Enjoy Banking on the Go. Download Mobile Banking App
फटका (एफएटीसीए) विदेशी खाता कर अनुपालन अधिनियम का संक्षिप्त नाम है, जो अमेरिकी नागरिकों द्वारा टैक्स चोरी को रोकने के लिए अमेरिकी सरकार द्वारा लाए गए यूएस कर विनियम की एक नयी प्रणाली है और इसे आंतरिक राजस्व सेवा (आईआरएस), जो भारत में आयकर विभाग के समान है, के माध्यम से लागू किया गया है.
भारत और अमेरिका के बीच आईजीए पर 9 जुलाई 2015 को हस्ताक्षर किए गए थे.
फटका का प्रमुख उद्देश्य अमरीकी लोगों के संबंध में अमेरिका के अलावा अन्य देशों (रिपोर्टिंग) से जानकारी प्राप्त करना है. फटका यू.एस. नागरिकों द्वारा विदेशों में कर चोरी का पता लगाने और उसे रोकने तथा उनकी पहचान कर यूएस के बाहर धारित उनकी वित्तीय आस्तियों पर उपयुक्त कर वसूली करने में यूएसए की मदद करेगा.
सीआरएस का अर्थ है सामान्य रिपोर्टिंग मानक. विदेशी कर चोरी और कर से बचने तथा विदेशों में बेहिसाबी धन को छिपाने की समस्या से निपटने के लिए कर अधिकारियों के बीच सहयोग की आवश्यकता होती है, जी-20 और ओईसीडी देश इस पर मिलकर काम कर रहे हैं और उन्होंने सूचनाओं के स्वचालित आदान-प्रदान (एईओआई) पर एक सामान्य रिपोर्टिंग मानक (सीआरएस) विकसित किया है. जी -20 के नेताओं को 16 नवंबर, 2014 को ब्रिस्बेन में एईओआई पर सीआरएस प्रस्तुत किया गया
भारत ने सीआरएस पर 3 जून, 2015 को हस्ताक्षर किए.
सीआरएस का मुख्य उद्देश्य देशों के बीच सूचना के पारस्परिक आदान-प्रदान के जरिए विदेशी कर चोरी और कर से बचने तथा विदेशों में बेहिसाबी धन को छिपाने की समस्या का समाधान करना है. 98 देश सीआरएस के सदस्य हैं.
अन्य देशों के निवासी खाताधारकों के बारे में जानकारी एकत्रित और सूचना के स्वचालित आदान-प्रदान के माध्यम से उनके कर प्राधिकारियों को रिपोर्ट भेजना. "निवासी" देशों में लाभदायक स्वामित्व या हित रखने वाले व्यक्तियों, कंपनियों और ट्रस्टों से संबंधित सूचना देना.
आयकर अधिनियम, 196 की धारा 285बीए में संशोधन कर वित्त (नं. 2) अधिनियम, 2014 के माध्यम से आवश्यक विधायी परिवर्तन किए गए हैं. सूचनाओं के रख-रखाव और रिपोर्टिंग हेतु रिपोर्टिंग वित्तीय संस्थानों को कानूनी आधार प्रदान करने के लिए आयकर नियम, 1962 में नियम 114एफ से 114एच और फॉर्म 61 बी को शामिल करने हुए इसे संशोधित किया गया.
व्यक्ति के मामले में रिपोर्ट करने योग्य प्रत्येक व्यक्ति का नाम, पता, करदाता पहचान संख्या और प्रत्येक की जन्म तिथि और स्थान.
रिपोर्ट करने योग्य व्यक्तियों के बारे में जानकारी प्रत्येक वर्ष सीबीडीटी को दी जाएगी.
यदि आप एक अमेरिकी नागरिक नहीं हैं, तो आपको स्व-प्रमाणन देने की आवश्यकता नहीं है. तथापि, यदि यूएसए और भारत के बीच अंतर सरकारी समझौते के तहत निर्धारित कोई भी संकेतक आपके खाते की जानकारी के लिए प्रासंगिक है, तो आपको हमें फटका / सीआरएस के अंतर्गत आपकी स्थिति का पता लगाने के लिए स्वयं प्रमाणन देना होगा.
आपको हमें तब तक दोबारा स्व-प्रमाणन देने की आवश्यकता नहीं है, जब तक कि आपकी परिस्थितियों में ऐसा कोई परिवर्तन न हो जिसके परिणामस्वरूप आपकी कर निवासी स्थिति में परिवर्तन हुआ हो.
नहीं, आपकी कर निवास स्थिति का पता लगाने से पहले, बैंक यूएस/ किसी भी अन्य देश को कोई सूचना नहीं देगा. इसीलिए बैंक स्व-प्रमाणन/ दस्तावेज लेता है. यदि यह सत्यापित हो जाता है कि आप यूएस या किसी अन्य देश के कर निवासी नहीं हैं, तो बैंक किसी को भी कोई सूचना नहीं भेजेगा.
यह सूचना प्रस्तुत करने की कटऑफ तारीख को आपकी निवास स्थिति पर निर्भर करेगा. तथापि, जब भी आपकी स्थिति में कोई परिवर्तन होता है जिसके परिणामस्वरूप आपके कर निवास में परिवर्तन हो, आपको अपने खाते के विवरणों को अद्यतन करना चाहिए.
9 जुलाई 2015 को यूएसए और भारत के बीच हस्ताक्षर किए गए अंतर-सरकारी करार के अनुसार बैंकों के लिए यह अनिवार्य है कि बैंक भारतीय कर प्राधिकारियों को आवश्यक जानकारी प्रदान करें, जो समय-समय पर यूएसए को प्रेषित की जाएगी. बैंकों के लिए यूएसए के व्यक्तियों या यूएसए के व्यक्तियों द्वारा नियंत्रित संस्थाओं द्वारा उनके पास खोले गए खातों के संबंध में जानकारी प्रदान करना आवश्यक है.
फटका/ सीआरएस केवल यूएस व्यक्ति/ भारत से बाहर देश के कर निवासी पर ही लागू होगा न कि भारत के कर निवासी किसी व्यक्ति पर.
फटका/ सीआरएस के तहत, बैंकों को केवल यूएस व्यक्तियों या यूएस व्यक्तियों द्वारा नियंत्रित संस्थाओं द्वारा उनके पास खोले गए खातों की जानकारी प्रदान करनी है. खाते में धन के स्रोत को सत्यापित करने के संबंध में बैंकों की कोई जिम्मेदारी नहीं है.
मौजूदा अंतर सरकारी समझौते के तहत, कुछ श्रेणियों के खातों को रिपोर्टिंग से छूट दी गई है. निर्धारित सीमा (यूएस $ 50,000) से नीचे की शेषराशि वाले खातों की रिपोर्टिंग नहीं की जाती.
नहीं, मौजूदा आंतरिक समझौते में बैंकों को ऐसी कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई है.
धारा 114एच (8) के प्रावधानों के तहत, बैंक आपका खाता बंद कर देगा. तथापि, आपके खाते के विवरणों को "अनुशासनहीन खाता" श्रेणी के अंतर्गत सीबीडीटी को सूचित किया जाएगा.
फटका/ सीआरएस के अंतर्गत सभी वाणिज्यिक, चालू, बचत बैंक और सावधि जमा खातों को कवर किया गया है.
नहीं. फटका सभी बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थाओं पर लागू होता है, हालांकि फटका को अपनाने के लिए उनका दृष्टिकोण अलग हो सकता है. बैंक ऑफ बड़ौदा उन सभी देशों में पूर्ण रूप से फटका-अनुपालित रहने के लिए प्रतिबद्ध है जहां हम परिचालन कर रहे हैं.
फटका कानून ऐसे सभी व्यक्ति और व्यवसायिक ग्राहक दोनों पर लागू होता है जिनका बैंक ऑफ बड़ौदा में खाता है, पॉलिसी है या बैंक के साथ कोई समझौता किया है.
नहीं. केवल यूएस कंपनियों की अपेक्षाकृत फटका का दायरा बहुत व्यापक है. बैंक ऑफ बड़ौदा फटका के अंतर्गत अपनी स्थिति निर्धारित करने के लिए विभिन्न व्यवसायिक ग्राहकों से संपर्क कर रहा है. इस प्रक्रिया का उद्देश्य ऐसे ग्राहकों की पहचान करना है जो फटका के अंतर्गत रिपोर्ट करने योग्य हैं. हम उन ग्राहकों को सूचित करेंगे जिन्हें आगे कार्रवाई करने की आवश्यकता होगी.
फटका के अंतर्गत अपनी कर स्थिति निर्धारित करने के लिए आपको बैंक को अपनी अतिरिक्त जानकारी/ दस्तावेज उपलब्ध कराने होंगे. यह दस्तावेज एक घोषणापत्र या आईआरएस का यूएस कर फॉर्म हो सकता है. बैंक ऐसे सभी प्रभावित ग्राहकों, जिनसे इन फॉर्मों, विवरणों को लेना आवश्यक है, को सूचित करेगा कि उन्हें यह प्रक्रिया कब तक पूरी करनी है.
फटका मौजूदा यूएस कर व्यवस्था के स्थान पर नहीं है, तथापि यह मौजूदा कर नियमों में अतिरिक्त आवश्यकता और जटिलता उत्पन्न करता है, जिनका आप पहले से अनुसरण कर रहे हैं.
फटका (एफएटीसीए) के तहत ग्राहकों की कर स्थिति की पुष्टि करने के लिए बैंक और वित्तीय संस्थान जिस तरीके से अपने ग्राहकों से जानकारी मांगते हैं, वे तरीके भिन्न हो सकते हैं. इसका अर्थ यह है कि कुछ मामलों में बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा आपसे दूसरे बैंक से भिन्न दस्तावेज मांगे जा सकते हैं.
स्थानीय कर प्राधिकारियों को भेजी जाने वाली सूचना ग्राहक के फटका (एफएटीसीए) वर्गीकरण पर निर्भर करेगी. यह सूचना आमतौर पर किसी व्यवसाय के यूएस मालिकों के संबंध में व्यक्तिगत स्वरूप (उदाहरण के लिए नाम, पता, यूएस करदाता पहचान संख्या), और वित्तीय स्वरूप (जैसे खाता संख्या, खाता शेष / मूल्य) की होगी. जिन ग्राहकों पर यह लागू होगा हम उन ग्राहकों को इन आवश्यकताओं के संबंध में विस्तार से सूचित करेंगे.
हाँ. यदि बैंक को आपसे और अधिक जानकारी लेने की आवश्यकता होगी तो हम आपको संबंधित फ़ॉर्म भेजेंगे या आपसे संपर्क करेंगे.
सामान्यत: ग्राहकों को मांगे गए दस्तावेज और सूचनाओं की आपूर्ति पत्र में दी गई तारीख तक कर देनी चाहिए.