नियम व शर्तें
लॉकर का आबंटन और परिचालन
- अपनी चुनिंदा शाखाओं में बैंक लॉकर सुविधा प्रदान करता है.
- बैंक ऑफ़ बड़ौदा में लॉकर प्राप्त करने के लिए बैंक में आपका खाता होना जरूरी हैं.
- लॉकर व्यक्तिगत रूप से (नाबालिग को छोड़कर) या संयुक्त रूप से भी आवंटित किया जा सकता हैं.
- अनिवासी भारतीयों को बैंक ऑफ़ बड़ौदा से लॉकर लेने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक की पूर्वानुमति लेना आवश्यक नहीं है.
- लॉकर किराये पर लेते समय बैंक किरायेदार से मियादी जमा के रूप में न्यूनतम सुरक्षा जमा राशि प्राप्त करेगा सुरक्षा जमा की राशि तीन वर्ष के किराये और आकस्मिकता की स्थिति में लॉकर तोड़ने से संबंधित खर्चो के बराबर होगी.
- सुरक्षा जमा को किराये और लॉकर सेवाओं से संबद्ध अन्य सेवाओं के - जैसे तोड़ना / चाबियां गुम होने पर ताला बदलना इत्यादि - संदर्भ में बैंक के ग्रहणाधिकार के तहत रखा जाएगा.
- बैंक सुरक्षा जमा के रूप में रखे गए एफडीआर के लिए प्राप्ति सूचना जारी करेगा.
- बैंक लॉकर के किरायेदार को करार की प्रति यानी 'किराये पर देने का ज्ञापन' की प्रति देगा.
- चाबियां गुम होने पर इसकी सूचना तुरंत शाखा को दी जाए. नुकसान के लिए बैंक जिम्मेदार नहीं होगा. लॉकर खोलने या गुम हो गई चाबियों को बदलने और ताला बदलने से संबंधित खर्चे किरायेदार द्वारा वाहन किए जाएंगे.
- स्थायी अनुदेशों के तहत किरायेदार के जमा खाते में से किराये का भुगतान लिया जाएगा.
- किरायेदार को प्रत्येक छ: महीनों में कम से कम एक बार लॉकर परिचालित करना होगा और यदि पिछले परिचालन की तारीख से एक वर्ष से अधिक समय तक लॉकर का परिचालन नहीं किया जाता, तो सुरक्षा के कारण से नोटिस देते हए और किरायेदार को चूककर्ता मानते हुए बैंक को लॉकर का आवंटन रद्द करने का अधिकार है. लॉकर का यथायोग्य किराया भरा गया हो, तो भी बैंक को यह कार्यवाही करने का अधिकार है.
- शाखाओं में प्रदर्शित निर्धारित समय पर ही लॉकर परिचालित किए जाएंगे.
नामांकन / जीवित व्यक्ति संबंधी खंड के फायदे
- बैंक में लॉकर की जमा और सेफ कस्टडी वस्तुओं की सुविधा के लिए नामांकन की सुविधा उपलब्ध है, तथापि, एक से अधिक व्यक्तियों द्वारा धारित लॉकर व सेफ डिपॉजिट वस्तुओं की सुविधा के संदर्भ में नामांकन सुविधा उपलब्ध नहीं होगी.
- संयुक्त लॉकर धारकों / सेफ कस्टडी धारकों में से एक की मृत्यु हो जाने पर सेफ कस्टडी में रखी गई वस्तुओं पर जीवित संयुक्त धारकों का स्वतः अधिकार नहीं होता, यदि इसमें नामांकन / उत्तरजीवी खंड नहीं रखा गया हो.
- अत: ग्राहकों को सूचित किया जाता है कि अपने हित में नामांकन करें / उत्तरजीवी खंड के तहत संयुक्त खाता खोलें.
जीवित (तों) / नामिती (तियों) / कानूनी वारिस (सों) को लॉकर का हक
- यदि एकल लॉकर किरायेदार किसी व्यक्ति को नामित करता है, तो बैंक ऐसे नामिती को एकल लॉकर किरायेदार की मृत्यु हो जाने पर लॉकर परिचालन की अनुमति देगा और वह लॉकर में रखी वस्तुओं को निकाल सकेगा.
- यदि लॉकर संयुक्त रूप से किराये पर लिया गया है, जिसमें उत्तरजीवी खंड भी डाला गया है और किरायेदारों ने अनुदेश दिए हैं कि लॉकर के परिचालन ''दोनों में से कोई एक या उत्तरजीवी, ''कोई एक या जीवित या पहला व्यक्ति या उत्तरजीवी'' द्वारा किये जा सकते हैं या किसी अन्य जीवित खंड के अनुसार लॉकर किरायेदारों में से किसी एक या उत्तरजीवी की मृत्यु होने पर बैंक ऐसे आदेश का पालन करेगा.
- सेफ कस्टडी में रखी वस्तुओं को जीवित / नामिती को वापस करने के विषय में भी यही कार्यपद्धति अपनाई जाएगी.
- यदि लॉकर संयुक्त रूप से और संयुक्त हस्ताक्षर के तहत परिचालित करने के अनुदेश दिए गए हैं और लॉकर किरायेदार किसी व्यक्ति(यों) को नामित करता(ते) है (हैं) तो लॉकर धारकों की मृत्यु के प्रसंग में बैंक, जीवित (तो) और नामिती (तियों) को संयुक्त रूप से लॉकर परिचालित करने की अनुमति देगा और लॉकर में रखी वस्तुओं को निकालने की उन्हें स्वतंत्रता रहेगी.
- दावेदारों को अपनी पहचान प्रमाणित करनी होगी और लॉकर किरायेदार की मृत्यु के विषय में दस्तावेजी-प्रमाण प्रस्तुत करना होगा.
- ऐसे मामलों में बैंक जीवित (तों)/नामिती (तियों) से उत्तराधिकारी प्रमाणपत्र, एडमिनिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र या प्रोबेट या क्षतिपूर्ति बॉण्ड या हामीदारी पत्र इत्यादि की मांग नहीं करेगा.
- मृतक व्यक्ति के लॉकर के परिचालन को रोकने के विषय में सक्षम न्यायालय द्वारा बैंक को रोकने वाले कोई आदेश न हों.
- नामांकन / जीवित खंड के साथ लॉकर / सेफ कस्टडी के विषय में बैंक सिर्फ निम्नलिखित कागजातों की मांग करेगा :
- मृत्यु प्रमाणपत्र (मूल प्रति से विधिवत सत्यापित)
- निर्धारित फॉर्म क्र. 352 में विधिवत भरा हुआ दावा आवेदन.
- सेफ कस्टडी रसीद / लॉकर के विमोचन के लिए स्टैंप्ड रसीद.
- लागू शर्तों के अधीन जीवित (तों) / नामिती (तियों) को परिचालन की अनुमति देने से इस ओर बैंक के समग्र दायित्व का निर्वाह हो जाता है और बैंक जीवित (तों)/नामिती (तियों) से उत्तराधिकार प्रमाणपत्र, एडमिनिस्टेशन प्रमाणपत्र या प्रोबेट इत्यादि का या क्षतिपूर्ति बॉण्ड या हामीदारी पत्र के लिए आग्रह नहीं करेगा.
जीवित / नामिती खंड के बगैर:
- यदि मृतक लॉकर किरायेदार / सेफ कस्टडी में वस्तुएं रखनेवाले जमाकर्ता ने कोई नामांकन नहीं किया हो या स्पष्ट रूप से उत्तरजीवी खंड नहीं रखा हो, तो मृतक के कानूनी प्रतिनिधि को, उत्तराधिकार प्रमाणपत्र या प्रोबेट या वसीयतनामा या लेटर ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन के आधार पर, लॉकर के परिचालन की अनुमति दी जाएगी.
- ऐसे मामलों में बैंक निम्नलिखित दस्तावेजों के आधार पर कानूनी वारिस (रों) को परिचालन की अनुमति देगा:
- मृत्यु प्रमाणपत्र (मूल प्रति से विधिवत सत्यापित).
- विधिवत भरा हुआ दावा आवेदन, हामीदारी पत्र के साथ.
- कानूनी प्रत्यावेदन यानी उत्तराधिकार प्रमाणपत्र या लेटर ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन या वसीयतनामे का प्रोबेट.
- सेफ कस्टडी रसीद / लॉकर के विमोचन के लिए स्टैंप्ड रसीद.
- तथापि, लॉकर में रखी वस्तुएं अधिक मूल्यवान न हों, तो बैंक अपने विवेकाधिकार के तहत मृतक के वारिसों को कुछ शर्तों को पूरा करने के बाद लॉकर की वस्तुएं देखने की अनुमति दे सकता है और यदि उचित लगे तो उसके बाद खाते के परिचालन की अनुमति भी दी जा सकती है.
सामान्य दिशानिर्देश
- किरायेदार / पट्टेदार और सेफ कस्टडी में वस्तुएं रखनेवाले जमाकर्ताओं को सूचित किया जाता है कि जीवित (तों) / नामिती (तियों) को लॉकर / सेफ कस्टडी वस्तुओं के परिचालन की अनुमति मृतक लॉकर किरायेदार / सेफ कस्टडी वस्तुओं के जमाकर्ता के कानूनी वारिसों के न्यासी के रूप में ही दिया जाए और यह शर्त रखी जाए कि जीवित (तों) / नामिती (तियों) को ऐसी अनुमति देने से ऐसे जीवित (तों) / नामिती (तियों) के विरुद्ध किसी व्यक्ति का कोई अधिकार या दावा हो, तो वह प्रभावित नहीं होगा
लॉकर तोड़ना
- बैंक द्वारा नोटिस भेजने के बावजूद देय किराये का भुगतान नहीं करनेवाले चूककर्ताओं का नाम प्रकाशित किया जाएगा.
- किराया देय होने की तारीख के बाद 6 महीनों की अवधि के भीतर, बैंक की कार्यपद्धति के अनुसार समुचित नोटिस भेजकर बैंक लॉकर तोड़ सकता है. तथापि, उच्च जोखिम और मध्यम जोखिम के ग्राहकों के मामले में उपरोक्त मद क्र.1(ए) में दी गई कार्यपद्धति अपनानी होगी.
- लॉकर तोड़ने के मामले में, इससे संबंधित वास्तविक लागत के अलावा रु. 1000/- आकस्मिक व्यय के रूप में वसूल किए जाएंगे.
एक वर्ष के लिए संशोधित लॉकर किराया दि. 01.04.2019 से प्रभावी
सेवा कर को छोड़कर
लॉकर की श्रेणी
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महानगरी/शहरी
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अर्धशहरी / ग्रामीण
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A
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1500
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900
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B
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2000
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1000
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D
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2800
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1500
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C
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3000
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1700
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E/H-1
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4000
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2200
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G
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7000
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5500
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F
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7000
|
5500
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H
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7000
|
5500
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L 1
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10000
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8000
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L
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10000
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8000
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नियत तारीख के बाद लॉकर किराए के भुगतान के लिए संशोधित दंड प्रावधान
नोट : मैन्युअल
- 1. लॉकर को तोड़ के खोलने के मामले में, इसके लिए किए गए वास्तविक खर्च के अतिरिक्त रु. 1000/- आकस्मिक प्रभार के रूप में वसूल किया जाना है.
- 2. लॉकर-किराये के विलम्ब से भुगतान के लिए निम्नानुसार दंड वसूल किया जाए :
- - जहां वार्षिक लॉकर किराया रु. 3000/- तक है
पहले 3 माह के लिए रु. 200/- एवं उसके बाद रु. 50/- प्रति माह
- जहां वार्षिक लॉकर किराया रु. 3000/- से अधिक है
पहले 3 माह के लिए रु. 500/- एवं उसके बाद रु. 100/- प्रति माह.
- जब 3 वर्ष के लिए किराए का अग्रिम भुगतान किया गया हो तो आम जनता को 10% छूट की अनुमति दी जा सकती है.
- हालांकि प्रीमियम चालू खाता एवं प्रीमियम चालू खाता प्रीविलेज ग्राहकों के मामलें में यदि किराए का अग्रिम भुगतान तीन वर्ष या उससे अधिक अवधि के लिए किया गया है तो लॉकर किराए में 20% की छूट है.
- स्टाफ / भूतपूर्व स्टाफ के लिए - किराये में 50% की रियायत
एक वर्ष में 12 बार से अधिक बार लॉकर परिचालन हेतु प्रभार- रु. 100/- प्रति बार. (आम जनता के लिए)
अग्रिम किराया अधिकतम तीन वर्षों के लिए ही स्वीकार किया जा सकता है.
टिप्पणी
- जिनका किराया दि. 31.10.2015 के बाद देय हो जाता है उन्हें तथा दि. 01.11.2015 को या उसके बाद आवंटित सभी लॉकरों पर संशोधित लॉकर किराया लागू होगा.
- 3 वर्ष व इससे अधिक अवधि का किराया अग्रिम रूप से अदा किए जाने पर किराये में 10% रियायत देने की पद्धति जारी रहेगी. प्रीमियम चालू खाता और प्रीमियम चालू खाता प्रीविलेज ग्राहकों को 3 वर्ष व इससे अधिक अवधि का किराया अग्रिम रूप से अदा किए जाने पर किराये में 20% रियायत दी जाएगी.
- देय तारीख पर लॉकर किराया जमा न करने वाले लॉकरधारकों से संशोधित दंड राशि वसूल की जाएगी.
- लॉकर धारक के हित में देय तारीख को उनके खाते को डेबिट करते हुए किराये की वसूली करने के स्थायी अनुदेश शाखा को दें ताकि देय तारीख के बाद भुगतान की वजह से लगने वाला दंड न देना पड़े.
- प्राप्त आवेदन के क्रमानुसार लॉकर का आवंटन किया जाता है व इस संबंध में प्रतीक्षा सूची रखी जाती है.
- 80% लॉकर्स पूर्ण रूप से सिर्फ प्रतीक्षा सूची के आधार पर ही जारी किए जाते हैं, जब कि 20% का आवंटन कारोबार को ध्यान में रखते हुए शाखा प्रबंधक के विवेकाधिकार के तहत किया जाता है.
- लॉकर तोड़ने के प्रसंग में इससे संबंधित वास्तविक लागत के अलावा रु. 250/- आकस्मिक शुल्क के रूप में वसूल किए जाएंगे.
- लॉकर किराये पर लेते समय बैंक किरायेदार से मियादी जमा के रूप में न्यूनतम सुरक्षा जमा प्राप्त करेगा सुरक्षा जमा की राशि तीन वर्षों के किराये और आकस्मिकताओं में लॉकर तोडने से संबंधित खर्चों के बराबर होगी. यह जमा मियादी की आरआईआरडी (आवर्ती आय आवर्ती जमा) योजना में रखी जाएगी. सुरक्षा जमा के लिए कोई रसीद नहीं दी जाएगी. तथापि, जमाकर्ता को इसकी प्राप्ति सूचना दी जाएगी.1. सुरक्षा जमा को किरायें और लॉकर सेवाओं में संबद्ध अन्य सेवाओं के - जैसे तोडना / चाबियां गुम होने पर ताला बदलना इत्यदि के संदर्भ में बैंक के ग्रहणाधिकार के तहत रखा जाएगा.
- देय तारीख पर किराये का भुगतान न करने पर लॉकर का परिचालन बंद कर दिया जाएगा.
- बैंक को किराया / सुरक्षा जमा राशि में संशोधन करने का अधिकार है और वर्तमान किरायेदार / रों को किराये / सुरक्षा जमाराशि और इनकी प्रभावी तारीख की सूचना शाखा के नोटिस बोर्ड पर और वेबसाइट www.bankofbaroda.com पर प्रदर्शित कर दी जाएगी.
पट्टे की बाकी अवधि के लिए लॉकर्स के किराये की वापसी.
- दोनों में से कोई भी पक्ष (बैंक / किरायेदार) दूसरे पक्ष को पट्टे की अवधि समाप्त होने से पहले सात दिन का अग्रिम नोटिस देकर करार को समाप्त कर सकता है और ऐसे मामले में लॉकर की चाबियां किरायेदार (रों) द्वारा बैंक को लौटाई जाएंगी.
- यदि ऐसा नोटिस नहीं दिया गया और चाबियां नहीं लौटाई गई तो यह समझा जाएगा कि करार समाप्त होने की तारीख से लॉकर की किरायेदारी को नवीकृत किया गया है.
- यदि किसी वास्तविक कारण से पट्टे की अवधि समाप्त होने से पूर्व लॉकर सरेंडर किया जाता है तो शेष अवधि का किराया लौटाया जा सकता है, बशर्ते ऐसी शेष अवधि कम से कम एक वर्ष की हो. लॉकर के उपयोग की अवधि का गणना करते समय वर्ष का कोई हिस्सा पूरे वर्ष के रूप में समझा जाएगा.
- यदि किरायेदार सुरक्षा अवधि की समाप्ति से पूर्व लॉकर सरेंडर करता है तो जमाराशि का भुगतान अवधि समाप्ति से पहले किया जाएगा. ब्याज के नुकसान से बचने के लिए किरायेदार चाहे तो परिपक्व होने तक इस जमाराशि को जारी रख सकता है.