उद्देश्य
- ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में स्व-रोजगार उद्यम स्थापित करने के माध्यम से रोजगार के अवसरों का निर्माण करना.
- पारंपरिक एवं भावी शिल्पकारों एवं बेरोजगार युवा वर्ग को बड़े पैमाने पर निरंतर एवं स्थिर रोजगार उपलब्ध करवाने हेतु जिससे ग्रामीण युवा वर्ग का शहरों में स्थानांतरण कम किया जा सके.
प्रयोज्यता
- यह योजना सूक्ष्म क्षेत्र के अंतर्गत ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में सभी व्यवहार्य (तकनीकी एवं आर्थिक रूप से) परियोजनाओं को लागू है.
- स्वीकार्य परियोजना की अधिकतम लागत निर्माण क्षेत्र के अंतर्गत रू. 25/- लाख तथा व्यवसाय/सेवा क्षेत्र में रू. 10/- लाख है.
- एक परिवार में से केवल एक व्यक्ति इस योजना के अंतर्गत वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए पात्र है.
- इस योजना के अंतर्गत सहायता केवल नयी परियोजना के लिए उपलब्ध है.
- इस योजना के अंतर्गत वित्तीय सहायता उन गतिविधियों के लिए उपलब्ध नहीं होगी, जो योजना की नकारात्मक सूची में शामिल है.
पात्र उद्यमी/ऋणकर्ता
- 18 वर्ष से अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति.
- निर्माण क्षेत्र के अंतर्गत रू. 10/- लाख तथा व्यवसाय/सेवा क्षेत्र में रू. 5/- लाख से अधिक लागत वाली परियोजना स्थापित करने के लिए लाभार्थी कम से कम 8वीं कक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए.
- स्वयं सहायता समूह (बीपीएल के अंतर्गत हो, उनके सहित, बशर्ते उन्होंने किसी अन्य योजना का लाभ न उठाया हो.
- सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के अंतर्गत पंजीकृत संस्था.
- उत्पादक को-ऑपरेटीव सोसायटी.
- दानार्थ न्यास.
टिप्पणी
मौजूदा इकाइयां (पीएमआरवाय, आरईजीपी या भारत सरकार अथवा राज्य सरकार की किसी अन्य योजना के अंतर्गत के) एवं ऐसी अन्य इकाइयां, जिन्होंने भारत सरकार अथवा राज्य सरकार की किसी अन्य योजना के अंतर्गत सरकारी सब्सिडी का लाभ उठाया हो वे पात्र नहीं होंगी.
लाभार्थियों का निर्धारण एवं चयन जिला मेजिस्ट्रेट/उपायुक्त/संबद्ध कलेक्टर की अध्यक्षता में केवीआईसी/राज्य केवीआईबी/जिला उद्योग केन्द्र एवं बैंकों के बने कार्य-दल द्वारा किया जाएगा.
सब्सिडी की पात्रता एवं बैंक-वित्त
केवीआईसी एवं बैंक-वित्त नीचे दिए गए ब्यौरे के अनुसार परियोजना की लागत पर आधारित होगा.
|
बैंक-वित्त |
केवीआईसी से सब्सिडी |
प्रवर्तक का हिस्सा |
शहरी क्षेत्र |
ग्रामीण क्षेत्र |
सामान्य श्रेणी के लाभार्थी/संस्था |
90% |
15% |
25% |
10% |
विशेष श्रेणी के लाभार्थी/संस्था |
95% |
25% |
35% |
5% |
प्रतिभूति
- बैंक के वित्तपोषण से सृजित आस्तियां.
- स्वामी/प्रवर्तक की वैयक्तिक गारंटी.
- रू. 5/- लाख तक कोई संपार्श्विक गारंटी नहीं.
- पात्र इकाइयां सूक्ष्म एवं लघु उद्यम के लिए ऋण गारंटी निधि योजना-(सीजीएमएसई) के अंतर्गत कवर होंगी. (मार्जिन राशि/सब्सिडी के घटक को छोड़ कर).
ब्याज दर
एमएसई क्षेत्र को लागू अनुसार.
चुकौती
6 माह तक की अधिस्थगन अवधि सहित 3 से 7 वर्ष.