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  • सबसे महत्वपूर्ण नियम और शर्तें (एमआईटीसी)

निवासी विदेशी मुद्रा खाता - भारत में बसने हेतु भारत लौटने वाले अनिवासी भारतीयों के लिए : विशेषताएं

  • एनआरआई के वास्तविक प्रयोजन हेतु आरएफ़सी खाते की राशि स्वतंत्र रूप से प्रत्यावर्तनीय मानी जाती है.
  • आरएफ़सी खाता खोलने और निधियों को विदेश में अंतरित करने के लिए रिज़र्व बैंक की अनुमति लेनी आवश्यक नहीं है.
  • स्थानीय उपयोग के लिए आरएफ़सी निधियों को आसानी से भारतीय रुपये में आहरित किया जा सकता है.
  • पुनः विदेश जाने के लिए एनआरआई इस राशि का आसानी से उपयोग कर सकते हैं और खाते को पुनः एफ़सीएनआर और एनआरई खाते में भी बदल सकते हैं जैसा कि खाता उनके ‘भारत वापस आने’ के पहले था.

निवासी विदेशी मुद्रा खाता - भारत में बसने हेतु भारत लौटने वाले अनिवासी भारतीयों के लिए : सबसे महत्वपूर्ण नियम और शर्तें (एमआईटीसी)

  • यह राशि सावधि जमा के रूप में बारह माह से लेकर पांच वर्ष तक की अवधि के लिए रखी जाएगी.
  • ब्याज दरें इस प्रकार होंगी :
    1. 12 माह से 60 माह तक की आरएफसी जमाराशियों पर एफसीएनआर जमा के समान ही ब्याज दर प्रभारित की जाएगी (12 महीने से पहले समय पूर्व भुगतान हेतु कोई ब्याज नहीं दिया जाएगा).
  • यदि कोई व्यक्ति जो उस वर्ष के पिछले 10 वित्तीय वर्षों में से 9 में भारत में अनिवासी रहा हो, या उस वर्ष से पहले के 7 पिछले वर्षों के दौरान भारत में रहा हो, या कुल मिलाकर 729 दिनों तक या इससे कम की अवधि के लिए भारत में रहा हो तो उसे 'निवासी लेकिन आम तौर पर निवासी नहीं (आरएनओआर)' माना जाएगा और वह 'आरएफसी' पर आयकर छूट का दावा कर सकता है.

सामान्य अनिवासी खाते

खाताधारक के भारत वापस आने पर जिसके फलस्वरूप वह भारत का कानूनन निवासी बन जाता है सामान्य अनिवासी खातों को बैंक द्वारा निवासी खातों में परिवर्तित कर दिया जाता है.


अनिवासी (बाह्य) रुपया खाता

खाताधारक के भारत वापस लौटने एवं भारत के कानूनन निवासी बनने पर तथा उनके द्वारा विकल्प देने पर एनआरई खाते को भी निवासी रुपए खाते या आरएफसी खाते (यदि पात्र हैं) में परिवर्तित किए जाएंगे. एनआर (ई) सावधि जमाराशि के मामले में, निवासी खाते में परिवर्तित किए जाने के बावजूद भी इन खातों में परिपक्वता तक सहमत दर पर ब्याज मिलना जारी रहेगा.


एफसीएनआर (बी) खाते

खाता धारक के भारत वापस लौटने एवं भारत के निवासी बनने पर तथा उनके द्वारा विकल्प देने पर एफसीएनआर खाते भी निवासी रुपया खाते या आरएफसी खाते (यदि पात्र हैं) में परिवर्तित किए जाएंगे. एफसीएनआर खातों को परिपक्वता तक जारी रखने की अनुमति दी जा सकती है.

खाते के निवासी रुपया खाते में परिवर्तन किए जाने के मामले में, परिवर्तन के दिन टीटी खरीदने की दर के नियम से विदेशी मुद्रा राशि भारतीय रुपए में परिवर्तित की जाएगी. नई जमाराशि पर, ऐसी जमा राशियों पर लागू प्रचलित दर से ब्याज का भुगतान किया जाएगा.


आरएफसी खाते

आरएफसी खाते में राशि अंतरित किए जाने के मामले में, आरएफसी खाते पर लागू ब्याज दर का भुगतान किया जाएगा.

आप वापस आने पर लाई गई आस्तियों तथा विदेश में रखी गई विदेशी आस्तियों के माध्यम से किसी भावी तारीख पर यदि आप इच्छुक हों तो, आरएफसी खाता भी खोल सकते हैं. आपका मौजूदा एनआरआई खाता पुन: वर्गीकृत किया जाएगा एवं आरएफसी कहलाएगा जबकि आपकी जमा राशियों की निरंतरता जमाओं की परिपकवता की तारीख तक बनाए रखी जाएगी.

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