खाते का प्रकार
इस योजना में दो प्रकार के खाते उपलब्ध हैं यथा
- • खाता “ए” जो कि “बचत जमा” के स्वरूप में है.
- • खाता “बी” जो कि “सावधि जमा” की तरह है.
पात्रता
आयकर अधिनियम, 1961 (1961 का 43) की धारा 54, 54 बी, 54 डी, 54 एफ और 54 जी के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति/ फर्म/ व्यक्तियों की संस्था/ कंपनी/ एचयूएफ आदि उपर्युक्त उल्लिखित खातों के अंतर्गत खाता खोल सकते हैं और लाभ उठा सकते हैं.
उपर्युक्त योजना में संयुक्त खाते नहीं खोले जा सकते है.
न्यूनतम राशि
न्यूनतम राशि रू. 1,000/- तथा रू. 100/- के गुणकों में
अधिकतम जमाराशि
कोई उच्चतम सीमा नहीं
जमा अवधि
न्यूनतम – 12 महीने
अधिकतम – 120 माह
आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 54 (एफ) के प्रावधानों के अनुसार दिनांक 01.04.1988 से किसी भी संपत्ति की बिक्री होने पर इसके दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ का अर्जन करने वाले निर्धारिती, जो पूंजीगत संपत्ति की बिक्री की तिथि से 2 वर्ष के अंदर आवासीय मकान खरीदने के इच्छुक हैं, पूंजीगत लाभ के लिए कर छूट हेतु पत्र माना जाएगा बशर्तें उसके द्वारा बैंक की प्राधिकृत शाखा, जो कि ऐसी जमा लेने एवं खाता रखने हेतु पात्र है, में बिक्री प्राप्तियों को रखा जाता है. बिक्री प्राप्तियों के मिलने के दो वर्षों के अंदर खाते में जमा की गई राशि जमाकर्ता के स्वयं के निवास हेतु गृह की खरीद हेतु निकालने की अनुमति है. यदि 2 वर्षो के अंदर इस राशि का उपयोग नहीं किया जाता है तब पूंजीगत संपत्ति की बिक्री पर दीर्घकालिक लाभ उसी वर्ष के कर के अंतर्गत आएगा जिसमें यह दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ अर्जित किया गया था. अपने लिए कोई भी घर खरीदे बगैर 2 वर्षों की अवधि के समाप्त होने पर इस खाते से नगद निकासी के लिए आयकर विभाग से अनुमति लेना आवश्यक है.
ब्याज दर
जमा राशि की परिपक्वता अवधि के अनुसार
वरिष्ठ नागरिक
वरिष्ठ नागरिकों के लिए कोई अतिरिक्त ब्याज नहीं दिया जाता है
नामांकन सुविधा
व्यक्तिगत जमाकर्ता (नाबालिग नहीं होने पर) जमा राशि के देय होने के पूर्व मृत्यु होने अथवा यदि देय हो पर भुगतान नहीं किया गया हो, की स्थिति में खाता ‘ए’अथवा खाता ‘बी’ में उसके नाम से जमा राशि प्राप्त करने के लिए एक या एक से अधिक व्यक्तियों, पर तीन से अनधिक के पक्ष में नामांकन आवेदन कर सकता है.
स्वतः नवीकरण
यह जमा राशि स्वतः नवीकृत नहीं होगी.
परिपक्वता पर अथवा परिपक्वता से पहले ब्याज की गणना
घरेलू सावधि जमा (1वर्ष से कम अवधि वाले) के लिए, जहां अंतिम तिमाही अधूरी रह गई है, ब्याज की गणना पूरे तिमाही के लिए वास्तविक दिनों की संख्या के आधार पर होगी जो कि 365/366 दिनों के अनुसार होगी. ऐसी जमाराशि पर ब्याज की गणना पूर्ण हुई तिमाहियों और दिनों के अनुरूप होनी चाहिए.
खाता बंद करना
खाता बंद करने के इच्छुक जमाकर्ता को निर्धारण अधिकारी, जिनके कार्यक्षेत्र में जमाकर्ता आता हो, द्वारा अनुमोदित फार्म जी को जमाराशि की रसीद और/ या संबंधित पासबुक के साथ आवेदन करना होगा.
जिन खातों में नामांकन विवरण दर्ज है उनमें जमाकर्ता की मृत्यु हो जाने पर खाते को बंद करने हेतु नामिति को संबंधित कार्यक्षेत्र के मूल्यांकन अधिकारी द्वारा विधिवत अनुमोदित फार्म एच एवं पासबुक एवं/ अथवा जमा रसीद के साथ आवेदन करना होगा.
अन्य नियम और शर्तें
इस खाते में जमाकर्ता द्वारा जमा की गई राशि को ऋण/ गारंटी या किसी भी अन्य प्रकार से प्रतिभूति के रूप में प्रभारित नहीं जा सकता है.