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बड़ौदा एडवांटेज सावधि जमा खाता नॉन कॉलेबल (अप्रतिदेय)
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विशेषताएं
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पात्रता
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ब्याज दर और प्रभार
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सबसे महत्वपूर्ण नियम और शर्तें (एमआईटीसी)
बड़ौदा एडवांटेज सावधि जमा खाता नॉन कॉलेबल (अप्रतिदेय) : विशेषताएं
विशेषताएं | विवरण |
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उत्पाद की विशेषता |
यह एक घरेलू सावधि जमा उत्पाद है जिसमें जमाकर्ता को रु.15.01 लाख एवं इससे अधिक (एनआरई जमाराशि के लिए – केवल रु. 2.00 करोड़) की जमा पर परिपक्वतापूर्व आहरण के विकल्प को छोड़ने पर सामान्य सावधि जमा दर से अधिक ब्याज प्राप्त होता है. |
पात्र शाखाएं |
यह उत्पाद सभी घरेलू शाखाओं में उपलब्ध होगा. |
न्यूनतम जमा राशि |
रु.15.01 लाख (इससे अधिक रु. 1000/- के गुणकों में) |
अधिकतम जमा राशि |
कोई सीमा नहीं (एनआरई जमा के लिए – रु. 2 करोड़ से कम) |
अवधि |
न्यूनतम - 12 माह अधिकतम- 120 माह |
ब्याज दर |
(दि.15.06.2022 से प्रभावी) बैंक द्वारा समय-समय पर निर्धारित सामान्य सावधि जमा पर कार्ड दर से अधिक अधिमान्य ब्याज दर. वर्तमान में "नॉन-कॉलेबल मीयादी जमा" पर निम्न अनुसार अतिरिक्त ब्याज मिलेगा :
अद्यतन दरों के लिए, ब्याज दर से संबंधित नवीनतम परिपत्र का संदर्भ ग्रहण करें. नोट : वरिष्ठ नागरिकों और स्टाफ सदस्यों (पूर्व स्टाफ और सेवानिवृत्त स्टाफ सदस्यों सहित, जो वरिष्ठ नागरिक हैं) के लिए अतिरिक्त ब्याज दर समय-समय पर प्रभावी दिशानिर्देशों के अनुसार जारी रहेगी. |
लागू योजना |
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ब्याज दर |
बैंक द्वारा समय-समय पर निर्धारित किए गए अनुसार सामान्य सावधि जमा पर अधिमान्य ब्याज दर. वर्तमान में "नॉन-कॉलेबल मीयादी जमा" हेतु चल रहे समयपूर्व भुगतान विकल्प के लिए निम्नानुसार अतिरिक्त ब्याज मिलेगा :
अद्यतन दरों के लिए, ब्याज दर से संबंधित नवीनतम परिपत्र का संदर्भ ग्रहण करें. नोट : वरिष्ठ नागरिकों और स्टाफ सदस्यों (पूर्व स्टाफ और सेवानिवृत्त स्टाफ सदस्यों सहित, जो वरिष्ठ नागरिक हैं) के लिए अतिरिक्त ब्याज दर समय-समय पर प्रभावी दिशानिर्देशों के अनुसार जारी रहेगी. |
ब्याज भुगतान की आवृत्ति |
खाते में ब्याज भुगतान का अंतराल सामान्यत: मीयादी जमा (कॉलेबल जमा) उत्पाद पर लागू दरों के अनुरूप होगा.
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नामांकन सुविधा |
उपलब्ध है |
स्रोत पर कर की कटौती |
ब्याज भुगतान पर नियमानुसार कर की कटौती की जाएगी. |
ऋण / ओवरड्राफ्ट की उपलब्धता |
बैंक के मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार ऋण / ओवरड्राफ्ट सुविधा उपलब्ध है. |
परिपक्वतापूर्व भुगतान की सुविधा एवं दंड ब्याज |
इस योजना के अंतर्गत जमा राशियों की परिपक्वता से पहले निकासी की अनुमति नहीं है. तथापि असाधारण स्थिति का आकलन करने एवं कारण से संतुष्ट होने पर प्रमुख, रिटेल देयताएं वर्टिकल को परिपक्वता से पहले निकासी की अनुमति प्रदान करने हेतु अधिकृत किया गया है. गैर-प्रतिदेय मीयादी जमा के परिपक्वता से पूर्व भुगतान के लिए शाखाओं को अनुमति प्रदान करते समय निम्नलिखित अपवादात्मक शर्तों को ध्यान में रखा जा सकता है : -
समय पूर्व आहरण के मामले में, जमाराशि को कलेबल जमा (प्रतिदेय जमा) के रूप में माना जाएगा और गैर-प्रतिदेय (नन कलेबल) जमा के लिए निर्धारित ब्याज दर नहीं मिलेगा. जमाराशि के समय पूर्व भुगतान के लिए 2% दंडस्वरुप ब्याज (पेनल इंटरेस्ट) लागू होगा और लागू ब्याज दर अनुबंधित ब्याज दर (सावधि खाता खोलते समय) या उस अवधि के लिए जिसके लिए जमाराशि वास्तव में बैंक में जमा हो, जो भी कम हो. शाखा द्वारा किसी प्रकार की त्रुटि होने पर कोई दंड लागू नहीं होगा. |
ऑटो नवीकरण सुविधा |
ग्राहकों द्वारा स्पष्ट नवीकरण अनुदेशों के अभाव में परिपक्वता की तारीख पर रु. 2.00 करोड़ से कम मूल्य वाली जमा को संबंधित सामान्य एफडी योजना (प्रतिदेय एफडी योजना – आरआईआरडी / एमआईपी / क्यूआईपी) की परिपक्वता की तारीख के अनुसार 12 माह की अवधि के लिए निर्धारित ब्याज की प्रचलित दर पर 12 माह के लिए स्वत: नवीकृत हो जाएगा. यदि खाता खोलने के समय जमाकर्ता द्वारा रु. 2.00 करोड़ एवं इससे अधिक की जमा राशि की परिपक्वता तारीख को इसे सामान्य आवधि जमा योजना (प्रतिदेय सावधि जमा योजना) के रूप में इस आशय का अनुदेश दिए जाने पर स्वतः नवीकृत हो जाएगा. नवीकरण अनुदेश ने होने पर ऐसी जमा की परिपक्वता पर जमाकर्ता के सक्रिय खाते में जमा की जाएगी. |
विशेष नियम एवं शर्तें |
सरकारी विभागों द्वारा प्रतिभूति के रूप में तथा गैर निधि आधारित गतिविधियों के लिए मार्जिन के रूप में स्वीकृत है जो कि परिपक्वता पूर्व भुगतान की मांग न करने हेतु सहमति दिये जाने के अधीन है. |
संशोधित आवेदन सह जमा पर्ची में जमाराशि स्वीकार करना (एफ सं. 410) |
भविष्य में किसी विवाद से बचने के लिए गैर – प्रतिदेय टीडी की मुख्य विशेषता "किसी भी कारण से समय पूर्व निकासी की अनुमति नहीं है", ग्राहक के ध्यान में लाया जाना चाहिए, जिसके लिए निम्नलिखित प्रक्रिया अपनाई जाए :
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अन्य नियम एवं शर्तें |
इन जमा पर पात्रता मानदंड एवं अन्य सभी अनुदेश जो 'मीयादी जमाराशि पर लागू होते हैं, लागू होंगे. |
बड़ौदा एडवांटेज सावधि जमा खाता नॉन कॉलेबल (अप्रतिदेय) : पात्रता
पात्रता |
नोट : यह उत्पाद नाबालिग, जिनकी उम्र 14 वर्ष या उससे कम है, के लिए उपलब्ध नहीं है क्योंकि इस आयु वर्ग के नाबालिगों के खातों में अधिकतम रु.1,00,000/- की राशि स्वीकृत हो सकती है. |
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बड़ौदा एडवांटेज सावधि जमा खाता नॉन कॉलेबल (अप्रतिदेय) : ब्याज दर और प्रभार
ब्याज दर और प्रभार के लिए कृपया यहां क्लिक करें.
बड़ौदा एडवांटेज सावधि जमा खाता नॉन कॉलेबल (अप्रतिदेय) : सबसे महत्वपूर्ण नियम और शर्तें (एमआईटीसी)
- वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज दर : केवल रु.1 करोड़ से कम की जमाराशियों पर @ 0.50% की दर से अतिरिक्त ब्याज देय होगा..
- स्रोत पर कर कटौती : आयकर नियमों के अनुसार टीडीएस की कटौती की जाएगी. यदि कोई व्यक्ति 15 जी / 15 एच फॉर्म प्रस्तुत करता है तो कोई टीडीएस नहीं काटा जाएगा.
- परिपक्वता पर या इससे पूर्व ब्याज संगणना की प्रक्रिया : घरेलू सावधि जमाराशि के सभी मामलों में जहां तिमाही अपूर्ण है वहां वर्ष के 365 / 366 दिनों को ध्यान में रखते हुए वास्तविक दिनों की संख्या के आधार पर अर्थात ऐसी जमाराशियों पर ब्याज की संगणना संपूर्ण तिमाहियों और दिनों के अनुसार ब्याज की संगणना की जाएगी. प्रत्येक छमाही में तिमाही आधार पर ब्याज का भु्गतान किया जाएगा.
- टीडीएस प्रमाणपत्र : सभी ग्राहकों को टीडीएस प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा.
- जमाराशियों के एवज में अग्रिम : यह सुविधा एकल नाम पर नाबालिग और एचयूएफ खाते के लिए उपलब्ध नहीं है. 2 तिमाहियों से अधिक समय तक ब्याज जमा नहीं होने पर सावधि जमा को तत्काल समानुपातिक रूप से विभाजित किया जाएगा.
- ग्राहक के अनुरोध पर ब्याज प्रमाणपत्र उपलब्ध है.
- जमाराशि प्रमाणपत्र - सावधि जमा रसीद उपलब्ध कराई जाती है.
- ग्राहक के अनुरोध पर सावधि जमाराशि को एक शाखा से दूसरी शाखा में स्थानांतरित किया जा सकता है.
- भुगतान का माध्यम :परिपक्वता पर प्राप्तियां ग्राहक के बचत बैंक / चालू खाते में जमा किए जाते हैं. ग्राहक का परिचालन खाता न होने पर, रु. 20000/- तक के परिपक्वता लाभों को नकद में और इससे अधिक राशि का मांग ड्राफ्ट / भुगतान आदेश जारी किया जाएगा.
- 10 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति का नाबालिग खाता खोला जा सकता है जिसमें जमा की जाने राशि की अधिकतम सीमा रु. 1,00,000/- होगी.
ब्याज भुगतान :
- भारतीय रिज़र्व बैंक के निर्देशानुसार, मीयादी जमाराशियों पर ब्याज की गणना तिमाही चक्रवृद्धि अंतराल पर की जाएगी और जमाराशि की अवधि के आधार पर बैंक द्वारा निर्धारित दर पर इसका भुगतान किया जाएगा. मासिक जमा योजना के मामले में ब्याज की गणना तिमाही के लिए चक्रवृद्धि आधार पर की जाएगी और रियायती मूल्य पर मासिक भुगतान किया जाएगा. बैंक द्वारा मीयादी जमा पर ब्याज की गणना भारतीय बैंक संघ द्वारा सुझाए गए सूत्रों और पद्धतियों के अनुरूप की जाती है.
- 2 तिमाहियों और इससे अधिक की जमाराशियों के लिए ब्याज की गणना संपूर्ण तिमाहियों के लिए चक्रवृद्धि तिमाही के आधार पर की जाती है और जहां अंतिम तिमाही अपूर्ण है, वहां ब्याज की संगणना 365/366 दिनों को ध्यान में रखते हुए दिनों की वास्तविक संख्या के लिए आनुपातिक रूप से की जाती है.
- रसीद में उल्लिखित परिपक्वता राशि की गणना बगैर टीडीएस की कटौती के दर्शायी जाती है. छमाही (तिमाही चक्रवृद्धि) के लिए ब्याज की गणना करते समय, पिछली छमाही (तिमाही चक्रवृद्धि) के लिए गणना किए गए ब्याज से टीडीएस को घटाकर वर्तमान छमाही वर्ष के लिए ब्याज की गणना करने के लिए मूल राशि में जोड़ी जाएगी.
- 2 तिमाहियों से कम लेकिन 1 तिमाही से अधिक की लघु जमाराशि के लिए, संपूर्ण तिमाही के लिए साधारण ब्याज और शेष दिनों के लिए वर्ष 365-366 दिनों को ध्यान में रखते हुए (चक्रवृद्धि प्रभाव के बिना) का भुगतान किया जाएगा.
- एक तिमाही से कम अवधि की लघु जमाराशि के लिए ब्याज की गणना वर्ष 365-366 दिनों को ध्यान में रखते हुए दिनों की वास्तविक संख्या के अनुसार आनुपातिक रूप से की जाती है.
- एफसीएनआर जमाराशिओं पर ब्याज का भुगतान विभिन्न परिपक्वता अवधियों के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा समय-समय पर निर्धारित आधार दरों के अनुसार गणना की गई दरों पर किया जाएगा. एफसीएनआर जमाराशियों पर ब्याज का भुगतान 360 दिनों से एक वर्ष के आधार पर किया जाएगा व इसकी गणना 180 दिनों के अंतराल पर की जाएगी.
- 1 जुलाई, 1995 से प्रभावी मीयादी जमाराशि पर ब्याज के भुगतान से स्रोत पर आय कर की कटौती (आयकर अधिनियम 1961 की धारा 194ए)
- वरिष्ठ नागरिकों के अलावा गैर-कॉर्पोरेट ग्राहक - पैन के साथ फॉर्म नंबर 15 जी (दिनांक 1 अप्रैल 2010 से प्रभावी).
- वरिष्ठ नागरिक अर्थात 60 वर्ष या इससे अधिक आयु के व्यक्ति - पैन के साथ फॉर्म नंबर 15 एच (दिनांक 1 अप्रैल 2010 से प्रभावी) दिनांक 1 अप्रैल, 2010 से आयकर विभाग ने उन सभी मामलों में जहां टीडीएस लागू है, कटौतीकर्ताओं द्वारा स्थायी खाता संख्या (पैन) प्रस्तुत करना अनिवार्य कर दिया है, ऐसा न करने पर 20% की उच्च दर से टीडीएस (10% की सामान्य दर के मुक़ाबले) या सामान्य दर जो भी अधिक हो, पर टीडीएस की कटौती की जाएगी. साथ ही दिनांक 1 अप्रैल 2010 से फॉर्म सं 15 जी / 15 एच पर पैन का उल्लेख करना भी अनिवार्य कर दिया गया है.
- बैंक तिमाही आधार पर कर कटौती की राशि के लिए एक सिस्टम जनरेटेड स्त्रोत पर कर कटौती प्रमाणपत्र (टीडीएस सर्टिफिकेट) जारी करेगा.
- एनआरई और एफसीएनआर मीयादी जमा पर अर्जित/उपार्जित ब्याज भारत में आयकर अधिनियम के संबंधित प्रावधानों के अंतर्गत भारत में कर मुक्त है तथा ऐसी जमाराशियां के स्रोत पर कोई भी कटौती योग्य नहीं है. एनआरओ जमा से संबंधित जमाकर्ता प्रत्येक वित्तीय वर्ष के आरंभ में बैंक द्वारा निर्धारित दस्तावेजों को प्रस्तुत करके दोहरा कराधान परिहार समझौते (डीटीएए) के अंतर्गत भारत द्वारा विभिन्न देशों की सरकार के साथ किए गए समझाते के अनुरूप घटे हुए दर का लाभ उठा सकता है.
- घोषणापत्र के बिना पैन प्रस्तुत करने पर - 30% की दर से टीडीएस कटौती की जाएगी.
- पैन के बिना घोषणापत्र प्रस्तुत करने पर – सामान्य दर या 20%, जो भी अधिक हो, टीडीएस.
- पैन और घोषणापत्र प्रस्तुत करने पर @30% की दर से टीडीएस
- ब्याज संबंधी समस्त भुगतान रुपये में राउंड ऑफ किया जाएगा.
- मीयादी जमा खाता धारक अपनी जमा राशि रखते समय अपने इस खाते को बंद करने संबंधी अनुदेश दे सकते हैं या परिपक्वता की तारीख पर आगामी अवधि के लिए इस जमा का नवीकरण करा सकते हैं. ऐसे अनुदेश न होने पर बैंक द्वारा स्वचालित रूप से निम्नानुसार जमा राशि का नवीकरण किया जाएगा.
- जमाराशि एक वर्ष व इससे अधिक अवधि के लिए रखने पर यह निर्धारित तारीख पर प्रचलित दर से एक वर्ष के लिए स्वचालित रूप से नवीकृत हो जाएगी.
- जमाराशि के एक वर्ष से कम अवधि के लिए रखने पर यह निर्धारित तारीख को प्रचलित दर से समान अवधि के लिए स्वचालित रूप से नवीकृत हो जाएगी.
तदनुसार बैंक द्वारा निम्नलिखित कार्यप्रणाली अपनाई गई है.
“घरेलू सावधि जमाराशि (जमाराशि की अवधि 1 वर्ष से अधिक) के सभी मामलों में, जहां अंतिम तिमाही अधूरी हो, ब्याज की गणना वर्ष के 365 / 366 दिनों को ध्यान में लेते हुए वास्तविक दिनों की संख्या के आधार पर की जाएगी, यानी ऐसी जमाराशियों पर ब्याज की गणना पूरा की गई तिमाहियों और दिनों के आधार पर की जाएगी. ”
आयकर की कटौती उन मामलों में की जानी है जहां समग्र रूप से जमाकर्ता के नाम पर बैंक में रखी गई सभी मीयादी जमा पर भुगतान या जमा किया गया कुल ब्याज, चाहे एकल नाम पर हो या संयुक्त रूप से (प्रथम नामित व्यक्ति के रूप में) आयकर अधिनियम 1961 के अंतर्गत प्रति वित्तीय वर्ष की विनिर्दिष्ट सीमा से अधिक है, तो खाते में जमा करते समय अथवा जमाकर्ता को ब्याज का भुगतान करते समय, जो भी पहले हो, समय-समय पर कर सीमा के लिए पात्र ब्याज की सीमा में परिवर्तन के अधीन कर की कटौती की जाती है.
यदि जमाकर्ता प्रत्येक वर्ष अप्रैल माह के अंत तक निम्नलिखित फॉर्म जमा करता है, तो कोई कर नहीं काटा जा सकता है.
तथापि बैंक के पास निर्दिष्ट दरों पर एनआरओ सावधि जमाओं पर भुगतान किए गए / देय किसी भी ब्याज पर स्रोत पर कर कटौती करने का सांविधिक दायित्व है. यदि पैन को दोहरे कराधान वर्जन समझौते के अंतर्गत लागू घोषणा के साथ प्रस्तुत किया जाता है - तो टीडीएस ग्राहक के निवासी देश के लिए लागू दर पर कटौती की जाती है.
यदि ग्राहक इस अवधि में परिवर्तन करना चाहता है या मीयादी जमा का समय – पूर्व आहरण करना चाहता है, तो ग्राहक के लिखित अनुरोध पर इसकी अनुमति दी जा सकती है. प्रतिदेय योजना के अंतर्गत जमा के मामले में बैंक विवेकाधिकार के अनुसार थोक जमाराशि का समय – पूर्व निकासी की जाती है.
थोक जमाराशियां (रु. 2 करोड़ से अधिक)
- "थोक जमा" का अर्थ है रु. 2 करोड़ व इससे अधिक की एकल रुपये मीयादी जमाराशियां (आरबीआई/2018-19/128, डीबीआर.डीआईआर.बीसी.सं.27/13.03.00/2018-19 दिनांक 22.02.2019).
- यदि एक ही दिन में रु. 2.00 करोड़ या इससे अधिक की राशि की एक से अधिक जमा रसीदें जारी की जाती हैं, मगर उसकी परिपक्वता अलग-अलग तारीखों पर होती है, तो यह थोक जमाराशियों के विभाजन के समान नहीं होगी. इसके अलावा एक ही दिन में जारी रु. 2.00 करोड़ व उससे अधिक की कुल राशि की विविध जमाराशियां जिनकी परिपक्वता अवधि एकसमान है लेकिन विभिन्न विशिष्ट प्रयोजनों के लिए थोक जमाराशियों के विभाजन के अनुरूप नहीं होंगी, बशर्ते ग्राहक इसके लिए सहायक दस्तावेज प्रस्तुत करें.
मृतक जमा खाते में देय राशि का निपटान
- यदि जमाकर्ता ने बैंक में नामांकन पंजीकृत किया है, तो बैंक द्वारा नामित व्यक्ति की पहचान आदि से संतुष्ट होने के बाद मृतक जमाकर्ता के खाते में बकाया शेष राशि को नामित व्यक्ति के खाते में अंतरित कर दिया जाएगा. भुगतान विधिक उत्तराधिकारी के प्रतिनिधि के रूप में नामित व्यक्ति को किया जाता है.
- उपर्युक्त प्रक्रिया का अनुपालन वैसे संयुक्त खाते के संबंध में भी किया जाएगा जिसमें बैंक नामांकन पंजीकृत है.
- संयुक्त खाते में, संयुक्त धारक में से किसी एक की मृत्यु हो जाने पर बैंक द्वारा मृतक व्यक्ति के विधिक उत्तराधिकारियों तथा जीवित जमाकर्ता (ओं) को संयुक्त रूप से भुगतान करना आवश्यक होता है. तथापि, यदि संयुक्त खाता धारकों द्वारा "कोई एक या उत्तरजीवी", "पूर्ववर्ती / उत्तरवर्ती या उत्तरजीवी", उत्तरजीवी में से कोई भी व्यक्ति या उत्तरजीवी आदि जैसे प्रारुप में खाते में शेष राशि के निपटान के लिए अधिदेश दिए गए थे तो यह मृतक के विधिक उत्तराधिकारियों द्वारा विधिक दस्तावेज प्रस्तुत किये जाने पर संबंधित अधिदेश के अनुसार भुगतान किया जाएगा ताकि ज्यादा विलंब न हो.
- संयुक्त नाम पर धारित मीयादी जमा खाते में यदि परिचालन अनुदेश ‘दोनों में से कोई एक या उत्तरजीवी’, या ‘पूर्ववर्ती या उत्तरजीवी’ है, तो एक जमाकर्ता की मृत्यु के बाद परिपक्वता पर इस राशि का उत्तरजीवी को भुगतान किया जाएगा. यदि परिपक्वता से पहले भुगतान की मांग किए जाने पर मृतक के विधिक उत्तराधिकारियों की सहमति प्राप्त करने के पश्चात ही इसकी अनुमति प्रदान की जाएगी.
- नामांकन न होने पर तथा दावेदारों के बीच कोई विवाद न होने पर बैंक सभी विधिक उत्तराधिकारियों द्वारा संयुक्त आवेदन तथा क्षतिपूर्ति के एवज में या बैंक के बोर्ड द्वारा अनुमोदित सीमा तक विधिक दस्तावेजों पर ध्यान दिए बिना विधिक उत्तराधिकरियों द्वारा उनकी ओर से भुगतान प्राप्त करने के लिए अधिकार पत्र में दर्शाए व्यक्ति को मृतक व्यक्ति के खाते की बकाया राशि का भुगतान किया जाएगा. यह सुनिश्चित करना आवश्यक होगा सामान्य जमाकर्ताओं को विधिक औपचारिकताओं को पूरा करने में हुए विलंब से कोई परेशानी न हो.
मृतक खाते में मीयादी जमा पर देय ब्याज
- जमा की परिपक्वता तारीख से पहले जमाकर्ता की मृत्यु होने तथा परिपक्वता की तारीख के बाद जमा राशि का दावा किए जाने पर बैंक द्वारा परिपक्वता तारीख तक अनुबंधित दर पर ब्याज का भुगतान किया जाएगा. बैंक द्वारा परिपक्वता की तारीख से भुगतान की तारीख तक परिपक्वता तारीख को लागू दर पर तथा इसके बाद उस अवधि के लिए जिसके लिए जमाराशि बैंक में रखी गई है, उसके लिए साधारण ब्याज का भुगतान किया जाएगा.
- तथापि, अतिदेय जमा की परिपक्वता तारीख के बाद जमाकर्ता की मृत्यु हो जाने पर बैंक परिपक्वता तारीख पर लागू बचत बैंक जमा दर पर परिपक्वता की तारीख से भुगतान की तारीख तक ब्याज का भुगतान किया जाएगा.
मीयादी जमाराशि का परिपक्वता समय-पूर्व आहरण
- परिपक्वता -पूर्व भुगतान की अनुमति नहीं है, तथापि जमाकर्ता की मृत्यु हो जाने पर बैंक के सामान्य मानदंडों और प्रक्रियाओं के अनुसार समय–पूर्व भुगतान की अनुमति है.
- मृतक जमाकर्ता के खातों में दावों के निपटान पर दंड से छूट दिया जाता है तथा दो या दो से अधिक संयुक्त जमाकर्ताओं में जहां जमाकर्ताओं में से किसी एक की मृत्यु हो गई है, तो लागू दर पर ब्याज का भुगतान किया जाता है.
- सामान्य परिस्थितियों में संयुक्त जमा राशि को परिपक्वता -पूर्व बंद करने की अनुमति केवल तभी दी जाएगी जब सभी जमाकर्ता इस आशय के अनुरोध पर हस्ताक्षर करेंगे. दोनों में से कोई एक या उत्तरजीवी, पूर्ववर्ती या उत्तरजीवी, उत्तरवर्ती या उत्तरजीवी तथा कोई भी या उत्तरजीवी के रुप में परिचालनगत अनुदेशों के साथ मीयादी जमा के मामले में एवं संयुक्त धारकों में से एक की मृत्यु की स्थिति में संबंधित अधिदेश न होने पर इस प्रकार की जमा राशि को समय – पूर्व बंद करने की अनुमति केवल तभी दी जाएगी जब मृतक के विधिक उत्तराधिकारी इस प्रकार के समय-पूर्व आहरण के लिए सहमत हों. ऐसे मामलों में जहां बैंक के पास संबंधित अधिदेश उपलब्ध है, उत्तरजीवियों के पक्ष में ऐसी जमाराशि के परिपक्वता से पहले बंद करने की अनुमति दी जाएगी.
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अप्रतिदेय (नॉन कॉलेबल) जमाराशि क्या हैं ?
अप्रतिदेय (नॉन कॉलेबल) जमाराशि वैसी राशि है जो परिपक्वता की तारीख से पहले आहरित नहीं की जा सकती है. असाधारण परिस्थितियों के कारण अप्रतिदेय (नॉन कॉलेबल) जमाराशियों को समय पूर्व भुनाए जाने पर यह दंड के अधीन होता है तथा इसपर गारंटीकृत ब्याज दर से कम ब्याज मिलेगा. यह एक लॉक जमाराशि है जो अपनी परिपक्वता तक जारी रहती है.
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अप्रतिदेय (नॉन कॉलेबल) एफडी क्या है ?
यह एक घरेलू सावधि जमाराशि है जिसमें मानक एफडी की तुलना में ब्याज दर अधिक होता है क्योंकि इस जमाराशि के समय-पूर्व आहरण पर प्रतिबंध है. इसके अंतर्गत तत्काल अदायगी की न्यूनतम राशि रु. 15.01 लाख है.
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अप्रतिदेय (नॉन कॉलेबल) एफडी के अंतर्गत अधिकतम जमा राशि कितनी है?
अप्रतिदेय (नॉन कॉलेबल) एफडी के लिए कोई उच्चतम सीमा नहीं है और इसकी न्यूनतम राशि रु.15.01 लाख है जिसे रु. 1000 के गुणकों में बढ़ाया जा सकता है.
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क्या हम अप्रतिदेय (नॉन कॉलेबल) एफडी तोड़ सकते हैं?
इस योजना के अंतर्गत जमा की गई राशियों को निम्नलिखित असाधारण मामलों को छोड़कर किसी भी कारण से परिपक्वता पूर्व आहरण की अनुमति नहीं दी जाएगी जैसे कि:
- शाखा द्वारा त्रुटिवश यह जमा खाता खोले जाने पर
- अप्रतिदेय (नॉन कॉलेबल) राशि के अप्रतिदेय (नॉन कॉलेबल) में स्वत: (ऑटो) नवीकृत होने पर.
- अप्रतिदेय (नॉन कॉलेबल) जमाराशि जारी होने के 15 दिनों के भीतर ग्राहक द्वारा इसमें संशोधन किए जाने पर
- ग्राहक की मृत्यु
- सरकारी निकायों के नाम पर रखी गई अप्रतिदेय (नॉन कॉलेबल) जमाराशि
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क्या अप्रतिदेय (नॉन कॉलेबल) सावधि जमाराशि में कोई सुविधा प्रदान की जाती है ?
अप्रतिदेय (नॉन कॉलेबल) सावधि जमाराशि में सामान्य एफडी के ब्याज दर की तुलना में विभेदक दर प्रदान किया जाता है. इस कारणवश जमाराशि के समय-पूर्व आहरण से बचना चाहिए. इसके अंतर्गत न्यूनतम जमा राशि रु. 15.01 लाख है.
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अप्रतिदेय (नॉन कॉलेबल) थोक (बल्क) टीडी की न्यूनतम अवधि कितनी है ?
अप्रतिदेय (नॉन कॉलेबल) थोक सावधि जमाराशि की न्यूनतम अवधि 1 वर्ष होती है.
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अप्रतिदेय (नॉन कॉलेबल) एफडी की अधिकतम सीमा कितनी है ?अप्रतिदेय (नॉन कॉलेबल) एफडी की कोई अधिकतम सीमा नहीं है. एनआरई के लिए यह जमा राशि रु. 2 करोड़ से कम होनी चाहिए.
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परिपक्वता से पूर्व अप्रतिदेय (नॉन कॉलेबल) एफडी का आहरण करने पर क्या होगा ?
परिपक्वता – पूर्व आहरण किए जाने पर जमाराशि को प्रतिदेय (कॉलेबल) सावधि जमा के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा तथा अप्रतिदेय (नॉन कॉलेबल) जमाराशियों पर लागू ब्याज दर प्रदान नहीं किया जाएगा. जमाराशियों के समय - पूर्व भुगतान के कारण दंड स्वरुप 2% ब्याज प्रभारित किया जाएगा तथा लागू अनुबंधित ब्याज दर (जमा खात खोलते समय) या उस अवधि जिसके लिए जमाराशि वास्तव में बैंक में जमा की गई हो, जो भी कम हो,पर लागू ब्याज दर देय होगा. बैंक द्वारा अप्रतिदेय (नॉन कॉलेबल) एफडी की समय - पूर्व आहरण अनुमति नहीं दी जाती है.
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क्या मुझे इस जमाराशि के एवज में ऋण मिल सकता है?
जी हां, बैंक के दिशानिर्देशों के अनुसार ऋण और ओवरड्राफ्ट सुविधाएं उपलब्ध हैं.