Enjoy Banking on the Go. Download Mobile Banking App
डॉ. हसमुख अढ़िया भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं जो दि. 30 नवंबर, 2018 को भारत सरकार के वित्त सचिव और राजस्व सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए. वे वर्तमान में बैंक ऑफ़ बड़ौदा के गैर-कार्यपालक अध्यक्ष हैं, और केन्द्रीय गुजरात विश्वविद्यालय के चांसलर भी हैं. वे भारतीय प्रबंध संस्थान, बेंगलूर के बोर्ड ऑफ़ गवर्नर्स के सदस्य भी हैं.
डॉ. हसमुख अढ़िया को लेखा-शास्त्र में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त है. वे भारतीय प्रबंध संस्थान, बेंगलूर से स्वर्ण पदक विजेता हैं तथा उन्होंने स्वामी विवेकानंद योग विश्वविद्यालय, बेंगलुरु से योग में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है.
वित्त सचिव के रूप में उनकी पदस्थापना से पहले वे नवंबर, 2014 से अगस्त, 2015 तक भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवाएं विभाग के सचिव थे. वित्तीय सेवाओं के सचिव के रूप में बैंकिंग सुधार हेतु ज्ञान संगम और इंद्र धनुष जैसी कई नई कार्यनीतियों के क्रियान्वयन के साथ-साथ प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, जीवन ज्योति बीमा योजना और अटल पेंशन योजना जैसी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं तथा मुद्रा योजना के तहत सूक्ष्म वित्तपोषण आदि में भी उनका उल्लेखनीय योगदान रहा है.
वित्त/राजस्व सचिव के रूप में उन्होंने आयकर के साथ-साथ उत्पाद शुल्क और सेवा कर में भी कई अनुकूल पहल की है. इसके अलावा उन्होंने जीएसटी की आवश्यकता को व्यवस्थित रूप से आगे बढ़ाया जिसके परिणामस्वरूप जीएसटी को सुचारू रूप से लागू किया गया. वे काले धन के विरूद्ध अपने अथक अभियान के लिए भी जाने जाते हैं. राजस्व सचिव के रूप में उन्होंने आयकर के साथ-साथ उत्पाद शुल्क और सेवा कर में भी कई अनुकूल पहल की है. इसके अलावा उन्होंने जीएसटी की आवश्यकता को व्यवस्थित रूप से आगे बढ़ाया जिसके परिणामस्वरूप जीएसटी को सुचारू रूप से लागू किया गया. वे काले धन के विरूद्ध अपने अथक अभियान के लिए भी जाने जाते हैं.
वित्त मंत्रालय में पदस्थापना से पहले उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव (2003-06) के साथ-साथ प्रमुख सचिव (शिक्षा), गुजरात (2008-13), अपर मुख्य सचिव (वित्त), गुजरात (2013-14), उद्योग आयुक्त, गुजरात (2001-02), गुजरात औद्योगिक निवेश निगम और गुजरात औद्योगिक विकास निगम के प्रबंध निदेशक आदि पदों पर अपनी सेवाएं दी हैं.
अपनी पदधारिता के नाते उन्होंने निम्नलिखित संस्थानों / कंपनियों के निदेशक मंडल में सेवाएं दी हैं: -
श्री संजीव चड्ढा ने अपना कैरियर वर्ष 1987 में भारतीय स्टेट बैंक से आरंभ किया. आपको बैंकिंग क्षेत्र में 32 वर्षों से अधिक का अनुभव है.
बैंक ऑफ बड़ौदा में कार्यदायित्व संभालने से पूर्व श्री संजीव चड्ढा भारतीय स्टेट बैंक में उप प्रबंध निदेशक एवं एस.बी.आई कैपिटल मार्केट्स लि., जो कि भारतीय स्टेट बैंक की मर्चेन्ट एवं इनवेस्टमेंट बैंकिंग इकाई है, के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी के रूप में कार्यरत थे.
आपने भारतीय स्टेट बैंक के देश भर में विस्तृत विभिन्न मंडलों तथा विदेशी कार्यालयों में कार्य किया है. उनके कुछ विगत कार्यदायित्वों में भारतीय स्टेट बैंक समूह के अध्यक्ष के कार्यपालक सचिव का दायित्व शामिल है. साथ ही आपने भारतीय स्टेट बैंक के लॉस एंजिलिस कार्यालय में भी कार्य किया है और यू.के. में क्षेत्रीय प्रमुख भी रहे हैं.
आपकी विशेषज्ञता के क्षेत्रों में रिटेल बैंकिंग, कारपोरेट वित्त, निवेश बैंकिंग, विलय एवं अधिग्रहण , संरचित वित्त एवं प्राइवेट इक्विटी शामिल हैं.
श्री मयंक के मेहता ने दि. 22 जनवरी, 2016 को बैंक ऑफ़ बड़ौदा में कार्यपालक निदेशक के रूप में कार्यभार ग्रहण किया. बैंक ऑफ़ बड़ौदा में कार्यपालक निदेशक के रूप में कार्यदायित्व संभालने से पूर्व आप यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया में महाप्रबंधक एवं मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) के रूप में कार्यरत थे.
12 सितंबर, 1958 को जन्मे श्री मेहता ने दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय से विज्ञान में स्नातक की डिग्री प्राप्त की और आप भारतीय बैंकिंग एवं वित्त संस्थान (जेएआईआईबी) के प्रमाणित एसोसिएट भी हैं.
श्री मेहता ने 1977 में यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया से अपने कैरियर की शुरूआत की और अक्टूबर, 2012 में महाप्रबंधक पद पर पहुंचे. उन्होंने यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया में महाप्रबंधक के रूप में पदोन्नति से पहले विभिन्न पदों पर व्यापक जिम्मेदारियों का निर्वाह किया. श्री मेहता, अंतर्राष्ट्रीय बैंकिंग के विशेषज्ञ हैं और आपने बैंक के प्रौद्योगिकीय विकास और बैंक में कोर बैंकिंग समाधान के सफल क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
श्री मेहता यूनियन बैंक की अनुषंगी यूनियन केबीसी एसेट मैनेजमेंट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक मंडल में निदेशक रहे हैं. वे वर्ष 2010-12 तक किटको लिमिटेड (पूर्व में केरल औद्योगिक और तकनीकी परामर्श संगठन लिमिटेड) के निदेशक मंडल में भी निदेशक रहे हैं.
श्री मुरली रामास्वामी ने दिनांक 01.10.2019 को बैंक ऑफ बड़ौदा में कार्यपालक निदेशक का कार्यदायित्व संभाला है. श्री मुरली रामास्वामी एमबीए, एआईसीडब्ल्यूए हैं और सीएएआईबीआईबी के रूप में आपको व्यावसायिक योग्यता आपको प्राप्त है. दिनांक 01.10.2019 को बैंक ऑफ बड़ौदा में कार्यपालक निदेशक के रूप में नियुक्ति से पहले, दिनांक 19.02.2018 से दिनांक 31.03.2019 तक आपने विजया बैंक के निदेशक मंडल में कार्यपालक निदेशक के रूप में अपनी सेवाएं दीं.
आपने दिनांक 08.04.1989 में अधिकारी के रूप में विजया बैंक में सेवा आरंभ की, तदुपरांत आपने विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में विभिन्न वर्टिकल्स के तहत कार्य किया है. आपने प्रबंधन के सोपानों पर निरंतर अग्रसर होते हुए महाप्रबंधक के रुप में पदोन्नति प्राप्त की तथा मुंबई क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रमुख के पद पर नियुक्त किए गए. तत्पश्चात आपको जुलाई, 2015 में विजया बैंक के महाप्रबंधक (परिचालन और नीति) के रूप में नियुक्त किया गया. आप बैंक के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) के पद पर भी आसीन रहे.
श्री मुरली रामास्वामी, एक विशेषज्ञ ऋण पेशेवर के रूप में अपने सुदृढ़ वित्तीय और विश्लेषणात्मक कौशल के लिए जाने जाते हैं, आपने 12 वर्षों तक ऋण विभाग में कार्य किया है जिससे आपको उद्योग जगत के विभिन्न क्षेत्रों के प्रस्तावों के अध्ययन में कुशलता हासिल है.
आप दिनांक 19 फरवरी, 2018 को विजया बैंक में कार्यपालक निदेशक के पद पर पदोन्नत हुए और आपने ऋण [परिचालन], नीति, वसूली, विधि, ट्रेजरी और अन्य महत्वपूर्ण विभागों का संचालन किया.
आपने बैंक ऑफ बड़ौदा में विशेष कार्य अधिकारी के रूप में कार्य किया तथा तीन बैंकों के (बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया बैंक और देना बैंक) के समामेलन के पश्चात एकीकरण प्रक्रिया के समग्र रुप से प्रभारी रहे और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग तथा डिजिटल बैंकिंग विभाग को आपने नेतृत्व प्रदान किया.
श्री शांति लाल जैन वाणिज्य में स्नातकोत्तर होने के साथ ही चार्टर्ड अकाउंटेंट, कंपनी सचिव और सीएआईआईबी की व्यवसायिक योग्यता प्राप्त हैं. इलाहाबाद बैंक ज्वाइन करने से पूर्व, आपने लगभग 6 वर्ष विभिन्न उद्योगों में कार्य किया है. आपने इलाहाबाद बैंक में 1993 में मध्यम प्रबंधन श्रेणी/वेतनमान-II में ज्वाइन किया और महाप्रबंधक पद तक पहुचें.
आपने शाखाओं, अंचल कार्यालय, फील्ड महाप्रबंधक कार्यालय, स्टाफ महाविद्यालय और प्रधान कार्यालय में कार्य किया है. आपने अंचल प्रबंधक, आगरा अंचल के रूप में भी कार्य किया है.
आपने बैंक के मुख्य वित्तीय अधिकारी, मुख्य जोखिम अधिकारी और महाप्रबंधक- आईटी का दायित्व भी संभाला है.
हमारा बैंक ज्वाइन करने से पूर्व, पिछ्ले एक वर्ष से आप मुंबई में फील्ड महाप्रबंधक (पश्चिम) के पद पर कार्यरत थे और लगभग रू. 50000 करोड़ के व्यवसाय के साथ महाराष्ट्र, गुजरात और गोवा परिचालन की जिम्मेदारी संभाले हुए थे.
श्री वी.एस.खीची ने एमबीए (वित्त एवं मार्केटिंग) किया है. साथ ही उन्होंने सीएआईआईबी और जीवन बीमा में एसोसियेट की व्यावसायिक योग्यता भी हासिल की है. बैंक ऑफ़ बड़ौदा में आने के पूर्व वे देना बैंक में क्षेत्र महाप्रबंधक (गुजरात परिचालन) के पद पर कार्यरत थे.
देना बैंक में उन्होंने दिसम्बर 1985 में प्रोबेशनरी अधिकारी के रूप में ज्वाइन किया. विभिन्न जिम्मेदारियों को सफलतापूर्वक पूरा करते हुए वे महाप्रबंधक पद तक पदोन्नत हुए और मई 2015 में देना बैंक के क्षेत्र महाप्रबंधक (गुजरात परिचालन) का प्रभार ग्रहण किया. प्रोबेशनरी अधिकारी से शुरू कर महाप्रबंधक के रूप में विभिन्न कार्यालयों एवं विभागों में अपनी 33 वर्षों की सेवा के दौरान उन्हें बैंकिंग परिचालन के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने का व्यापक अनुभव है. शाखा परिचालन के साथ-साथ नियंत्रक कार्यालय स्तर से आयोजना एवं नीति निर्माण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी उनका अहम योगदान रहा है. उन्हें बैंक के रिटेल बैंकिंग, मार्केटिंग (प्रोडक्ट डेवलपमेंट), मर्चेंट बैंकिंग, वसूली प्रबंधन, विदेशी कारोबार जैसे महत्वपूर्ण विभागों में कार्य करने का गहन अनुभव है.
श्री खीची ने राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति, गुजरात के संयोजक के रूप में राज्य सरकार के वरिष्ठ प्राधिकारियों, भारतीय रिज़र्व बैंक सहित सभी बैंकों, बीमा कंपनियों एवं विभिन्न संगठनों के उच्चाधिकारियों के साथ बेहतर तालमेल के साथ गुजरात में सरकार की वित्तीय समावेशन संबंधी विभिन्न क्रियाकलापों को पूरा करने में अपना भरपूर योगदान दिया है.
श्री अजय के खुराना ने दिनांक 01.04.2020 को बैंक ऑफ बड़ौदा के कार्यपालक निदेशक के रूप में अपना पदभार संभाल लिया है. आप सीएआईआईबी की व्यावसायिक योग्यता के साथ बिजनेस मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएट हैं. दिनांक 01.04.2020 को बैंक ऑफ बड़ौदा के कार्यपालक निदेशक के पद का दायित्व संभालने से पूर्व आपने दिनांक 20.09.2018 से 31.03.2020 तक सिंडिकेट बैंक के निदेशक मंडल में कार्यपालक निदेशक के तौर सेवाएं प्रदान की.
आप दिनांक 15.11.1988 को विजया बैंक में अधिकारी के रूप में सेवा में आए. आपके पास 17 वर्षों तक फील्ड स्तर के विभिन्न पदों पर तथा 4 वर्षों तक विजया बैंक के क्षेत्रीय प्रमुख के रूप में कार्य करने का व्यापक परिचालन अनुभव है. बैंक में विभिन्न पदों पर कार्य करते हुए आप महाप्रबंधक के रूप में पदोन्नत हुए. श्री अजय के खुराना को बैंक के महत्वपूर्ण विभागों जैसे कि ऑडिट, एनपीए वसूली, अंतर्राष्ट्रीय बैंकिंग, परिचालन, सूचना प्रौद्योगिकी एवं कॉर्पोरेट क्रेडिट में कार्य करने का गहरा अनुभव है.
आप दिनांक 20.09.2018 को कार्यपालक निदेशक के रूप पदोन्नत हुए और आपने विभिन्न विभाग यथा सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, ट्रेजरी एवं अंतर्राष्ट्रीय बैंकिंग, वसूली, एमएसएमई, मिड कॉर्पोरेट एवं केंद्रीय लेखा विभाग के कार्यों को संभाला है.
श्री अमित अग्रवाल को बैंकिंग कंपनी (उपक्रमों का अधिग्रहण एवं हस्तांतरण) अधिनियम की धारा 9 के अंतर्गत जारी भारत सरकार की दिनांक 24 जनवरी, 2020 की अधिसूचना द्वारा बैंक के निदेशक मंडल में सरकार के मनोनीत निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है.
श्री अमित अग्रवाल 1993 से भारतीय प्रशासनिक सेवा के सदस्य हैं. वर्ष 2016 से आप वित्तीय सेवाएं विभाग, वित्त मंत्रालय में भारत सरकार के संयुक्त सचिव के रूप में कार्यरत हैं.
आप भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर के पूर्ववर्त्ती छात्र रहे हैं. आपने भारत सरकार तथा छत्तीसगढ़ एवं मध्य प्रदेश की राज्य सरकारों में विशेष रूप से वित्त, तकनीक और तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में शीर्ष पदों पर कार्य किया है.
आपके पूर्व दायित्वों में प्रधानमंत्री कार्यालय में निदेशक, प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद कार्यालय में सलाहकार एवं निदेशक, राष्ट्रीय नवोन्मेषिता परिषद के अध्यक्ष के साथ विशेष पदाधिकारी, विभिन्न राज्य सरकारों के विभागों और एजेंसियों के प्रमुख तथा जिला स्तर पर स्थानीय सरकारी कार्यालयों के प्रमुख के दायित्व शामिल हैं.
श्री अजय कुमार को 13 जनवरी, 2017 से बैंककारी कंपनी (उपक्रमों का अर्जन एवं अंतरण) अधिनियम की धारा 9 के तहत भारत सरकार की अधिसूचना दिनांक 13 जनवरी, 2017 के माध्यम से बैंक के निदेशक मंडल में सरकार की ओर से नामिती निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है.
श्री अजय कुमार ने अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर और बैंकिंग में एमएस की डिग्री प्राप्त की है. वे भारतीय बैंकिंग संस्थान के प्रमाणित एसोसिएट सदस्य (सीएआईआईबी) भी हैं.
उन्होंने भारतीय रिज़र्व बैंक में 1991 में सेवा ग्रहण की और उन्हें मुद्रा प्रबंधन, ग्रामीण ऋण एवं आयोजना, विदेशी मुद्रा प्रबंधन तथा बैंकिंग पर्यवेक्षण के क्षेत्र में विभिन्न पदों पर कार्य करने का 25 वर्षों का व्यापक अनुभव है. उन्होंने एचडीएफसी बैंक तथा कोटक महिन्द्रा बैंक के वरिष्ठ पर्यवेक्षण प्रबंधक के रूप में भी कार्य किया है. वे इलाहाबाद बैंक, यूनाइटेड बैंक तथा यूको बैंक की वार्षिक पर्यवेक्षी प्रक्रिया के लिए प्रिंसिपल निरीक्षणकर्ता अधिकारी (पीआईओ) भी थे और उन्होंने अपने नेतृत्व में यूको बैंक की व्यापक आस्ति गुणवत्ता समीक्षा भी की थी. इसके अलावा, उन्हें भारत में स्थित विदेशी बैंकों के संचालन की निगरानी की जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी. विदेशी मुद्रा प्रबंधन के क्षेत्र में उन्होंने बैंकों के लिए जोखिम प्रबंधन दिशानिर्देश तैयार करने तथा विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति तैयार करने में नेतृत्व प्रदान किया. इससे पहले, उन्होंने अपने ग्रामीण ऋण एवं आयोजना विभाग के कार्यकाल के दौरान 4 ग्रामीण बैंकों के नामिती निदेशक के रूप में भी कार्य किया है.
वर्तमान में आप भारतीय रिज़र्व बैंक के क्षेत्रीय निदेशक के रूप में फरवरी 2016 से लखनऊ में कार्यरत हैं और उत्तर प्रदेश में समग्र बैंकिंग ढांचे के विकास के लिए अपने दायित्वों का निर्वाह कर रहे हैं.
श्री श्रीनिवासन श्रीधर ने बैंक के शेयरधारकों के प्रतिनिधि निदेशक के रूप में निदेशक मंडल में अपना कार्यभार ग्रहण किया है. उनकी नियुक्ति दिनांक 12 दिसम्बर 2018 से 3 वर्षों की अवधि के लिए की गई है. श्री श्रीधर ने दिल्ली विश्वविद्यालय से बी.कॉम (ऑनर्स) किया है, साथ ही वे चार्टर्ड अकाउंटेंट भी हैं.
श्री श्रीधर 2013 से एक अग्रणी ग्लोबल मैनेजमेंट कंसल्टिंग फर्म से जुड़े हुए हैं. इस क्षेत्र में वे अग्रणी वित्तीय सेवा कंपनियों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों, निदेशक मंडल एवं अन्य वरिष्ठ कार्यपालकों के साथ प्रबंधन कार्यनीति, क्लाइंट कवरेज मॉडल, उत्पाद एवं वितरण कार्यनीति तथा कॉस्ट ऑप्टिमाइजेशन जैसे विषयों पर कार्य करते हैं.
श्री श्रीधर का देश-विदेश में वित्तीय सेवा विशेषज्ञ के रूप में 30 वर्षों से भी अधिक का अनुभव है. वे सिटीग्रुप से 28 वर्षों से जुड़े रहे और एशिया, अफ्रीका व यूरोप के 6 देशों में कार्य किया. उन्होंने सिटीग्रुप के 3देशों के सीईओ, भारत के कॉर्पोरेट प्रमुख, अफ्रीका में ट्रांजेक्शन सेवाओं के प्रमुख तथा मध्य व पूर्वी यूरोप, मध्य पूर्व एवं अफ्रीका में बैंकिंग सेवा समूहों के प्रमुख के रूप में भी कार्य किया. श्री श्रीधर को बैंकिंग तथा कॉर्पोरेट बैंकिंग, प्रोडक्ट मैनेजमेंट, रिस्क मैनेजमेंट, गवर्नेंस एवं विनियामक अनुपालन के क्षेत्र में कार्य करने का व्यापक अनुभव है.
श्री श्रीधर मुंबई में रहते हैं तथा वे बॉलीवुड, फुटबॉल एवं वन्य प्राणियों के शौकीन हैं. वे बाल कल्याण, आर्थिक सशक्तीकरण, सुविधाओं से वंचित लोगों के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे सामाजिक कार्यों के लिए कार्य करते हैं.
श्रीमती सौंदरा कुमार ने बैंक के शेयरधारकों के प्रतिनिधि के रूप में 24 दिसंबर 2017 को 3 वर्षों की अवधि के लिए हमारे बैंक के निदेशक मण्डल में निदेशक के रूप में कार्यभार ग्रहण किया है. उन्होंने स्टेला मैरिस कॉलेज, चेन्नई से गणित में स्नातक किया है.
उन्होंने 1975 में भारतीय स्टेट बैंक में परिवीक्षाधीन अधिकारी के रूप में कार्यभार ग्रहण किया और 2014 में अपनी सेवानृवित्त तक कार्यरत रही. इस अवधि के दौरान उन्होंने एसएमई, रिटेल और कृषि एवं ग्रामीण (वित्तीय समावेशन) शाखाओं के शाखा प्रमुख सहित विभिन्न पदों पर कार्य किया. उन्होंने बैंक के तिरुचिरापल्ली स्थित प्रशिक्षण केंद्र में संकाय सदस्य के रूप में भी कार्य किया. वे चेन्नै क्षेत्र में क्षेत्रीय प्रमुख के पद पर भी रहीं और शहर की 40 शाखाओं को नियंत्रित किया. उप महाप्रबंधक के रूप में पदोन्नत होने पर उन्हें वरिष्ठ वाइस प्रेसिडेंट के पद पर कैलिफोर्निया की आर्टेसिया शाखा में पदस्थापित किया गया. तत्पश्चात उन्होंने बैंक की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (कैलिफोर्निया) के प्रेसिडेंट के रूप में तथा बैंक की लॉस एंजल्स एजेंसी के सीईओ के रूप में कार्य किया.
वे अक्तूबर 2008 से बैंक के सहयोगी स्टेट बैंक ऑफ इंदौर की प्रबंध निदेशक भी रहीं जहां उन्होंने 2010 में इसका सफलता पूर्वक विलय मूल बैंक में करवाया. तत्पश्चात वे बैंक के बेंगलुरु अंचल कार्यालय की प्रमुख बनीं जिसके अंतर्गत सम्पूर्ण कर्नाटक राज्य की 400 से अधिक शाखाओं का परिचालन संभाला. वर्ष 2014 में अपनी सेवानिवृति तक वे बैंक के कॉर्पोरेट कार्यालय, मुंबई में दबावग्रस्त आस्ति प्रबंधन के प्रभारी के रूप में उप प्रबंध निदेशक के पद पर कार्यरत रहीं.
वे बैंक के कॉर्पोरेट सेंटर में 3 वर्षों से अधिक की अवधि तक होलसेल बैंकिंग क्रेडिट समिति की प्रमुख भी रहीं जहां उन्होंने उच्च मूल्य वाले व्यावसायिक ऋण प्रस्तावों के मूल्यांकन का कार्य किया तथा वे कॉर्पोरेट सेंटर निवेश समिति, ऋण नीति एवं प्रक्रिया समिति की स्थायी सदस्य भी रहीं. उन्होंने वित्तीय समावेशन के लिए व्यवसाय प्रतिनिधि (बीसी) मॉडल को बढ़ाने के लिए अपनाए जाने वाले उपायों की सिफ़ारिश के लिए रिज़र्व बैंक के वर्किंग ग्रुप की सदस्य के रूप में भी कार्य किया. उन्होंने रिज़र्व बैंक द्वारा गठित कॉर्पोरेट ऋण पुनर्संरचना प्रणाली के कोर समूह की सदस्य के रूप में भी कार्य किया.
उन्होंने भारतीय स्टेट बैंक की नामिती निदेशक के रूप में एआरसीआईएल, सरसाई, सिडबी वेंचर कैपिटल आदि के निदेशक मण्डल में भी कार्य किया. वर्तमान में वे टीएनपीएल, रैमको सीमेंट, शांति गीयर्स आदि जैसी सूचीबद्ध कंपनियों सहित कई कंपनियों में स्वतंत्र निदेशक के रूप में कार्यरत हैं.