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भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में विविध ग्राहक-केन्द्री पहलों में बैंक ऑफ़ बड़ौदा हमेशा अग्रणी रहा है. बैंकिंग उद्योग में हमारे बैंक ने सर्वप्रथम नया ब्रांड सर्वसमावेशक तरीके से लागू किया और ‘लोगो’ में परिवर्तन के साथ-साथ विविध नवोन्मेषी ग्राहक-केन्द्री पहलें भी लागू कीं. इन पहलों में विशेषीकृत एनआरआई शाखाओं, जेन नेकस्ट शाखाओं की और रिटेल लोन फैक्ट्रीज / एसएमई लोन फैक्ट्रीज की स्थापना शामिल थे. लोन फैकट्रीज की स्थापना ऋणों के अविलंब वितरण हेतु प्रस्ताव की संवीक्षा और संपूर्ण कार्यपद्धति को एक ही स्थान पर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से की गई थी.
बैंक ने प्रोजेक्ट नवोदय के रूप में एक महत्वपूर्ण व्यवसाय रूपांतरण आरंभ किया है जिसके तहत बैंक की व्यवसाय इकाइयों एवं सहयोगात्मक कार्यों के संबंध में अनेक पहलें की जा रही हैं. “प्रोजेक्ट नवोदय” के अंतर्गत निम्नलिखित 3 बातों पर बल दिया गया है:-
राष्ट्रीयकृत बैंकों की श्रेणी में यह पहला बैंक है जिसने संपूर्ण स्वामित्व वाली अलग अनुषंगी के रूप में गिफ्ट सिटी, गांधीनगर में अपनी अलग साझा सेवा केंद्र की स्थापना की है. इससे पूर्व ये कार्य विभिन्न स्थानों पर हो रहे थे. इस पहल से टर्न अराउंड टाइम (टीएटी) में कमी और बिक्री व सेवा क्षेत्र के फ्रंट लाइन कर्मचारियों के मानव घंटों में बचत के साथ-साथ उच्च पारदर्शिता, मानकीकरण एवं बड़े पैमाने पर कार्य इत्यादि को भी बढ़ावा मिल रहा है.
ग्राहक परितोष बढ़ाते हुए बिक्री में वृद्धि को व्यापक पैमाने पर प्रेरित करने के लिए बैंक ने कारोबार कार्यप्रणालीयों के पुनर्गठन का महत्त्वपूर्ण कार्य आरंभ किया. इस हेतु वैकल्पिक डिलीवरी चैनेल्स का प्रचलन सुस्थापित करते हुए बैंक ने अपने आप को 21 वी सदी की चुनौतियों के लिए तैयार बनाया. बैंक की बीपीआर परियोजना, जिसे ‘प्रोजेक्ट नवनिर्माण’ कहा जाता है, में कारोबार कार्यप्रणालियों का पुनर्गठन और संगठनात्मक पुनर्संरचना की कुल -18- गतिविधियों का समावेश है, जिनका उद्देश्य बैंक की शाखाओं को आधुनिक ‘बिक्री व सेवा’ के आउटलेट्स में रूपांतरित करना है.
इस परियोजना के तहत नियोजित पहलों में शामिल हैं : (1) सभी महानगरी और शहरी शाखाओं को आधुनिक केन्द्रों में यानी बड़ौदा नेकस्ट शाखाओं में रूपांतरित करना. (2) सिटी बैंक ऑफिस (चेकों की स्वचालित संवीक्षा इत्यादि के लिए), रीजनल बैंक ऑफिस (शीघ्रता से खाता खोलने के लिए) जैसे स्वचालित और सुविहित बैंक ऑफिसेस बनाना, दो कॉल सेंटर्स की स्थापना, उत्कृष्ट अकादमी बनाना, ग्राहक सुविधा के लिए चुनिंदा शाखाओं में फ्रंटलाइन ऑटोमेशन आरंभ करना और संगठनात्मक पुनर्संरचना.
बैंक के पास सक्षम और प्रेरित कर्मचारियों की परिसंपत्ति है, जो बैंक के विश्वभर में फैले व्यापक कारोबार परिचालनों को संभाल रहे हैं. अपने प्रबंधकों को भारतभर में और विश्वभर में कार्य करने का अवसर देने, विविध कार्यों को संबल देने के लिए विभिन्न कार्यों के विशेषज्ञों को सेवा में लेना और संकल्पनामूलक, प्रबंधकीय और नेतृत्व कौशल दिलाकर अपने स्टाफ की तकनीकी क्षमताओं को मजबूत करने जैसे नीतिगत मानव संसाधन पहलों ने बैंक को स्पर्धाक्षम बनाया है. प्रभावशाली सुसंगतिपूर्ण काम का माहौल बनाने के लिए मानव संपत्ति विषयक पहलों को औद्योगिक संबंधों के साथ जोड़ दिया गया है, ताकि हर एक की उन्नति सुनिश्चित हो सके.
बैंक ने एंड-टू-एंड व्यवसाय में और सूचना प्रौद्योगिकी नीति परियोजना में, जिसमें बैंक के देशी, विदेशी और अनुषंगियों के परिचालनों का समावेश है, काफी प्रगति की है. सभी शाखाएं, भारत में विस्तार पटल, विदेशी व्यवसाय और पांच क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में कोर बैंकिंग सोल्यूशन (सीबीएस) लागू किया गया है.
बैंक अपने ग्राहकों को इंटरनेट बैंकिंग यानी बडौदा कनेक्ट और अन्य सुविधाएं, जैसे – प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों तथा कुछ राज्य सरकारी करों का ऑनलाइन भुगतान, युटिलिटी बिलों का भुगतान, रेल टिकटों का आरक्षण, ऑनलाइन शॉपिंग, मंदिरों को अभिदान और संस्थाओं की फीस का भुगतान की सुविधा दे रहा है. भारत भर में बैंक के एटीएम का बड़ी संख्या में विस्तार है और बैंक ने चुनिंदा केन्द्रों में भ्रमणशील एटीएम भी आरंभ किए हैं. कॉर्पोरेट ग्राहकों को सीधे वेतन अपलोड, ट्रेड वित्त और राज्य करों के भुगतान इत्यादि जैसी सुविधाएं कार्पोरेट ग्राहकों को देने के लिए कदम उठाए गए हैं. बैंक ने मोबाइल बैंकिंग (बड़ौदा एम कनेक्ट) और प्रीपेड गिफ्ट कार्ड भी आरंभ किया है.
बैंक ने अपनी महत्त्वपूर्ण टेरीटोरीज में जैसे, इंग्लैंड, संयुक्त अरब अमीरात, बहामाज, बहारीन, हांगकांग, सिंगापूर और बेल्जिमय में वैश्विक ट्रेजरी सोल्यूशन कार्यान्वित किया है. मुंबई के डाटा सेंटर के माध्यम से केन्द्रीकृत स्विफ्ट गतिविधि का कार्यान्वयन, एंटी मनी लाडरिंग जांच के साथ भुगतान मेसेजिंग सेवा, एंटी मनी लाडरिंग अनुपालन और ऑनलाइन लिस्ट मैचिंग सोल्यूशन जैसी विविध तंत्रज्ञान पहलें विदेशी परिचालनों में लागू की हैं. युगांडा, बोत्सवाना, संयुक्त अरब अमीरात, न्यूझीलैंड, केनया, मॉरीशस और सेशेल्स के अपने ग्राहकों के लिए बैंक ने संव्यवहार आधारित इंअरनेट बैंकिंग सुविधा आरंभ की है. साथ ही फिजी, ओमान, तांजानिया और इंग्लैंड में व्यू आधारित ई बैंकिंग सुविधा का आरंभ किया गया है.
2005 में ब्रैंड के नये अवतार के बाद बैंक ने निरंतर रूप से अपनी मुख्य मजबूती जैसे व्यापक अंतर्राष्ट्रीय उपस्थिति, तकनीकी आधुनिकता और सर्वश्रेष्ठ ग्राहक सेवा इत्यादि पर विशेष ध्यान दया है. बैंक ने अपने सब ब्रैंड बड़ौदा नेकस्ट – स्टेट ऑफ द आर्ट-स्ट्रेट फ्रॉम द हार्ट को लागू किया, जिसका उद्देश्य यह दिखाना था कि बैंक ने ग्राहकों को श्रेष्ठ अनुभव दिलाने और दीर्घायु संबंध स्थापित करने के लिए टेक्नॉलॉजी का किस प्रकार बखूबी इस्तेमाल किया है. इंटरनेट बैंकिंग, एटीएम, मोबाइल बैंकिंग इत्यादि जैसे वैकल्पिक डिलीवरी चैनेल्स और रिटेल लोन फैक्ट्री, सिटी सेल्स ऑफिस इत्यादि जैसे पुख्ता डिलीवरी कार्यालयों के माध्यम से सब ब्रैंड को प्रभावी तरीके से स्थापित किया जा रहा है. अपने शाखा / एटीएम नेटवर्क को मजबूत बनाने के साथ साथ विविध संपर्क स्थानों पर सुधी स्टाफ द्वारा व्यक्तिपरक सेवाओं को सुनिश्चित करने से ग्राहक संपर्क-संवाद और संतुष्टि में वृद्धि हुई है. इस प्रकार बैंक ने प्रगत तंत्रज्ञानयुक्त ग्राहक केन्द्री बैंक के रूप में अपनी छवि बनाई है.
शिक्षा, स्वास्थ्य, मानव कल्याण एवं अन्य सामाजिक गतिविधियों के क्षेत्र में विभिन्न विकास संबंधी गतिविधियों के माध्यम से समाज के सामाजिक एवं आर्थिक विकास में सक्रिय योगदान देने की बैंक की पुरानी परंपरा है. बैंक ऑफ़ बड़ौदा हमेशा व्यवसाय हितों से आगे बढ़कर समाज के कमजोर वर्ग तक पहुंचने के लिए प्रयासरत रहता है जिससे उनके जीवन में अर्थपूर्ण बदलाव लाया जा सके.
बेरोजगार ग्रामीण युवा वर्ग को प्रशिक्षण एवं सहायता उपलब्ध करवाकर निरंतर आधार पर स्व रोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बैंक ने सात राज्यों में 49 बड़ौदा स्वरोजगार विकास संस्थान (बड़ौदा-आर-सेटी) की स्थापना की है. 30.09.2016 तक बड़ौदा आरसेटी ने 283171 युवाओं को जिनमें 44999 अजा, 70808 अजजा, 30519 अल्प संख्यक एवं 75855 अन्य पिछ्ड़ा वर्ग समुदाय के लोग शामिल हैं, को प्रशिक्षित किया है.
ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में वित्तीय परामर्श सेवाएं, वित्तीय साक्षरता एवं बैंकिंग सेवाओं के प्रति जागरूकता लाने के लिए बैंक ने ‘सारथी’ के नाम से नौ राज्यों में 51 वित्तीय साक्षरता एवं ऋण परामर्श केंद्रों (एफएलसीसी) की स्थापना की है. स्थापना से अब तक 660353 लोग एफएलसीसी की सेवाओं से लाभ ले चुके हैं.
वर्ष 2015-16 के दौरान, बैंक ने सीएसआर के तहत विभिन्न गतिविधियों में निम्नानुसार व्यय किया है:
परिचालनात्मक वातावरण में परिवर्तनकारी और बारबार बदलाव इस बात का संकेत देते हैं कि व्यावसायिक सफलता ‘स्थायी’ नहीं होती. टेक्नॉलॉजी में बैंक ने काफी प्रगति की है और सुसूत्रता स्थापित करने के लिए बहुविध मंचों को समाहित करने की प्रक्रिया निरंतर रूप से जारी है. दीर्घायु संबंधों को स्थापित करने तथा श्रेष्ठ ग्राहक सेवा देने के साथ साथ गतिशील आर्थिक वातावरण के अनुरूप अपने आपको ढालने के लिए बैंक के प्रयास निरंतर रूप से जारी हैं.
ग्राहक परितोष के लिए बैंक निरंतर प्रयास कर रहा है और ये प्रयास मजबूत मूलभूत सिध्दांतों पर आधारित हैं. ये बैंक को अधिक मजबूत, बदलावों के लिए अनुकूल बना रहे हैं और सार्वधिक पसंद का बैंक बनने का सपना इन्हीं से साकार होगा.