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शेयर अंतरण के लिए भेजते समय, कृपया यह सुनिश्चित करें कि हस्तांतरण विलेख, विशेष रूप से विक्रेता के हस्ताक्षर, स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान और उसका रद्दीकरण, विधिवत रूप से भरे हुए हैः
कृपया यह सुनिश्चित करें कि खरीदार और विक्रेताओं ने उचित स्थानों पर हस्ताक्षर किए हैं और खरीदार का पिन कोड सहित पूरा पता और टेलिफोन/फैक्स/ई-मेल, यदि कोई हो तो वह दिया गया है।
यह भी सुनिश्चित किया जाए कि हस्तांतरणकर्ता ने अपना पूरा हस्ताक्षर किया है और शेयर प्रमाण पत्र के सभी धारकों द्वारा हस्तांतरण विलेख पर हस्ताक्षर किए हैं। कृपया सुनिश्चित करें कि हस्तांतरण कर्ता के हस्ताक्षर विधिवत प्रमाणित किए गए हैः
यदि हस्तांतरण विलेख हस्तांतरण कर्ता की गठित अटार्नी द्वारा हस्ताक्षरित है, तो कृपया यह सुनिश्चित करें कि बैंक ऑफ़ बड़ौदा/रजिस्टार के साथ पंजीकृत पावर ऑफ़ अटार्नी का पंजीकरण नंबर का उल्लेख हस्तांतरण विलेख के पीछे किया गया है। अन्यथा, हस्तांतरण कर्ता हस्तांतरित करने से पहले बैंक ऑफ़ बड़ौदा के साथ तत्काल पावर ऑफ़ अटार्नी पंजीकृत कराएँ।
यदि हस्तांतरती अपने द्वारा गठित अटार्नी से हस्तांतरण विलेख को हस्ताक्षरित कराना चाहता है, तो कृपया विधिवत नोटरी की गई आवश्यक पावर ऑफ़ अटार्नी संलग्न करें।
यदि खरीदार के पास पहले से ही फोलियो नंबर मौजूद है, तो उसी फोलियो नंबर पर नए शेयरों का पंजीकरण करने के लिए कृपया इसका उल्लेख करें।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने शेयरों के भौतिक हस्तांतरण के लिए पैन की आवश्यकता पर परिपत्र संख्या एमआरडी/डीओपी/परिपत्र-05/2009 दिनांक 20 मई, 2009 जारी किया था। तद् नुसार, स्टॉक एक्सचेंजों के साथ सूचीबद्धता करार में नया खंड अर्थात् खंड 11 (सी) जोड़ने के लिए संशोधित किया गया है, जिसे निम्नानुसार पढ़ा जाएगाः
“शेयरों के हस्तांतरण पंजीकरण, प्रतिभूति बाज़ार लेनदेनों और ऑफ़-मार्केट/प्राइवेट लेनदेनों जिनमें शेयरों के भौतिक रूप का हस्तांतरण शामिल हो के लिए हस्तांतरण कर्ता कंपनी/आरटीए को अपने पैन कार्ड की प्रति प्रस्तुत करेगा/करेंगे।”
निवेशकों से अनुरोध है कि भौतिक रूप में रखे गए बैंक के शेयरों का हस्तांतरण करने के लिए, सेबी/स्टॉक एक्सचेंजों के पूर्वोक्त दिशा-निर्देशों के अनुपालन हेतु ध्यान पूर्वक नोट करें।
विकृत/क्षतिग्रस्त शेयर प्रमाणपत्रों की बजाय डुप्लीकेट शेयर प्रमाणपत्र जारी किए जाते हैं।
डुप्लीकेट शेयर प्रमाणपत्र जारी करने के लिए विकृत/क्षतिग्रस्त शेयर प्रमाणपत्रों के लिए संबंधित सूचना के साथ अनुरोध किया जाए ताकि डुप्लीकेट प्रमाणपत्र जारी किए जा सके/p>
शेयर प्रमाणपत्रों के गुम होने की रिपोर्ट बैंक ऑफ़ बड़ौदा/रजिस्ट्रार को प्रमाणपत्रों के नंबर/फोलियों नंबर और विशिष्ट नंबर के साथ तत्काल रिपोर्ट किया जाए। प्रमाणपत्रों के गुम होने की शिकायत स्थानीय पुलिस स्टेशन में दर्ज की जाए और एफआईआर की एक प्रति प्राप्त की जाए.
साथ ही, ऐसे शेयरों के हस्तांतरण हेतु बैंक ऑफ बड़ौदा / रजिस्ट्रार को रोकने के आदेश को प्राप्त करने के लिए सिविल कोर्ट से अनुरोध किया जाना चाहिए।
डुप्लीकेट शेयर प्रमाण पत्र जारी करने के लिए बैंक ऑफ बड़ौदा / रजिस्ट्रार को निर्धारित प्रारूप में विधिवत स्टाम्प क्षतिपूर्ति पत्र और यदि आवश्यक हो, तो निष्पादन बॉण्ड पत्र सहित अनुरोध भेजा जाएगा।
डुप्लीकेट शेयर प्रमाण पत्र को केवल समाचार पत्र में मूल शेयर प्रमाणपत्रों के गुम होने/गैर-प्राप्ति के संबंध में आवश्यक अधिसूचना देने के बाद ही जारी किया जा सकता है।
लाभांश घोषित होने के बाद जिन हितधारकों को निर्धारित अवधि में लाभांश वारट प्राप्त नहीं होते हैं, वह संबंधित फोलियो नंबर और प्रमाणपत्र नंबर का उल्लेख करते हुए डुप्लीकेट वारटों के लिए आवेदन कर सकते हैं।
डुप्लीकेट वारंट अर्थात् बैंक विवरणी का मिलान करने के बाद यदि यह पाया जाता है कि उक्त वारंट का नकदीकरण नहीं हुआ है, तो ही माँग ड्राफ्ट जारी किया जाएगा।
डुप्लीकेट वारंट अर्थात् निर्धारित प्रारूप में समूचित क्षतिपूर्ति प्राप्त होने के बाद ही लाभांश वारटों का पुनवैधीकरण जारी किया जाएगा।
वैधता अवधि की समाप्ति पर, नया लाभांश वारट अर्थात् माँग ड्राफ्ट जारी करने के लिए वारंट(टों) को बैंक ऑफ़ बड़ौदा/रजिस्ट्रार के पास भेजना होगा।
On expiry of the validity period, the warrant(s) need to be sent to BANK OF BARODA / REGISTRAR for issue of fresh dividend warrant(s) i.e Demand Drafts.
शेयर प्रमाणपत्र(त्रों)/लाभांश वारट(टों) में हुई त्रुटियों के सुधार हेतु आवेदन मूल दस्तावेजों को सभी धारकों द्वारा विधिवत हस्ताक्षर करके भेजा जाए।
पते/बैंक विवरण में परिवर्तन के अनुरोध पर केवल उस स्थिति में विचार किया जाएगा यदि उनके फोलियो नंबर पर इंगित प्रथम शेयर धारक द्वारा हस्ताक्षरित लिखित अनुरोध प्राप्त होगा।
नाम परिवर्तन अनुरोध के साथ मूल प्रमाणपत्र और आधिकारिक राजपत्र अधिसूचना की प्रति या समाचारपत्र या विधिवत शपथबद्ध उचित मूल्य के हलफनामे सहित भेजें।
बैंकर द्वारा विधिवत अभिप्रमाणित नए नमूना हस्ताक्षर को बैंक ऑफ़ बड़ौदा/रजिस्ट्रार को प्रस्तुत किया जाए।
विवाह/तलाक आदि के कारण नाम में हुए परिवर्तन को प्रभावी बनाने के लिए मूल प्रमाणपत्र के साथ विवाह प्रमाणपत्र/तलाक डिक्री की सक्षम प्राधिकारी से विधिवत अभिप्रमाणित प्रति को बैंक ऑफ़ बड़ौदा/रजिस्ट्रार को अग्रेषित की जाए।
जिस नाम से शेयर प्रमाणपत्र जारी हुआ है यदि उस नाम में परिवर्तन करने की इच्छुक कंपनियों को कंपनी रजिस्ट्रार द्वारा जारी नए निगमन प्रमाणपत्र की प्रमाणित प्रति के साथ मूल शेयर प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होगा।
पंजीकृत शेयर धारक की मृत्यु के मामले में शेयरों के हस्तांतरण की आवश्यकता होती है। यदि शेयर संयुक्त नामों पर हैं, तो केवल मृतक शेयर धारक का ही नाम हटाया जाएगा। शेयर प्रमाणपत्र के साथ सक्षम प्राधिकारी (मजिस्ट्रेट, नोटरी पब्लिक, राजपत्रित अधिकारी, राष्ट्रीयकृत बैंक के प्रबंधक या बैंक ऑफ़ बड़ौदा के पदधारी) द्वारा पंजीकृत मृतक शेयर धारक का मृत्यु प्रमाणपत्र भेजा जाए।
एकल शेयर धारक के मामले में, पंजीकृत मृतक शेयरधारक द्वारा निष्पादित प्रोबेट के अनुसार उसके कानूनी वारिसों के पक्ष में हस्तांतरित किया जाएगा।
यदि मृतक शेयर धारक द्वारा कोई वसीयत नहीं छोड़ी गई है, तो शेयर का हस्तांतरण को केवल उत्तराधिकारी प्रमाणपत्र, प्रशासन पत्र या क्षतिपूर्ती बॉण्ड प्रस्तुत किए जाने पर ही प्रभावी किया जाएगा।
शेयर धारकों के क्रम में परिवर्तन के लिए प्रतिस्थापना की सहायता ली जा सकती है, अर्थात पहला धारक दूसरा धारक या तीसरा धारक बन सकता हैं और इसके विपरीत। प्रतिस्थापना के सभी अनुरोधों को बिना किसी स्टाम्प के विधिवत भरे गए हस्तांतरण विलेख के साथ रजिस्ट्रार को प्रेषित किया जाए। हस्तांतरण विलेख को सभी धारकों द्वारा हस्ताक्षर किए जाए।
शेयरों को अभौतिक रूप (डिमेट)में नेशनल सिक्युरिटी डिपॉजिटरी लि. (एनएसडीएल) या सेन्ट्रल सिक्युरिटी डिपॉजिटरी लि. (सीडीएसएल) के पास में भी रख सकते है। एनएसडीएल/सीडीएसएल डिपॉजिटरी है जहाँ निवेशकों की प्रतिभूतियों को डिपॉजिटरी सहभागियों (डीपी) के माध्यम से इलैक्ट्रॉनिक रूप में रखा जाता है। यह सुविधा गुम होने, धोखाधड़ी, हस्तांतरण विलेख के हस्ताक्षर करने या हस्तांतरण में होनेवाले विलंब आदि अनावश्यक समस्याओं से बचने और कागज़ रहित व्यापार की संभावना प्रदान करती है। शेयरों को डिमेट रूप में परिवर्तित करने के लिए, शेयर धारक को डिपॉजिटरी सहभागी (डीपी) के साथ काफी कम वार्षिक प्रभार के साथ डिपॉजिटरी खाता खुलवाना पड़ेगा।
डिमेट प्रक्रिया में, शेयर धारकों को शेयर प्रमाण पत्रों के बैंक के रजिस्ट्रार को ऑनवार्ड ट्रांसमिशन के लिए डीपी के समक्ष सरेंडर करना पड़ता है। इसके बाद प्रमाणपत्रों का सत्यापन किया जाता है और यदि यह सही पाए जाते है, तो इनका अभौतिकरण करके इनके समान मूल्य के शेयरों की संख्या को डीपी द्वारा शेयधारक के खाते में जमा कर दिया जाता है।
विश्लेषकों के समक्ष की गई प्रस्तुति, वित्तीय परिणाम, बैंक द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति आदि, को प्रमुख समाचार पत्रों में प्रकाशित किया जाता है साथ ही बैंक की वेबसाइट www.bankofbaroda.co.in पर भी रखा जाता है।
हितधारक संबंध समिति का गठन हितधारकों, डिबेंचर धारकों तथा अन्य प्रतिभूति धारकों की शिकायतों के निवारण को गति देने को सुनिश्चित करने हेतु किया गया है। इस समिति का गठन सेबी (एलओडीआर) विनियमन, 2015 के विनियम 20 के अनुसरण में किया गया है इस समिति में कार्यकारी निदेशक और अन्य गैर – कार्यकारी निदेशक सदस्य होते हैं, और एक गैर – कार्यकारी निदेशक इसकी अध्यक्षता करते हैं.
बैंक ने सेबी (एलओडीआर) विनियमन, 2015 के विनियम 6 के अनुपालन में कंपनी सचिव को अनुपालन अधिकारी नियुक्त किया है।