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बैंक ऑफ़ बड़ौदा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पहला बैंक था जिसने दिसंबर 1996 में इक्विटी बाजार में प्रवेश किया. उसके बाद बैंक जनवरी 2006 में ‘फॉलोऑन पब्लिक ऑफर’ के साथ आया. बैंक ने भारत सरकार को मार्च 2011, मार्च 2013, जनवरी 2014 एवं मार्च 2015 तथा भारतीय जीवन बीमा निगम को मार्च 2012 में यथासंशोधित सेबी (पूंजी एवं प्रकटीकरण आवश्यकता) विनियमन 2009 के अनुकूल अधिमानी आधार पर इक्विटी शेयर जारी किए. तारीख 31.12.2017 से भारत सरकार के पास बैंक की कुल चुकता पूंजी का 58.70% हिस्सा है. बैंक ने अपने शेयरों का अंकित मूल्य, दिनांक 24 जनवरी, 2015 से प्रभावी रूप में (रेकॉर्ड तारीख 23 जनवरी, 2015) एक इक्विटी शेयर के बदले में पांच जारी करते हुए, रु. 10/- प्रत्येक के बदले रु. 2/- (रुपया दो मात्र) प्रत्येक कर दिया है. वर्तमान में कुल चुकता पूंजी में प्रति रु. 2/- पूर्ण चुकता के कुल 230,41,59,598 शेयर हैं. सार्वजनिक शेयरधारिता 41.30% है जो कि रिटेल निवेशकों, कर्मचारियों, बैंकों, वित्तीय संस्थानों, अनिवासी भारतीयों, म्यूचुअल फंडों बीमा कंपनियों एवं अन्य द्वारा धारित है.
बैंक का मुख्योद्देश्य शेयरधारकों के शेयरधारिता मूल्य में बढ़ोत्तरी करना है. इस दिशा में यह हमारी नीति रही है कि आमजन के साथ बैंक की संरचना, कार्यनीति, वित्तीय आधार, आस्ति गुणवत्ता एवं नई प्रबंधन पहलों को साझा करें.