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बॉब लखपति - आवर्ती जमा योजना
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लाभ
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विशेषताएं
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ब्याज दर और प्रभार
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आवश्यक दस्तावेज़
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अति महत्वपूर्ण नियम व शर्तें (एमआईटीसी)
बॉब लखपति - आवर्ती जमा योजना : लाभ
क्रम संख्या | एसडीपी की राशि | सामान्य | वरिष्ठ नागरिक | ||
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अवधि (मासिक) | परिपक्वता राशि* | अवधि (मासिक) | परिपक्वता राशि * | ||
1 | 1,000 | 81 | 101,761 | 78 | 100,584 |
2 | 1,500 | 57 | 100,308 | 57 | 101,952 |
3 | 2,000 | 45 | 102,087 | 45 | 103,397 |
4 | 2,500 | 36 | 100,737 | 36 | 101,530 |
5 | 3,000 | 33 | 109,629 | 33 | 110,419 |
- परिपक्वता संबंधित ब्याज दर (आरओआई) से जुड़ी होगी और टीडीएस लागू होगा
बॉब लखपति - आवर्ती जमा योजना : विशेषताएं
उत्पाद का स्वरूप | एक बुनियादी मासिक बचत योजना, जो ग्राहकों को तरलता के साथ उच्च रिटर्न के लिए अपनी बचत को विनियमित करने में मदद करती है. |
मुख्य लाभ |
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पात्रता |
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लक्ष्य समूह | नाबालिग, किसान, वेतनभोगी लोग, व्यवसायी, स्वरोजगार, पेशेवर, व्यापारी, गृहिणियों सहित सभी व्यक्ति. क्लब, संघ, शैक्षिक संस्थान, सोसायटी, भागीदारी और संयुक्त स्टॉक कंपनियां |
किस्तों का अंतराल | मासिक |
किश्त राशि |
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अवधि: | न्यूनतम 6 महीने और अधिकतम 120 महीने, यानी आरडी की अवधि 6,9,12,15,18,21,24…………120 महीने के लिए हो सकती है. |
जमा की परिपक्वता | |
ब्याज दर |
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नामांकन सुविधा | नामांकन सुविधा उपलब्ध होगी. |
स्रोत पर कर कटौती | ब्याज भुगतान प्रचलित आयकर अधिनियम के अनुसार स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) के अधीन है. |
जमाराशियों की जमानत पर ऋण/ओवरड्राफ्ट की उपलब्धता |
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अन्य नियम व शर्तें | आवर्ती जमा पर लागू अन्य सभी नियम व शर्तें इन उत्पादों के तहत भी लागू होंगी. |
प्रचलित आयकर | अधिनियम के अनुसार स्रोत ब्याज भुगतान पर कर की कटौती स्रोत पर की गयी कर कटौती (टीडीएस) के अधीन है। हालांकि, एक वित्तीय वर्ष में ₹40,000/- से अधिक ब्याज अर्जित करने वाली जमाराशियों पर कर की कटौती (टीडीएस) की जाती है। |
बॉब लखपति - आवर्ती जमा योजना : ब्याज दर और प्रभार
समय से पूर्व पैसा निकालने पर दंड प्रतिपूर्ति
- No Premature Penalty for Pre-Closure of SDP under the Scheme (only for this Scheme)
समय पर किस्त का जमा न होने पर लगने वाले प्रभार की प्रतिपूर्ति
- Nil Missing Installment Charges of SDP under the Scheme (only for this Scheme)
बॉब लखपति - आवर्ती जमा योजना : आवश्यक दस्तावेज़
- एफडीआर के लिए मौजूदा शर्तों के अनुसार 'मियादी जमा' पर लागू सभी दस्तावेज लागू होंगे.
बॉब लखपति - आवर्ती जमा योजना : अति महत्वपूर्ण नियम व शर्तें (एमआईटीसी)
- Rate of Interest to Resident Senior Citizen: An additional interest to Resident Senior Citizens as per Bank's guidelines is payable for deposits below Rs. 3.00 Crores only.
For latest rates, please visit https://www.bankofbaroda.in/interest-rate-and-service-charges/deposits-interest-rates - नामांकन की सुविधा : नामांकन की सुविधा उपलब्ध
- स्रोत पर कर कटौती: आयकर नियमों के अनुसार टीडीएस की कटौती की जाएगी. यदि कोई व्यक्ति फॉर्म 15G/15H लागू जमा करता है तो कोई टीडीएस नहीं काटा जाएगा.
- परिपक्वता पर या उससे पहले ब्याज की गणना की विधि: "घरेलू सावधि जमा के सभी मामलों में जहां टर्मिनल तिमाही अधूरी है, ब्याज की गणना वर्ष 365/366 दिनों की गणना करते हुए, वास्तविक दिनों की संख्या के लिए की जानी चाहिए, अर्थात ब्याज की गणना ऐसी जमाराशियों पर पूर्ण तिमाहियों और दिनों के क्रम में होना चाहिए. ब्याज की गणना और चक्रवृद्धि तिमाही अंतराल पर की जाएगी.
- टीडीएस प्रमाणपत्र: सभी ग्राहकों को टीडीएस प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा.
- अतिदेय जमा: यदि परिपक्वता की तारीख के बाद नवीकरण अनुरोध प्राप्त होता है, तो ऐसी अतिदेय जमाराशि परिपक्वता की तारीख से देय तिथि पर लागू ब्याज दर पर नवीकृत की जाएगी, बशर्ते ऐसा अनुरोध जमा की परिपक्वता के 14 दिनों के भीतर प्राप्त हो, जिसके बाद ब्याज अतिदेय अवधि के लिए बैंक द्वारा समय-समय पर निर्धारित दर पर भुगतान किया जाएगा.
- Advance against Deposits (except Non-Callable ) :This facility is not available to a minor account in single name and HUF. If the interest is not deposited for more than 2 quarters, term deposit will be apportioned immediately.
- ग्राहक के अनुरोध पर उपलब्ध ब्याज प्रमाणपत्र
- जमा प्रमाणपत्र : सावधि जमा रसीद प्रदान की जाती है
- Advance against Non-Callable Deposits:Loan / Overdraft / Advance facility is not available against the security of Non-Callable Deposits as per Bank’s guidelines.
- ग्राहक के अनुरोध पर सावधि जमा को एक शाखा से दूसरी शाखा में अंतरित किया जा सकता है.
- भुगतान का माध्यम : परिपक्वता राशि ग्राहक के बचत बैंक/चालू खाते में जमा की जाती है. ऐसे मामलों में जहां ग्राहक के कोई ऑपरेटिव खाते नहीं हैं, रू. 20,000 से कम की परिपक्वता राशि नकद में दी जा सकती है उससे अधिक राशि हेतुर डीडी/पे आर्डर जारी किया जाएगा.
- 10 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए अधिकतम रु. 1,00,000 तक की राशि के साथ नाबालिग खाते खोले जा सकते हैं.
ब्याज भुगतान :
- भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के अनुसार सावधि जमाराशियों पर ब्याज की गणना तिमाही चक्रवृद्धि अंतराल पर की जाएगी और जमाराशियों की अवधि के आधार पर बैंक द्वारा निर्धारित दर पर भुगतान किया जाएगा. मासिक जमा योजना के मामले में ब्याज की गणना चक्रवृद्धि आधार पर तिमाही के लिए की जाएगी और डिस्काउंटिड वैल्यू पर मासिक भुगतान किया जाएगा. सावधि जमाओं बैंक द्वारा पर ब्याज की गणना भारतीय बैंक संघ द्वारा बताए गए सूत्रों और विधि के अनुसार की जाती है.
- 2 तिमाही और उससे अधिक की जमाराशियों के लिए ब्याज की गणना पूर्ण तिमाहियों के लिए तिमाही चक्रवृद्धि आधार पर की जाती है और जहां अंतिम तिमाही अधूरी होती है वहां ब्याज की गणना वर्ष में 365/366 दिनों को ध्यान में रखते हुए दिनों की वास्तविक संख्या के लिए आनुपातिक रूप से की जाती है.
- जमा रसीद में उल्लिखित परिपक्वता राशि की गणना टीडीएस पर ध्यान दिए बिना की जाती है. छमाही (तिमाही चक्रवृद्धि) के लिए ब्याज की गणना करते समय, पिछली छमाही के लिए गणना किए गए ब्याज (तिमाही चक्रवृद्धि) की राशि में से टीडीएस को घटा कर प्राप्त राशि को चालू छमाही के लिए ब्याज की गणना हेतु मूल राशि में जोड़ा जाएगा.
- 2 तिमाहियों से कम लेकिन 1 तिमाही से अधिक की अल्पावधि जमाराशियों के मामले में पूर्ण तिमाही के लिए साधारण ब्याज का भुगतान किया जाएगा और वर्ष में 365-366 दिनों को ध्यान में रखते हुए शेष दिनों के लिए ब्याज (चक्रवृद्धि किए बिना) दिया जाएगा.
- एक तिमाही से कम की अल्पावधि जमाराशियों के लिए वर्ष में 365-366 दिनों को ध्यान में रखते हुए दिनों की वास्तविक संख्या के लिए अनुपातिक आधार पर ब्याज की गणना की जाती है.
- एफसीएनआर जमाराशियों पर ब्याज का भुगतान विभिन्न परिपक्वता अवधियों के लिए समय-समय पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा निर्धारित पद्धति के अनुसार गणना की गई दरों पर किया जाएगा. एफसीएनआर जमाराशियों पर ब्याज का भुगतान एक वर्ष में 360 दिनों के आधार पर किया जाएगा और प्रत्येक 180 दिनों के अंतराल पर इसकी गणना की जाएगी.
- दिनांक 1 जुलाई, 1995 से सावधि जमाराशियों पर ब्याज भुगतान से स्रोत पर आयकर की कटौती (आयकर अधिनियम 1961 की धारा 194ए) की जाएगी.
- वरिष्ठ नागरिकों के अलावा गैर-कॉर्पोरेट ग्राहक – पैन के साथ फॉर्म नं.15जी (दिनांक 1 अप्रैल, 2010 से प्रभावी).
- वरिष्ठ नागरिक अर्थात् 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के व्यक्ति – पैन के साथ फॉर्म नं.15एच (दिनांक 1 अप्रैल, 2010 से प्रभावी). दिनांक 1 अप्रैल, 2010 से आयकर विभाग ने ऐसे सभी मामलों में, जहां टीडीएस लागू है, कटौती करने वालों द्वारा स्थायी खाता संख्या (पैन) उद्धृत करना अनिवार्य कर दिया है, ऐसा न किए जाने पर 20% की उच्च दर (10% की सामान्य दर के आपेक्ष) या सामान्य दर, जो भी अधिक हो, पर टीडीएस की कटौती होगी. इसके अलावा, दिनांक 1 अप्रैल 2010 से फॉर्म संख्या 15जी / 15एच पर पैन का उल्लेख करना अनिवार्य कर दिया गया है.
- बैंक तिमाही आधार पर कटौती की गई कर की राशि के लिए सिस्टम जनरेटेड कर कटौती प्रमाणपत्र (टीडीएस सर्टिफिकेट) जारी करेगा.
- भारत में आयकर अधिनियम के संबंधित प्रावधानों के तहत एनआरई एवं एफसीएनआर सावधि जमाराशियों पर अर्जित/ उपचित ब्याज भारत में कर मुक्त है और इसलिए इन जमाराशियों के संबंध में स्रोत पर कोई कर कटौती नहीं की जाएगी. “एनआरओ जमाराशियों के मामले में” जमाकर्ता प्रत्येक वित्तीय वर्ष की शुरुआत में बैंक द्वारा निर्धारित दस्तावेज प्रस्तुत कर डबल टैक्स अवॉइडेंस एग्रीमेंट (डीटीएए), जो भारत ने विभिन्न देशों की सरकारों के साथ किया है, के तहत कर की कम दरों के लाभ हेतु दावा कर सकता है.
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तथापि, एनआरओ सावधि जमा पर प्रदत्त / देय किसी भी ब्याज पर विनिर्दिष्ट दरों पर स्रोत पर कर कटौती करना बैंक का सांविधिक दायित्व है. यदि दोहरा कराधान बचाव संधि (डबल टैक्स अवॉइडेंस ट्रीटी) के तहत लागू घोषणापत्र के साथ पैन प्रस्तुत किया जाता है - ग्राहक के निवास के देश में लागू दर पर टीडीएस की कटौती की जाती है.
- यदि घोषणापत्र के बिना पैन प्रस्तुत किया जाता है - @30% की दर से टीडीएस की कटौती की जाएगी.
- यदि पैन के बिना घोषणापत्र प्रस्तुत किया जाता है - सामान्य दर या 20% की दर, जो भी अधिक हो, से टीडीएस कीकटौती की जाएगी.
- यदि पैन और घोषणापत्र प्रस्तुत नहीं किया है - @30% की दर से टीडीएस की कटौती की जाएगी.
- सभी ब्याज भुगतानों को रुपये में पूर्णांकित किया जाएगा.
- सावधि जमा खाताधारकों को उनकी जमाराशि रखते समय परिपक्वता की तारीख को जमा खाते को बंद करने या आगे की अवधि के लिए जमा के नवीकरण के संबंध में अनुदेश दिए जा सकते हैं. ऐसे अधिदेश के अभाव में बैंक जमा राशि को निम्नानुसार नवीकृत करेगा.
- यदि जमा राशि एक वर्ष से अधिक अवधि के लिए रखी गई है तो यह नियत तारीख पर प्रचलित दर पर एक वर्ष के लिए स्वतः नवीकृत हो जाएगी.
- यदि जमा राशि एक वर्ष से कम अवधि के लिए रखी गई है तो यह नियत तारीख पर प्रचलित दर पर उसी अवधि के लिए स्वतः नवीकृत हो जाएगी.
तदनुसार बैंक ने निम्नलिखित पद्धति अपनाई है :
“घरेलू सावधि जमाराशि (एक वर्ष से अधिक के लिए रखी गई जमा राशि) के ऐसे सभी मामलों में जहां तिमाही अपूर्ण है वहां ब्याज की गणना पूर्ण तिमाही और वर्ष के 365 / 366 दिनों को ध्यान में रखते हुए वास्तविक दिनों की संख्या के आधार पर की जानी चाहिए अर्थात् ऐसी जमाराशियों पर ब्याज की गणना संपूर्ण तिमाहियों और दिनों के अनुसार की जाएगी.
ऐसे मामलों में आयकर की कटौती की जाएगी जहां किसी जमाकर्ता के नाम पर बैंक में उसके एकल नाम पर या संयुक्त रूप से (पहले नाम वाले व्यक्ति के रूप में) रखी गई सभी सावधि जमाराशियों पर प्रदत्त या जमा कुल ब्याज आयकर अधिनियम, 1961 के तहत प्रति वित्तीय वर्ष के लिए निर्दिष्ट सीमा से अधिक है. कर की कटौती खाते को क्रेडिट करते समय या जमाकर्ता को ब्याज का भुगतान करते समय, इनमें से जो भी पहले हो, की जाएगी, जो समय-समय पर कर सीमा हेतु पात्र ब्याज सीमाओं में परिवर्तन के अधीन होगी.
यदि जमाकर्ता प्रति वर्ष अप्रैल माह की समाप्ति से पहले निम्नलिखित फॉर्म जमा करता है, तो कोई कर कटौती नहीं की जाएगी.
यदि ग्राहक अवधि में परिवर्तन करना चाहता है या सावधि जमा को समयपूर्व आहरित करना चाहता है, तो ग्राहक के लिखित अनुरोध पर इसकी अनुमति है. प्रतिदेय (कॉलेबल) योजना के अंतर्गत रखी गई जमाराशियों के मामले में थोक जमाराशि का समयपूर्व आहरण बैंक के विवेकाधिकार पर किया जाता है.
बल्क डिपॉजिट (थोक जमा) (3 करोड़ रुपये से अधिक)
- “Bulk Deposit” means a single Rupee Term Deposits of Rs. 3.00 Crore and above (RBI/2024-25/40 DoR.SPE.REC.No.24/13.03.00/2024-2025 dated 07.06.2024).
- In case multiple deposits are created on same day aggregating Rs. 3.00 Crores and more, but the same mature on different dates, then it will not tantamount to splitting of Bulk Deposit. Also multiple deposits created on same day aggregating Rs. 3.00 Crores and more with same maturity period but for different specific purposes will not tantamount to splitting of Bulk Deposit, provided the customer submits supportive documents for the same.
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