत्तरजीवी" आधार पर परिचालित नहीं किया जा सकता है.

  • क्या पूंजी बाजार में कारोबार करने के लिए सभी निवेशकों को डिपॉजिटरी खाता खोलना अनिवार्य है ?

    चूंकि स्टॉक एक्सचेंज द्वारा किये जाने वाले सेटलमेंट का 99.5% डीमैट रूप में होता है, अतः प्रतिभूतियों को खरीदने वाले निवेशकों को यह डीमैट फॉर्म में ही प्राप्त होंगी. अतः प्रतिभूतियों की सक्रिय रूप में खरीद और बिक्री करने वाले निवेशकों को अपने डीमैट प्रतिभूतियों की डिलीवरी लेने के लिए डिपॉजिटरी खाता खोलना आवश्यक है.

  • अपना पता बदल जाने पर मुझे क्या करना चाहिए? क्या प्रत्येक कंपनी को अलग से लिखना होगा ?

    आपका पता बदल जाने पर आपको सिर्फ अपने डीपी को नए पते की जानकारी देनी होगी. डीपी द्वारा डिपॉजिटरी कंप्यूटर सिस्टम में नया पता दर्ज किये जाने पर ओटोमेटिक रूप से उन सभी कंपनियों को सूचित किया जाएगा, जिनके शेयर आपके पास हैं.

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